विवाह योग्य उम्र होने से दो वर्ष तक बाल विवाह अकृत कराया जा सकता है।
|विनोद जाट ने जयपुर, राजस्थान से समस्या भेजी है कि-
मेरा नाम विकास है मेरी जन्मतिथि 26.11.1995 है। मेरी शादी 15.11.2009 को 14 वर्ष की आयु में मेरी नापसंद लडकी के साथ चौरों की तरह रात 2 बजे एकान्त में हिन्दू रिवाज से करवाई गई। लडकी को ना अपनाने के कारण मैं ने बी.कॉम सैकण्ड इयर परीक्षा कर ली और वह अभी 8वीं मे पढ़ती है। मेरी लंबाई 5.10″ है और उसकी 4.5″ से भी कम है। वह मुझे बिलकुल नापसन्द है। उस का व्यवहार बच्चों जैसा है। वह दिखने में एकदम बच्ची लगती है। उस को कुपोषण है। विवाह का उपभोग नहीं किया है। मैं उसे कैसे भी करके छौड चाहता हूँ। लडकी मुझे छोडना नहीं चाहती। मैं उसे 1% भी नही चाहता। कृपया मुझे इस से छुटकारा दिलवायें।
समाधान-
आप अपनी पत्नी से छुटकारा चाहते हैं। आप विवाह योग्य उम्र के होने के दो वर्ष की अवधि में अपने जिले के पारिवारिक न्यायालय और पारिवारिक न्यायालय न हो तो जिला न्यायालय के समक्ष अपने बाल विवाह को अकृत घोषित करने के लिए आवेदन दे सकते हैं। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 की परिभाषा के अनुसार आप 21 वर्ष की आयु पूर्ण हो जाने पर वयस्क होंगे। आप की जन्मतिथि के अनुसार आप 26.11.2016 को 21 वर्ष के हो जाएंगे। अर्थात आप दिनांक 26.11.2018 तक अपने विवाह को अकृत घोषित कराने के लिए आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं। लेकिन यह काम आप जितना जल्दी हो कर सकते हैं। इस आवेदन को प्रस्तुत करने के लिए आप 18 वर्ष की उम्र प्राप्त करते ही योग्य हो चुके हैं और स्वयं अपने बाल विवाह को अकृत कराने के लिए आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं।
आप का विवाह अकृत घोषित किए जाने के साथ ही न्यायालय आप को आप की पत्नी के भरण पोषण के लिए आदेश दे सकता है। लेकिन यह आदेश तब तक ही प्रभावी रहेगा जब तक आप की पत्नी दुबारा विवाह नहीं कर लेती है।