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दहेज उत्पीड़न के आरोपों को पहले मिथ्या साबित करें, तभी मिथ्या अभियोजन की कार्यवाही कर सकते हैं

जावेद भाई ने पूछा है —
मेरे भैया और भाभी आपस में ताल-मेल नही बैठा पा रहे हैं और लड़ते-झगड़ते रहते थे।  पापा ने दोनों से कहा आप लोगों को रहना है तो सही से रहो या कहीं किराए पर देखो। भाभी ने भैया से कहा मैं तुम्हारे घर में अलग नही रह पाऊंगी तो भैया शहर छोड़ दूसरे शहर में किराए पर कमरा लेकर रहने लगे। एक दिन भैया वापस घर चले आए और उन्होंने बताया कि उन की सास और एक दो औरतें उसे अपने साथ ले गई जब कि भैया काम पर गए हुए थें। भैया ने एक लिखित अर्जी डीएम के पास दी। उसके बाद भाभी और परिवार वालों ने मेरे पूरे परिवार पर दहेज उत्पीड़न का केस दायर कर दिया। जबकि हम लोग कभी उनके किराए वाले घर पर नहीं गए। जब कि भाभी ने आरोप लगाया है कि हम सब लोग कार में आए और उन के साथ मारपीट कर चले गए।
आप ये बताएं क्या मैं या मेरे परिवार वाले उनपर झूठा केस लगाने के आरोप में मान हानि का दावा कर सकते हैं?

उत्तर —

जावेद भाई !
मारे समाज में स्थिति यह है कि न तो पुरुष अपनी पत्नी का चुनाव सोच समझ कर करता है और न ही स्त्री। अनेक बार पारिवारिक संस्कॉतियों और सोच में बहुत अंतर होता है। यही आपस में मतभेद का कारण बनता है। ये मतभेद अनेक बार सुलझाने के लायक होते हैं और अनेक बार न सुलझाने लायक होते हैं। पहली दशा में मतभेदों को सुलझा कर शादी को बचाने का प्रयत्न करना चाहिए। दूसरी अवस्था में शादी को जितनी जल्दी आवश्यक हो समाप्त कर देना चाहिए। आप के द्वारा दिए गए विवरण से लगता है कि मामला दूसरे प्रकार का है। जब पति-पत्नी परिवार के संरक्षण में सही न रह सकें और फिर अकेले भी तो विवाह का टूट जाना ही बेहतर है।
प का मूल प्रश्न था कि आप की भाभी द्वारा कराई गई झूठी रपट और मुकदमे के लिए उन पर मानहानि का मुकदमा हो सकता है या नहीं। वास्तव में यह मामला मानहानि से कुछ और अधिक का है। एक बार जब पुलिस और फिर न्यायालय के समक्ष आ चुका है तो पहले उसे अदालत के सामने मिथ्या साबित किया जाना चाहिए। यदि आप सब इस मामले में निर्दोष साबित हो जाएँ तो फिर यह लगभग सिद्ध हो जाएगा कि आप को परेशान करने की नीयत से ही यह मुकदमा किया गया था। वैसी स्थिति में आप अपनी भाभी और उन का सहयोग करने वालों के विरुद्ध मानहानि और अन्य कार्यवाहियाँ कर सकते हैं और तब आप दुर्भावनापूर्ण अभियोजन का वाद भी संस्थित कर सकते हैं। इस मामले में आप को अपने स्थानीय वकील से अवश्य सलाह करना चाहिए। 
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