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मिथ्या प्र.सू.रिपोर्ट को निरस्त कराने के लिए उच्च न्यायालय को 482 दं.प्र.संहिता में आवेदन करें।

समस्या-

विशाल कुमार ने ग्राम मवई कला परगना तहसील मलिहाबाद जनपद लखनऊ उत्तर प्रदेश से पूछा है-

मेरे गांव की एक महिला के साथ बलात्कार हो गया था। वह महिला लगातार थाने जा रही थी लेकिन थाने से सुनवाई नहीं हो रही थी। उसका पति भी अत्याधिक बीमार था, वह महिला मुझे व मेरे ग्राम प्रधान को रोते हुए अपनी आपबीती बताई। हमने उसकी मदद करने के लिए आशा ज्योति केंद्र का पता बताया था और उस महिला को आशा ज्योति केंद्र के यहां लेकर गए थे। यह जानकारी महिला के विपक्षी को हो गई तो विपक्षी ने स्पेक्टर को बताया। स्पेक्टर ने अपने दरोगा से फोन कराया और कहा कि तुम उस महिला से सुलह करा दो नहीं तो तुम्हारे खिलाफ कोई मुकदमा लिख दिया जाएगा। मैंने रिकॉर्डिंग फोन पर कर ली है। जब आशा ज्योति केंद्र की टीम ने महिला का मुकदमा लिखवा दिया तो विपक्ष ने मेरे खिलाफ भी अन्य महिला से आरोप लगाकर धारा 120 बी 506 हमारे व हमारे ग्राम प्रधान के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर दिया। हम बीएएमएस छात्र हैं और ग्राम प्रधान के पति सरकारी आवास विकास में वरिष्ठ पद पर कार्यरत हैं। हम अपने भविष्य को लेकर काफी चिंतित है।

समाधान-

आप की समस्या आम है। आजकल गलत कामों के विरुद्ध कोई आवाज उठाना चाहता है तो उस का मुहँ बन्द करने के लिए पुलिस और अदालत का उपयोग इस तरह किया जाता है। यह कृत्य स्वयं में अपराध है। यह न्याय व्यवस्था का दुरुपयोग है। मुश्किल यह है कि इस तरह का दुरुपयोग रोकने के लिए खुद पुलिस और न्यायपालिका के पास कोई व्यवस्था नहीं है। जिस का लाभ अपराधिक प्रवृत्ति के लोग उठाते हैं।

इस मामले में यदि आप के व ग्राम प्रधान के विरुद्ध कोई प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज हो गयी हैं तो आप को तुरन्त उच्च न्यायालय में धारा 482 दंड प्रक्रिया संहिता के अंतर्गत आवेदन प्रस्तुत कर प्रथम सूचना रिपोर्ट को निरस्त करने के लिए कार्यवाही करनी चाहिए। जब तक इस आवेदन का निस्तारण न हो जाए तब तक न्यायालय से यह प्रार्थना करना चाहिेए कि इस प्रथम सूचना रिपोर्ट पर पुलिस जाँच को स्थगित रखे या फिर गिरफ्तारी न करें।

आप को पुलिस के उच्चाधिकारियों को भी अपनी बात कहने के लिए परिवाद प्रस्तुत करना चाहिए। आप जिस थाने में प्रथम सूचना रिपोर्ट प्रस्तुत हुई है उस थाने पर अधिकारिता रखने वाले एसपी और एसएसपी अपना परिवाद प्रस्तुत कर सकते हैं। आप को महिला आयोग को भी उस महिला से शिकायत भिजवानी चाहिए।

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