रेल में हुई क्षतियों के लिए रेलवे अधिकरण में दावा करें।
|समस्या-
अनिल कुमार पारा, तहसील न्यू रामनगर, जिला सतना म0प्र0 ने पूछा है-
दिनांक 19;01;2014 को रेल में यात्रा के दौरान बांदा से चित्रकूट के बीच में मेरी पत्नी का पर्स चोरी हो गया, जिसमें कीमती मोबाइल सहित कीमती जेबरात और अन्य सामग्री चोरी हो गई। जिसकी विवेचना थाना जी0आर0पी0 चित्रकूट के द्वारा की जाकर कॉल डिटेल के आधार पर चोर की पत्नी को शिवरामपुर से पकडे जाने की सूचना प्राप्ती हुई। मोबाइल व अन्य सामान बरामद किया गया है। किन्तु पुलिस यह नहीं बता रही है कि सामान बरामद किया जा चुका है। पुलिस मात्र सिम बरामद करने की सूचना दे रही है, ऐसी स्थिति में क्या किसी सक्षम न्यायालय की शरण में जाया जा सकता ह? अन्य चोरी गये सामान के मुआवजा के लिये मुझे कहाँ पर दावा करना पडेगा? और पार्टी किसको बनाया जायेगा?
समाधान-
सब से पहले तो यह आवश्यक है कि आप ने चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराई हो। यदि अब तक नहीं कराई है तो अब करवाएँ।
पुलिस यदि बरामद सामान का विवरण नहीं दे रही है तो इस का अर्थ है कि अभी अन्वेषण चल रहा है और हो सकता है वह और सामान बरामद करने की कोशिश कर रही हो। अन्वेषण किस स्तर पर चल रहा है, क्या सामान बरामद हुआ है। अभियुक्त कौन पकड़े गए हैं इस के लिए आप जीआरपी के एसपी कार्यालय के सूचना अधिकारी को सूचना के अधिकार के अन्तर्गत सूचना मांग सकते हैं। सूचना आप को प्राप्त हो जाएगी।
यदि अभियुक्त पकड़े गए हैं और जो माल बरामद हुआ है वह सब सबूत के रूप में जब्त किया गया है। आप को वह सामान जो थाना अन्वेषण कर रहा है उस से संबंधित न्यायालय से जमानत पर वापस प्राप्त हो जाएगा। इस के लिए आप संबंधित न्यायालय में आवेदन दे सकते हैं। जमानत आवेदन पर न्यायालय द्वारा पुलिस से मांगी गई रिपोर्ट में स्पष्ट हो जाएगा कि क्या क्या बरामद हुआ है?
इस के उपरान्त जो सामान आप का प्राप्त नहीं हुआ है उस की क्षति के लिए आप रेलवे अधिकरण में क्षतिपूर्ति का दावा कर सकते हैं। रेलवे अधिकरण की वेबसाइट पर आप को इस की सारी जानकारी मिल जाएगी।
महोदय, आपके द्वारा मुझे दिया गया सुझाव मेरे बहुत उपयोगी सिद्द होगा, पर मुझे आपसे एक ओर सुझाव की आवश्यकता है, आपने अपने सुझाव में बताया गया है कि यदि आपका सामान पुलिस द्वारा बरामद कर लिया है तो में न्यायालय में सामान प्राप्ती हेतु आवेदन दे सकता हूं परन्तु जी0आर0पी0 पुलिस द्वारा जो जानकारी मुझे उपलब्ध कराई है उसमें उनके द्वारा लिखा गया है कि कॉल डिटेल के अाधार पर चोर को पकडा गया है किन्तु उसके पास चोरी का कोई सामान बरामद नहीं हुआ, चोर द्वारा वयान दिया गया है कि उसके द्वारा चाेरी का सामान चित्रकूट में तीर्थयात्रयों को बेच दिया गया जिनका वो नाम पता नहीं जानता, ऐसी जानकारी पुलिस द्वारा मुझे उपलब्ध कराई गई है मतलब साफ है कि जीआरपी पुलिस चित्रकूुट द्वारा फिर से नहीं कहानी तैयार कर ली गई है कीमती सामान पचाने के लिए ऐसी स्थित्िा में क्या पुलिस की दोनाें कहानियों को कोई न्यायायल संज्ञान में लेगा, दूसरी बात यह है कि महाकौशल एक्सप्रेस ट्रेन का जो स्कोर्ट स्टाप है टीसी सहित वो लोग रोज ट्रेन में चोरी करवाते हैं, महाकोशल एक्सप्रेस ट्रेन में हुई चोरियों में सभी चोर ग्राम शिवरामपुर जनपद चित्रकूट के निवासी है, और महाकोशल एक्सप्रेस ट्रेन में चलने वाले जीआरपी पुलिस वाले भी जीआरपी थाना चित्रकूट के ही है, इस कारण जीआरपी स्टाप हर रोज महाकोशल एक्सप्रेस टे्न में चोरी करवाते हैं, मेरे द्वारा इनकी शिकायत पुलिस अधीक्षक झॉसी से की गई किन्तु पुलिस अधीक्षक महोदय रेलवे झॉसी के द्वारा स्कोटिंग स्टाप के विरूद्द किसी प्रकार की कार्यवाही करना मुनासिव नहीं समझा और मेरी शिकायत खारिज कर दी गई जिसकी अपील मेरे द्वारा ईमेल के माध्यम से पुलिस महोनिदेश रेलवे लखनउ को की गई है अभी निर्णय /जॉच होना शेष है, क्या में ट्रेनों की चोरी में सलिप्त ऑन डूयूटी रेलवे पुलिस स्टाप सहित टीसी के विरूद्द किसी सक्षम न्यायालय में जा सकता हूं क़पया सुझाव देने का कष्ट करें
मैंने अपनी समस्या में आप से पूछा था कि F l R के बाद उच्य अधिकारियो से कही हुई किसी बात में कोई विचार नहीं होता है क्या ? कृपया मेरी समस्या का भी हल प्रस्तुत करने कि कृपा करे!