DwonloadDownload Point responsive WP Theme for FREE!

मूल दस्तावेज मंगाने के लिए न्यायालय को आवेदन किया जा सकता है …

RTIसमस्या-

राहुल ने कानपुर, उत्तरप्रदेश से समस्या भेजी है कि-

संरक्षण अधिकारी से जनसूचना अधिकार के अन्तर्गत बयानों की प्रमाणित प्रति मांगे जाने पर अधिकारी द्वारा यह लिखित जवाब दिया कि पति पत्नी के बयान हुए नहीं थे सिर्फ उपस्थिति के हस्ताक्षर की प्रमाणित प्रति दी। संयोग से पति पत्नी के बयानों की कॉपी पहले से ही थी, जिसके आधार पर पत्नी के प्रार्थना पत्र में कही गयी बातें और बयानों में अंतर जैसे मायके से निकाले जाने की तारीख में जिस के आधार पर पत्नी का झूठ सिद्ध होता था। अगर केस चलता है तो उस में राहत मिल सकती थी? सर मुझे क्या करना चाहिए?

समाधान-

प को आप के पास उपलब्ध प्रति की फोटो प्रतियाँ संलग्न करते हुए सूचना के अधिकार के अंतर्गत अपील प्रस्तुत करनी चाहिए। यदि मुकदमा होता है या पुलिस में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज हो कर कोई अन्वेषण होता है तो आप उन की फोटो प्रतियाँ प्रस्तुत कर के बचाव की कोशिश कर सकते हैं। तथा जमानत के समय भी इन का उपयोग कर सकते हैं।

दि कोई मुकदमा न्यायालय में जाता है तो आप उस न्यायालय में आप के पास की प्रतियाँ प्रस्तुत करते हुए न्यायालय से प्रार्थना कर सकते हैं कि बयानों की असली प्रति पुलिस के पास उपलब्ध होनी चाहिए और पुलिस के सक्षम अधिकारी को तलब कर के उस से उक्त बयानों की असल प्रति न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत कराई जाए। यदि फिर भी असल न्यायालय के समक्ष नहीं आती है तो आप साक्ष्य अधिनियम के अन्तर्गत आवेदन दे कर अपने पास उपलब्ध प्रतियों को द्वितियक साक्ष्य के रूप में साक्ष्य में ग्रहण करने का आवेदन न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत कर सकते हैं और न्यायालय इसे अनुमत कर सकता है।

Print Friendly, PDF & Email
One Comment