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ससुराल वालों के परेशान करने के कारण भतीजी ससुराल नहीं जाना चाहती, वे उस के दहेज को भी नहीं लौटाना चाहते, हम क्या करें?

कमल जी पूछते हैं —
मैं ने अपनी भतीजी का विवाह दो साल पहले इंदौर किया था किन्तु ससुराल वालों ने उसे बहुत परेशान किया। अब भतीजी ससुराल नहीं जाना चाहती। लड़के वाले उस का दहेज का सामान नहीं लौटा रहै हैं। हमें क्या करना चाहिए। 
 उत्तर —
कमल जी,
प ने अपने प्रश्न में कुछ भी स्पष्ट रूप से नहीं लिखा है। किसी भी मामले में कानूनी सलाह प्राप्त करने के लिए मामले के सभी और अधिकतम तथ्यों से अवगत कराना चाहिए। अन्यथा सलाह देना संभव नहीं होता है। मेरा अन्य पाठकों से भी यही आग्रह है कि तीसरा खंबा को कोई भी प्रश्न कानूनी सलाह के लिए प्रेषित करने से पूर्व मामले का अधिक से अधिक विवरण प्रेषित करें तथा सभी महत्वपूर्ण तथ्य अंकित करें।
प के विवरण से पता लगता है कि आप की भतीजी किन्हीं कारणों से अपनी ससुराल नहीं जाना चाहती। आप को पता करना चाहिए कि वे कारण क्या हैं? क्या वे ऐसे कारण हैं जिन के आधार पर वह अपने पति के साथ दाम्पत्य जीवन बिताने से इन्कार कर सकती है? क्या उस के साथ क्रूरतापूर्ण व्यवहार किया गया है? यदि उस के साथ किया गया व्यवहार क्रूरतापूर्ण रहा है तो वह अपने पति के साथ दाम्पत्य जीवन बिताने से इन्कार कर सकती है और अपने माता-पिता के साथ अथवा पृथक निवास कर सकती है। यदि आप की भतीजी के पास जीवन यापन के स्वयं के साधन नहीं हैं तो वह अपने पति से जीवन निर्वाह के लिए भरण-पोषण की राशि प्राप्त कर सकती है। इस राशि को प्राप्त करने के लिए महिलाओं के प्रति घरेलू हिंसा अधिनियम के अंतर्गत अथवा धारा 125 दं.प्र.सं. के अंतर्गत शिकायत न्यायालय को प्रस्तुत की जा सकती है और न्यायालय भरण पोषण के लिए उपयुक्त धनराशि आप की भतीजी को उस के पति से दिलाने के लिए आदेश कर सकता है। 
प का मूल प्रश्न यह था कि भतीजी के ससुराल वाले दहेज का सामान नहीं लौटा रहे हैं, आप क्या करें? किसी भी स्त्री को विवाह के समय दहेज में अथवा उस के पहले और बाद में मिले समस्त उपहार उस का स्त्री-धन है। यदि वह ससुराल में नहीं रह रही है तो ससुराल में छूट गई उस की यह समस्त संपत्ति ससुराल वालों के पास अमानत है। यदि ससुराल वाले इस संपत्ति को उसे लौटाने से इन्कार करते हैं तो यह धारा 406 भा.दं.संहिता के अंतर्गत दंडनीय अपराध है। आप की भतीजी को ससुराल वालों ने बहुत परेशान किया है जो कि क्रूरता हो सकता है, यदि ऐसा है तो यह धारा 498-ए भा.दं.सं. के अंतर्गत दंडनीय अपराध है। आप चाहें तो इन दोनों मामलों में संबंधित पुलिस थाने में रिपोर्ट लिखा सकते हैं, या फिर न्यायालय में शिकायत प्रस्तुत कर संबंधित पुलिस थाना को भिजवा सकते हैं। इस मामले में उस के पति और ससुराल वालों के विरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज हो कर अन्वेषण होगा और वे गिरफ्तार किए जा सकते हैं। पुलिस समस्त स्त्री-धन बरामद कर लेगी, तब आप न्यायालय में आवेदन कर के उसे प्राप्त कर सकते हैं। लेकिन ऐसा करने पर आप की भतीजी का वापस उस की ससुराल लौटने का म

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