वैवाहिक विवाद में आपसी निपटारा बेहतर है, वर्ना अक्सर झगड़ते हुए ही उम्र गुजर जाती है।
|अजय राठौड़ ने इंदौर, मध्य प्रदेश से समस्या भेजी है कि-
मेरी शादी २००२ में हुई थी। अभी मेरे ३ बच्चे है। १ बच्चा मेरी पत्नी के ऑपरेशन के बाद हुआ था। जो सरकारी अस्पताल में कराया है। मेरी बीवी और मेरे बीच अत्यधिक मतभेद हैं। वो हमेशा मरने की धमकी देती है और मरने की कोशिश करती है। कई बार मेरे ससुराल वाले मेरे को मारने की धमकी देते आये है और दहेज़ और मारपीट का तोहमत कानूनी ढंग से लगाने की बात कर कर के धमका रहे हैं। मैं अभी तक इसे अपनी किस्मत मान के समझौता करता आया हूँ। यहाँ तक कि मैंने अपनी पत्नी को मेरी आय से नर्सिंग का कोर्स कराया और उसकी सरकारी संविदा नौकरी (नर्स की लगाई) है। २०१० में नौकरी के बाद उसके व्यवहार में सुधार आने के बजाय वह मेरी बहन के पति से जो रिश्ते में उसका नंदोई लगता है प्रेम करने लगी गयी और वो नंदोई भी प्रेम करने लग गया। बात तब पता चली जब मेरे (जीजा यानि मेरी पत्नी का नंदोई या मेरी बहन का पति) उसे मोबाइल पे मैसेज भेज रहा था और मैंने चुपके से पकड़ लिया(आज से ७ माह पहले दिसंबर २०१४ में)। अंत में पता चला कि ये आपस मैं मिल भी चुके है मेरी अनुपस्थिति में। ये स्वीकार किया है मेरी पत्नी ने। इतना होने पर भी मैं अपनी बीवी के तरफ से पुलिस मैं ने नंदोई के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई। जबकि मैं जानता था की ताली दोनों हाथों से बजी है। बाद में मैं ने पत्नी को माफ़ कर दिया और अपने जीजा को भी माफ़ कर दिया और अपनी पत्नी को ये सारी गलती होने के बाद भी अपने साथ रखा और उसकी नौकरी भी जारी रखी। लेकिन अभी भी वो हमेशा झगड़ा करती रहती है और ये सारी घटना मैं ने ससुराल वालो के सामने रखी थी पर वो इसे सामान्य रूप से ले रहे है। इस कारण मेरी पत्नी और भी ज्यादा नाजायज रूप से इसका फायदा उठा रही है। और मेरे पिता रियल पागल हैं जिसे मेरी माँ ने छोड़ दिया था जब मै ३ साल का था और माँ एक ऐसे इंसान के साथ रहने लगी जिसके पहली पत्नी और ३ बच्चे थे और मुझे भी साथ में ले गयी। उस इंसान को वो अपना पति मानने लगी और मैं भी अपना पिता समझने लगा और २ से ४ साल बाद मेरी रियल माँ और यहाँ के पति से २ लड़कियां हुई जिनकी शादी हो चुकी है। इसी में से बड़ी बहन के पति याने कि यहाँ के जीजा ने मेरी पत्नी के साथ सम्बन्ध बनाये थे । यानि मेरी माँ, मैं और उसकी पहली पत्नी और उसके ३ बच्चे व मेरी माँ से पैदा हुई दो यहाँ की बहनें हम एक साथ रहने लगे और। मैं १९९७ तक वही था। १९९७ में मै खुद ये घर छोड़ के चला गया था और २००२ मैं अपने पैरों पे खुद खड़ा हो कर शादी की। जिस में मेरे ये दूसरे पिता, मेरी रियल माँ और कुछ ही रिश्तेदार थे। मैं एक प्राइवेट नौकरी कर रहा था और आज भी कर रहा हूँ। पर बचपन में पिता के प्यार को तरसा और आज पत्नी भी ऐसा कर रही है। तो में अब क्या करूँ बात यहाँ तक आ गयी है कि हम साथ रहे तो कुछ भी हो सकता है। अभी मैं अपना सेल्फ अपने परिवार के साथ रह रहा हूँ। कभी कभी मेरी रियल माँ और दूसरे पिता भी मिलने आ जाते हैं। जबकि मेरे रियल पिता के पास एक दो बार पहले गया तो वहां आने से मेरे रियल अंकल आने नहीं देते तो मैं भी वहां नहीं जाता हूँ। हाँ मेरी एक रियल बहन है जिसे मेरी माँ वही छोड़ के आ गयी थी। अब मै अपनी बाकी की ज़िन्दगी ख़ुशी से अपने तीन बच्चों के साथ बिताना चाहता हूँ और पत्नी को तलाक देना चाहता हूँ। क़ोइ कानूनी उपाय बताएँ।
समाधान-
आप ने अपनी सारी परेशानी बताई। लेकिन आप ने अपने और अपनी पत्नी के बीच विवाद का मूल कारण नहीं बताया। आप की पत्नी आप के जीजा के साथ बातचीत करती है और आप की अनुपस्थिति में मिली है। लेकिन यह तो सामान्य बात है। इस में ऐसा कुछ भी नहीं है कि आप इस कारण से पत्नी से विवाह विच्छेद की सोचने लगें। विवाहित जीवन में रहते हुए पति या पत्नी किसी दूसरे व्यक्ति के साथ यौन संबंध बनाती है तो यह विवाह विच्छेद का कारण हो सकता है। लेकिन आप ने ऐसा कुछ बताया नहीं है। इस कारण आप ने जो समस्या भेजी है उस में विवाह विच्छेद का कोई वैध कारण प्रतीत नहीं होता है।
पति या पत्नी का किसी दूसरे व्यक्ति के साथ यौन संबंध बना लेना विवाह विच्छेद के लिए आधार हो सकता है लेकिन आप को यह न्यायालय में साबित करना पड़ेगा। यदि आप की पत्नी ने किसी दूसरे व्यक्ति के साथ यौन संबंध बनाए हैं और आप उसे साबित कर सकते हैं तो आप विवाह विच्छेद के लिए आवेदन दे सकते हैं।
एक बार पति पत्नी के बीच विवाद पुलिस और न्यायालय के पास चले जाने पर मिथ्या आरोप प्रत्यारोप का जो सिलसिला हमारे यहाँ देखने को मिलता है उस में दोनों उलझ कर रह जाते हैं। यदि आप विवाह विच्छेद की अर्जी देंगे तो पत्नी भी चुप नहीं रहेगी। वह घरेलू हिंसा और स्त्रीधन आदि के संबंध में आप पर अपराधिक मुकदमा दर्ज करवा सकती है। यदि वह स्वयं अपना पालन पोषण करने में समर्थ नहीं है तो आप से निर्वाह राशि भी मांग सकती है और उस के लिए भी मुकदमा कर सकती है। वह आप के बच्चों को ले कर अलग रहने भी लग सकती है। हमारे देश में जरूरत की चौथाई से भी कम अदालतें होने के कारण मुकदमे बहुत लंबे चलते हैं। एक बार न्यायालय में विवाद जाने पर जल्दी वहाँ से छुटकारा नहीं मिलता है। इन सब बातों के बारे में आप सोच लें तभी कोई कार्यवाही करने का निर्णय लें।
विवाह में किसी एक पक्ष के अड़ियल रुख से विवाद होते हैं। दोनों ही पक्षों को एक दूसरे के साथ समझौते करते हुए विवाह को निभाना पड़ता है। आप भी अपनी पत्नी के साथ कुछ समझौते करते हुए जीवन व्यतीत कर सकते हैं। झगड़े का मार्ग बहुत कठिन है। अक्सर लोगों की झगड़ते झगड़ते ही उम्र गुजर जाती है।