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विवाह विच्छेद की अर्जी के जवाब में क्रूरता के आधार पर प्रतिदावा प्रस्तुत किया जा सकता है।

rp_domestic-violence-13.jpgसमस्या-

रिया ने 40/5 ए, मुन्देरा, इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश से समस्या भेजी है कि-

मेरी शादी जून २०१२ मे हुई थी! लेकिन शादी के ३ महीने ही हुए थे कि मेरे ससुराल वालों ने मुझे दहेज के लिए मारना पीटना शुरू कर दिया जिसकी वजह से मेरे पेट मे पल रहा बच्चा नष्ट हो गया। लेकिन जब जुलाई २०१३ को मेरे ससुराल वालों ने मुझे मारने पीटने के बाद जान से मारने की कोशिश की तो मैं किसी तरह से अपने मायके चली आई! मेरी चोटों का मैंने मेडिकल भी करवाया है। उस समय मैं गर्भवती भी थी लेकिन मारने की वजह से मेरे पेट में चोट लग गई थी जिसकी वजह से गर्भ नष्ट हो गया! सितम्बर २०१३ को मैं ने ससुराल वालो के खिलाफ दहेज, घरेलू हिंसा, १२५ का मुकदमा दाखिल किया लेकिन ससुराल वालों ने केस से ननदों का नाम हटवा दिया! अब मेरे पति ने तलाक के लिए आवेदन किया है! मेरे पति के नाम से तीन मकान, राशन की दुकान, मोटरसाईकिल,मेरी सास के नाम से सरकारी राशन की दुकान, मकान का किराया भी आता है! कृपया मुझे सलाह दीजिए कि मैं अब क्या करू जिस से मेरी ननदों का नाम दर्ज हो जाए, मुझे मेंटेनेंस कितना मिल सकता है, और मुझे जल्दी तलाक भी मिल सके!

समाधान

दि आप की ननदों ने आप के साथ हिंसा की है और उन का नाम हटा दिया गया है तो जिस न्यायालय में अपराधिक मुकदमा चल रहा है वह न्यायालय आप का तथा अन्य साक्षियों के बयान होने पर यदि न्यायालय को लगता है कि उन की भी अपराध में महत्वपूर्ण भूमिका थी तो न्यायालय दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 319 के अन्तर्गत उन्हें एक अभियुक्त के रूप में उन का नाम जोड़ उन्हें समन या वारंट से न्यायालय के समक्ष उपस्थित होने का अदेश दे सकता है। आप का बयान हो जाने के बाद आप भी एक आवेदन धारा 319 दंड प्रक्रिया संहिता के अन्तर्गत न्यायालय को प्रस्तुत कर सकती हैं जिस पर विचार कर के न्यायालय उन्हें अभियुक्त बना सकता है।

प के पति ने आप के विरुद्ध तलाक का मुकदमा कर दिया है। आप उस के जवाब में कह सकती हैं कि आप भी ऐसे पति के साथ विवाह में नहीं रहना चाहती जिस ने आप के साथ सतत हिंसा की हो और जान से मारने की कोशिश की हो और तलाक के लिए प्रतिदावा प्रस्तुत कर सकती हैं और क्रूरता के आधार पर विवाह विच्छेद की डिक्री प्रप्त कर सकती हैं। तलाक के आवेदन के निपटारे में सामान्य समय तो लगेगा जो इस बात पर निर्भर करता है कि अदालत में लंबित मुकदमों की संख्या कितनी है।

प को मैंटीनेंस मिल जाएगा। लेकिन यह नहीं बताया जा सकता कि कितना मिलेगा। यह इस बात पर निर्भर करेगा कि आप अपने पति की संपत्ति और उन की मासिक या वार्षिक आय कितनी प्रमाणित कर पाती हैं। आप के पति की मासिक आय के एक तिहाई से एक चौथाई तक राशि आप भरण पोषण के रूप में प्राप्त कर सकती हैं। यदि आप के प्रतिदावा प्रस्तुत करने की स्थिति में समझौते की कोई बात बने और पति आप को स्थाई पुनर्भरण राशि एक मुश्त देने को तैयार हो तो आपसी सहमति से भी विवाह विच्छेद हो सकता है। यह जल्दी हो सकता है।

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