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विस्तृत लोक हित का समर्थन करने वाली सूचनाएँ

मृत्युञ्जय जी ने पूछा है…..
कृपया मुझे सूचना का अधिकार  अधिनियम 2005 की धारा 8 (1) के (घ) और (ङ) को सामान्य भाषा में बताने का कष्ट  करेंगे(व्याख्या)?  मैंने इस कानून के तहत स्थानीय बी एस एन एल कार्यालय से कुछ जानकारीयाँ प्राप्त करना चाहा परंतु उपरोक्त कंडिकाओं का सहारा लेकर जानकारी देने से इंकार किया जा रहा है। 
उत्तर…..
मृत्युञ्जय जी,
आप ने सूचना अधिकार अधिनियम की धारा 8 के बारे में पूछा है।  इस कानून की इस धारा के अंतर्गत यह कहा गया कि मांगे जाने पर किन बातों की सूचना देने की बाध्यता नहीं होगी।  धारा 8 (1) के अंतर्गत कंडिका (घ) और (ङ) निम्न प्रकार हैं-
(घ) सूचना जिस में वाणिज्यिक विश्वास, व्यापार गोपनीयता, या बौद्धिक संपदा सम्मिलित है।, जिस के प्रकटन से किसी तृतीय पक्ष की प्रतियोगी स्थिति का को नुकसान होता है, जब तक कि सक्षम प्राधिकारी को यह समाधान नहीं हो जाता है कि ऐसी सूचना के प्रकटन से विस्तृत लोकहित का समर्थन होता है। 
(ङ) किसी व्यक्ति को उस की वैश्वासिक नातेदारी में उपलब्ध सूचना, जब तक कि सक्षम प्राधिकारी का यह समाधान नहीं हो जाता कि ऐसी सूचना के प्रकटन से विस्तृत लोक हित का समर्थन होता है
आप ने बीएसएनएल से सूचनाएँ चाही हैं जो कि एक व्यापारिक संस्थान है और अनेक अन्य व्यापारिक संस्थानों के साथ अनुबंध रखता है जो कि उसी प्रकार के व्यवसाय में हैं जिस में बीएसएनएल भी है।  यदि आप के द्वारा चाही गई सूचनाओं में (वाणिज्यिक विश्वास) उदाहरणार्थ कोई ऐसी सूचना जो दो व्यापारियों के बीच है और ग्राहकों तक नहीं पहुँचनी चाहिए,  कोई व्यापारिक गोपनीयता या बौद्धिक संपदा सम्मिलित है उस सूचना के देने से बीएसएनएल और आप के अतिरिक्त किसी भी तीसरे पक्ष की व्यापार में प्रतियोगी स्थिति को नुकसान पहुँचता है तो ऐसी सूचना आप को नहीं दी जा सकती है। 
इसी तरह यदि कोई सूचना किसी को विश्वासिक नातेदारी के माध्यम से प्राप्त हुई है, अर्थात काम के सामान्य व्यवहार के अलावा किसी मित्र, संबंधी या मालिक नौकर जैसे संबंधों के माध्यम से प्राप्त हुई हो तो ऐसी सूचना भी आप को नहीं दी जा सकती। 
इस तरह की सूचनाएँ तभी दी जा सकती है जब कि यह समाधान हो जाए कि यह आम जनता या आम ग्राहकों के हित में है। सूचना प्राप्त करने के लिए आप को यह बताना पड़ेगा कि मांगी गई सूचना में कोई वाणिज्यिक विश्वास, व्यापार गोपनीयता, या बौद्धिक संपदा सम्मिलित नहीं है अथवा वह वैश्वासिक नातेदारी के माध्यम से प्राप्त होने के स्थान पर व्यवहार के सामान्य क्रम में प्राप्त हुई है। 
आप के द्वारा चाही गई सूचनाएँ यदि उक्त कोटि की हैं तो भी आप उन्हें प्राप्त कर सकते हैं लेकिन आप को यह बताना होगा कि मांगी गई सूचना लोक हित में आवश्यक है। यदि दोनों में से कोई एक या दोनों बातें आप के पक्ष में हैं तो आप  सूचना अधिकारी के आदेश के विरुद्ध अपनी शिकायत आगे दर्ज करवा सकते हैं। 


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