यौन उत्पीड़न के अपराध में फँसाने की धमकी देकर उद्दापन का अपराध आजीवन कारावास तक से दंडनीय है।
|समस्या –
दिल्ली से दीपक कुमार ने पूछा है-
मेरी मौसी और उस की पुत्री उत्तराधिकार वाली संपत्ति के मामले में मुझ पर यौन प्रताड़ना का मिथ्या आरोप लगा कर फँसाने की धमकियाँ देती हैं। मुझे क्या करना चाहिए?
समाधान-
किसी भी व्यक्ति को किसी प्रकार की क्षति पहुँचाने के भय में डाल कर कोई किसी व्यक्ति की संपत्ति या मूल्यवान प्रतिभूति या हस्ताक्षरित या मुद्रांकित कोई वस्तु देने के लिए बेईमानी से प्रेरित करता है तो वह उद्दापन (Extortion) का अपराध करता है। यदि यह भय आजीवन कारावास या मृत्युदंड से दंडनीय अपराध का मिथ्या आरोप लगाने का हो तो उद्दापन का यह अपराध भारतीय दंड संहिता की धारा 388 के अंतर्गत आजीवन कारावास या दस वर्ष तक के कारावास से दंडनीय है।
इस तरह आप की मौसी और उस की लड़की आप को धमकी दे कर उक्त अपराध कर रही हैं। यह एक अजमानतीय तथा संज्ञेय अपराध है जिस में पुलिस बिना न्यायालय के वारण्ट के अभियुक्त को गिरफ्तार कर सकती है तथा उन के विरुद्ध अपराधिक मुकदमा चलाने के लिए आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत कर सकती है।
समस्या यह है कि मौसी और उस की लड़की ने आप को ऐसी धमकी दे कर अपराध किया है यह साबित कैसे किया जाए। इस के लिए यह आवश्यक है कि ऐसी कोई संपत्ति हो जिसे छोड़ देने के लिए आप की मौसी और उस की लड़की आप पर दबाव डाल रही हों। दूसरे उन्हों ने जो धमकी या धमकियाँ आप को दी हैं उस का कोई दस्तावेजी और मौखिक साक्ष्य हो। ये साक्ष्य आप को जुटानी होंगी। आज कल ऑडियो वीडियो माध्यम मोबाइल फोन में उपलब्ध होते हैं। आप ऐसी धमकी को मोबाइल फोन में सुरक्षित कर सकते हैं और उस फोन की मूल रिकार्डिंग सुरक्षित रखते हुए उस की अन्य प्रतियाँ बना सकते हैं। ये सबूत के बतौर काम आ सकती हैं। ध्यान रहे फोन पर की गई मूल रिकार्डिंग आप को न्यायालय में प्रस्तुत करने के लिए सुरक्षित रखनी होगी। फोन ही न्यायालय में प्रस्तुत करना होगा। इस के अलावा ऐसी धमकी के आप कोई गवाह भी बना सकते हैं। जब ऐसा मौका हो कि वे दोनों आप को धमकी दे रहे हों कोई सुन रहा हो तो वह गवाह बन सकता है। ऐसा अवसर आप को देखना होगा। यदि आप ये सब कर सके और कुछ प्राथमिक साक्ष्य जुटा सकें तो शेष काम पुलिस का अन्वेषण अधिकारी कर लेगा।
आप के बचाव का यही एक मात्र मार्ग हो सकता है कि आप के विरुद्ध ऐसा आरोप लगे उस के पहले आप स्वयं उन के द्वारा किए जा रहे इस अपराध की शिकायत पुलिस को प्रस्तुत कर उन के विरुद्ध कार्यवाही आरंभ कराएँ।
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