मृत्यु की सूचना कोई भी रजिस्ट्रार को दे सकता है।
|विजय कुमार ने बहरोड, अलवर, राजस्थान से पूछा है-
ग्रामसेवक क्या जमीन की जमाबन्दी के आधार पर म्रुत्यु प्रमाण पत्र बना सकता है? बिना फोटो युक्त पहचान पत्र के हमारी बुआ 60 साल से हमारे पास रह रही थी। उसके सुसराल वाले के पास कोई पहचान पत्र नहीं था। हमारी बुआ की हमारे पास ही मोत हो गयी। 12 दिन हमने किया, गंगाजी हम गये, दाह संस्कार हमने किया और हमारे बुआ के जेठ का पोता जमाबन्दी के आधार पर स्वयं के गांव के पता के आधार पर मरने के 5 दिन बाद बना ले गया है। हम बनवाने गये तो ग्राम सेवक ने कहा वह तो बनवा ले गए। ग्राम सेवक ने पेसा लेकर बना दिया। मैं यह जानना चाहता हूँ की सिर्फ जमाबन्दी के आधार के आधार पर ही मृत्यु प्रमाणपत्र बना सकता है? क्या मैँ ग्रामसेवक के खिलाफ क्या कारवाई कर सकता हूँ।
समाधान-
यदि आप की बुआ के जेठ का पोता आप की बुआ का मृत्यु प्रमाण पत्र बना कर ले गया तो उस से आप को नुकसान क्या हुआ? जहाँ भी कानून के अनुसार जन्म-मृत्यु पंजीकरण होता है उन का यह कर्तव्य होता है कि जब भी उन्हें जन्म या मृत्यु की सूचना मिले उस के बारे में जानकारी हासिल करें कि वास्तव में जन्म मृत्यु की यह सूचना सही है या गलत। यदि वह सही पाई जाए तो उस प्रमाणों के आधार पर उस सूचना को पंजीकृत कर लिया जाता है। यह सूचना कोई भी दर्ज करवा सकता है। एक बार जन्म या मृत्यु की सूचना रजिस्टर में दर्ज हो जाए तो फिर उस रजिस्टर के आधार पर कोई भी प्रमाण पत्र की प्रति प्राप्त कर सकता है। आप की बुआ के जेठ के पोते ने सूचना दर्ज करवा दी तो उस से क्या फर्क पड़ रहा है? आप की मेहनत बच गयी और प्रमाण पत्र भी प्राप्त कर सकते हैं।
यदि बुआ के नाम की संपत्ति का प्रश्न आएगा तो जो संपत्ति उसे अपने मायके से प्राप्त हुई होगी वह मायके वालों को और जो ससुराल से प्राप्त हुई होगी या उस की स्वयं की अर्जित होगी वह उस के पति के उत्तराधिकारियों को प्राप्त होगी। बुआ के जेठ का पोता मृत्यु प्रमाण पत्र इस लिए ले गया है कि वहाँ बुआ का नाम किसी न किसी खेती की जमीन में चल रहा होगा तो अब उस के आधार पर वे उत्तराधिकारी होने के कारण अपने नाम नामान्तरण करवा सकें।