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रजिस्टर्ड डाक से भेजा नोटिस वापस लौट आने का अर्थ

क मुवक्किल को उस का किराएदार आठ माह से अधिक समय से किराया नहीं दे रहा था। इस के अलावा अपने व्यवहार से न्यूसेंस और पैदा करता था। मुवक्किल उसे किराए पर दिया परिसर खाली कराना चाहता था। प्रारंभिक रूप से हम ने मुवक्किल की ओर से उस के किराएदार को नोटिस भेजा। लेकिन नोटिस किराएदार को प्राप्त हुए बिना वापस लौट आया। मेरे सहायक ने बताया कि नोटिस वापस लौट आया है, क्या करना है? मैं ने वापस लौटा लिफाफ देखा और सहायक को कहा मुवक्किल को बुला लो, बकाया किराए और मकान खाली करने की अर्जी तैयार करवा कर पेश करेंगे। 
-लेकिन सर! नोटिस तो वापस लौट आया, वह किरायेदार को मिला नहीं, और कानून यह है कि यदि चार माह या अधिक का किराया बकाया होने पर मकान मालिक उसे रजिस्टर्ड डाक से नोटिस देगा, नोटिस मिलने के एक माह में किराएदार ने किराया अदा  नहीं किया तो ही किराया अदायगी में चूक के आधार पर इन्खलाय (मकान खाली) हो  सकता है।
मैं ने उसे कहा कि वह जनरल क्लॉजेज एक्ट निकाल कर लाए। वह लाया तो मैं ने उसे इस की धारा-28 पढ़ कर सुनाने को कहा। वह पढ़ने लगा –
27. 2[ Meaning of service by post.- Where any 3[ Central Act] or Regulation made after the commencement of this Act authorizes or requires any document to be served by post, whether the expression” serve” or either of the expressions” give” or” send” or any other expression is used, then, unless a different intention appears, the service shall be deemed to be effected by properly addressing, pre- paying and posting by registered post, a letter containing the document, and, unless the contrary is proved, to have been effected at the time at which the letter would be delivered in the ordinary course of post. 
 से पढ़ने के बाद मैं ने उस से पूछा- क्या मतलब हुआ इस का? वह बताने लगा – इस का मतलब यह हुआ कि यदि किसी दस्तावेज को किसी को रजिस्टर्ड डाक से तामील कराने देने या भेजने की कानूनी आवश्यकता हो तो  भेजे जाने वाले डाक लिफाफे पर जिस व्यक्ति को उसे तामील कराया जाना था, उस का उचित पता अंकित किया गया हो, उस पर पर्याप्त डाक टिकट लगे हों और उस में वास्तविक दस्तावेज मौजूद हो तो यह तामील प्रभावी मानी जाएगी, जब तक विपरीत रूप से यह प्रमाणित नहीं कर दिया जाए।
ब मैं ने सहायक को वापस लौटा लिफाफा देखने को कहा तो उस ने लिफाफा देख कर ताया कि इस पर पोस्टमेन ने  एक सप्ताह तक की पते पर जाने की तारीखें लगा रखी हैं और यह अंकित किया है कि पाने वाला डिलीवरी समय पर नहीं मिलता है।  
स का अर्थ यह है कि आप का यह नोटिस तामीलशुदा माना जाएगा। अब यह सिद्ध करने का भार किराएदार का है कि उसे यह नोटिस नहीं मिला था। यदि वह अदालत में यह सिद्ध भी कर दे, तो भी जब हम मुकदमा करेंगे तो उसे यह नोटिस मुकदमे के दस्तावेज के रूप में मिल जाएगा, और यदि वह फिर एक माह में बकाया किराया जमा नहीं कराता है तो उस के विरुद्ध किराया अदायगी में चूक स्वयमेव ही सिद्ध हो जाएगी। 
स पर सहायक कहने लगा- सर! इस पर कोई दृष्टांत भी है क्या? तब मैं ने कहा – है। लेकिन यह अब तुम्हारा काम है कि पुस्तकालय से जा कर उसे तलाश कर के लाओ। सहायक पुस्तकालय में जुट गया। कुछ देर बाद वह सही दृष्टांत तलाश कर के लाया। आप चाहें तो आप भी उच्चतम न्यायालय के उस दृष्टांत (D. Vinod Shivappa vs Nanda Belliappa) को यहाँ क्लिक कर के पढ़ सकते हैं। वह उच्चतम न्यायालय का एक और दृष्टांत (C.C. Alavi Haji vs Palapetty Muhammed & Anr) तलाश कर लाया आप उसे यहाँ पढ़ सकते हैं। 
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