विशेष विवाह अधिनियम में विवाह
|ललित मिश्रा ने देहरादून, उत्तराखंड से समस्या भेजी है कि-
मैं बालिग़ हूँ। मैं सहारनपुर उत्तर प्रदेश का रहने वाला हूँ, लेकिन वहीं नौकरी करता हूँ और वहीं रहता हूँ। मैं अपनी सगी बहन की ननद अर्थात अपने सगे जीजा की बहन से जिसका नाम आरती मिश्रा है जो कि मुजफ्फरनगर की रहने वाली है से प्यार करता हूँ और हम दोनों शादी करना चाहते हैं। आरती की उम्र अभी 21 वर्ष है किन्तु हाईस्कूल के प्रमाणपत्र के अनुसार १६ है। आरती के घरवालो ने उसकी उम्र स्कुल में एडमिशन के दौरान कम करा दी थी परन्तु हमारे पास उसके २१ साल के होने का कोई प्रमाण नहीं है। हम दोनों ब्राह्मण जाति के हैं। पहले हमारे घरवाले इस शादी के खिलाफ थे। लेकिन हमारी जिद के कारण इस समय थोड़ा मान रहे हैं। पहले उनका कहना था कि हमारे समाज में जिस के यहां लड़की दे दी जाती है तो उसके यहां से लड़की ले नहीं सकते। आरती के पिता नहीं हैं माँ, भाई और भाभी है। आरती का एक चाचा भी है। आरती का चाचा इस शादी के लिए बिलकुल नहीं मान रहा है वो बोलता है कि अगर ललित और आरती की शादी हुए तो वो या तो हमें मार देगा या जैसे उसकी उम्र हाईस्कूल के प्रमाण पत्र के अनुसार १८ नहीं है और वो नाबालिग है और हम शादी करते है तो शादी के बाद हमे जेल करवा देगा। आरती के चाचा की नजर उनके मकान पर है। हम दोनों २ साल इंतजार नहीं करना चाहते क्योकि कहीं २ साल इन्तजार के चक्कर में हमारे घर वाले भी शादी से मुकर न जाये। इस समय मेरे माता पिता और आरती का भाई भाभी और माँ भी यही चाहते हैं कि हमारी शादी जल्द से जल्द हो जाये परन्तु आरती का चाचा इस शादी में रूकावट बन रहा है और हमें जेल कराने की धमकी दे रहा है। मेरा सवाल यह है कि क्या मैं और आरती अभी क़ानूनी रूप से शादी कर सकते हैं जिस से कोई भी शादी के बाद हमारे खिलाफ क़ानूनी कार्यवाही न कर सके। अगर आरती का चाचा शादी के बाद हमें मारने या परेशान करने की कोशिश करे तो हम उस के खिलाफ पुलिस में शिकायत कर सकें। मैं ने सुना है कि यदि पैरेंट कंसेंट हो तो लड़की की शादी १६ की उम्र में भी क़ानूनी रूप से हो सकती है। अगर हो सकती है तो हमें किस तरह शादी करनी चाहिए नार्मल शादी मतलब मंदिर में जाकर घरवालो के साथ करले या कोर्ट मैरिज। मैं अभी अपने माता पिता और आरती अपने भाई भाभी और माँ को हमारी शादी में खड़ा कर सकते हैं। मैं चाहता हूँ कि हमारी शादी कैसे भी हो मैं अपनी शादी को रजिस्टर्ड करा सकूँ। जिस से कोई भी हमारी शादी के बाद हमारे खिलाफ किसी भी प्रकार की क़ानूनी कार्यवाही न कर सके।
समाधान-
आप के विवाह में सब से बड़ी अड़चन आरती की उम्र की है। स्कूल का प्रमाण पत्र प्राथमिक रूप से उम्र का साक्ष्य माना जाता है लेकिन वह अन्तिम साक्ष्य नहीं है। उम्र का लगभग सही आकलन आरती का मेडीकल बोर्ड द्वारा दिया गया प्रमाण पत्र है। किसी भी जिला अस्पताल में आवेदन दे कर उम्र के संबंध में मेडीकल बोर्ड कराया जा सकता है। आरती की माँ या स्वयं आरती जिला अस्पताल में आवेदन दे कर मेडीकल बोर्ड का प्रमाण पत्र प्राप्त कर ले। यह उम्र का सबूत होगा। उस की माँ और वह स्वयं इस आशय का शपथ पत्र दे सकते हैं कि उस की उम्र 21 वर्ष है।
हमारी राय में विशेष विवाह अधिनियम की धारा 5 के अन्तर्गत जिला कलेक्टर जो कि जिला विवाह पंजीयक भी है के समक्ष विवाह का पंजीयन कराना सब से उत्तम है। इस प्रमाण पत्र के उपरान्त किसी अन्य विवाह पंजीयक के समक्ष विवाह पंजीयन कराना आवश्यक नहीं रहता है। यह पंजीयन उस जिले में हो सकता है जहाँ दोनों में से कोई कम से कम एक माह से निवास करता है। आप देहरादून में निवास कर रहे हैं इस का प्रमाम जुटा सकते हैं। हमें उत्तराखंड के अधिवक्ता श्री चन्द्रशेखर करगेती ने बताया है कि उत्तराखण्ड में विशेष विवाह अधिनियम की धारा 5 के अन्तर्गत के पंजीयन के अधिकार जिला अधिकारी द्वारा परगना अधिकारी को दिए हुए है, जिले के हर परगना अधिकारी (उप जिलाधिकारी/ एसडीएम) के कार्यालय में यह आवेदन दिया जा सकता है। आप देहरादून में विवाह के लिए परगना अधिकारी/ विवाह पंजीयक को आवेदन दे सकते हैं। इस आवेदन के उपरान्त नोटिस जारी करने की औपचारिकता के उपरान्त 30 दिन बाद से 90 दिन तक की अवधि में आप का विवाह संपन्न हो सकता है। इस संबंध में आप देहरादून के किसी भी विश्वसनीय वकील की सहायता प्राप्त कर सकते हैं।