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मिथ्या मुकदमा करना भी क्रूरता है जिस के आधार पर विवाह विच्छेद हो सकता है।

rp_divorce-decree4.jpgसमस्या-

देवेन्द्र गोलन ने पुण्डरी, हरियाणा से समस्या भेजी है कि-

मेरी शादी एप्रिल 2002 में हुई. मेरी उम्र 37 साल है।  हमारा एक बेटा है जिसकी उम्र 11 साल है।  मेरी पत्नी शुरू से ही मेरे माता पिता को पसंद नही करती थी। वो उनके साथ अक्सर झगड़ा करती रहती थी।  जिस कारण हम कुछ दिन बाद अलग रहने लग गये।  उसके बाद मेरी पत्नी मेरे साथ झगड़ा करने लग गई। इस बारे कई बार पंचायत भी हुई।  जिस में मेरी पत्नी ने अलग मकान बनाने की माँग रखी।  जो पूरी भी की  फिर भी हमारे बीच झगड़ा होता रहता था।  मैं अपना और मेरे बेटे का सारा काम खुद करता था।  एक दिन उस ने मुझ से कहा मैं अपने भाई के पास अमरीका जाना चाहती हूँ। इस लिए तुम अपने हिस्से की ज़मीन मेरा नाम करवा दो ओर हो सके तो अपने भाई की हिस्से की ज़मीन भी मेरे नाम करवा दो। जिस से इस से मेरा वीसा आसानी से लग जाएगा।  सारी ज़मीन मेरे पिता जी के नाम है जो मेरे लिए संभव नही था। इस के लिए मेरी पत्नी ने मेरे ऊपर दबाव बनाने के लिए मेरे ओर मेरे माता पिता पर  घरेलू हिंसा का मुक़दमा ऑक्टोबर 2011 में कर दिया। जब इससे भी बात नहीं बनी तो उसने मेरे पिता और मेरे खिलाफ 323, 354आ,ब, 376ब 506, 509 का मुक़दमा दायर कर दिया। इन सभी में मैं 1 एप्रिल, 2015 को बरी हो चुका हूँ। मैं ने जुलाई 2014 में डाइवोर्स का मुक़दमा डाला है। अब वो हमें सुसाइड करने की धमकी देती है और कहती है मैं तुम सभी को जेल भेजूंगी। इसके बारे में मुझे क्या करना चाहिए? और मैं जानना चाहता हूँ कि क्या मेरा डाइवोर्स हो सकता है? क्या इस के बाद भी वो मेरे घर मे ही रहेगी जो मेरे पिता की निजी संपत्ति है।

समाधान –

ये सब बिना देखे भाले विवाह संबंध करने के परिणाम हैं। आप जब विवाह करते हैं तो आप को पता होना चाहिए कि आप की व आप के परिवार की पत्नी से क्या अपेक्षाएँ हैं। आप को यह भी देखना चाहिए कि वे अपेक्षाएँ क्या वह लड़की पूरी कर सकेगी। उस लड़की को भी आप की अपेक्षाओं की जानकारी होनी चाहिए, उस लड़की को भी पता होना चाहिए कि क्या वह वे सारी अपेक्षाएँ पूरी कर सकती है। उसी तरह से लड़की की अपेक्षाओं की जानकारी आप को होनी चाहिए और उन्हें पूरी कर सकने की आप की क्षमता का अनुमान भी आप को होना चाहिए। कुछ अपेक्षाओं पर समझौते हो सकते हैं। लेकिन दबी हुई या दबाई हुई अपेक्षाओं पर नहीं। यही सब इन झगड़ों के मूल में होता है। जो जानकारियाँ आप को एक दूसरे से प्राप्त हों उन की जाँच किसी तीसरे स्रोत से भी करनी चाहिए। हमारे यहाँ विवाह के पहले बहुत झूठ भी बोले जाते हैं। खैर¡

प की पत्नी कुछ अधिक स्वार्थी प्रतीत होती है। पहले वह आप के माता पिता से झगड़ा करती थी। अलग होने पर आप से करने लगी। वह मूर्ख भी है कि उस ने आप से माता-पिता की संपत्ति को उस के नाम करने को कहा जो आप के लिए संभव नहीं था। यदि संभव होता तो शायद आप कर भी देते। कर देते तो यह एक बड़ी गलती होती। पत्नी यदि भाई के पास चली जाती तो स्वार्थ वहाँ भी उसे सुखी नहीं रहने देता, वह उन से भी झगड़ती। पत्नी का किया झूठा मुकदमे में आप बरी हो गए हैं। इस तरह का झूठा मुकदमा करना अपने आप में गंभीर क्रूरता है। अकेले इस आधार पर आप को विवाह विच्छेद प्राप्त हो सकता है। लेकिन आप ने पहले ही विवाह विच्छेद का मुकदमा कर दिया है। उस में आप के आधार क्या हैं? यह आप ने बताया नहीं तो कोई कैसे बता सकता है कि आप को विवाह विच्छेद प्राप्त होगा या नहीं। यदि मुकदमे वाली क्रूरता का उस आवेदन में उल्लेख नहीं है तो आवेदन में संशोधन के माध्यम से उसे शामिल कराएँ।

प की पत्नी आप के पिता के मकान में उन के लायसेंस पर रह रही है क्यों कि वह उन के पुत्र की पत्नी है। आप के पिता को चाहिए कि नोटिस दे कर उस का लायसेंस रद्द कर दें और फिर मकान खाली कर कब्जा देने के लिए आप की पत्नी के विरुद्ध वाद संस्थित करें।

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