साधारण आपसी गाली गलौच तलाक का आधार नहीं हो सकता
| परविंदर सिंह ने पूछा है –
मेरी पत्नी मुझे बहुत तंग करती है बात-बात पर गंदी गंदी गालियाँ निकालती है। बहुत समझाता हूँ लेकिन नहीं समझती है। पत्नी के मम्मी-पापा को बुलाता हूँ तो कहते हैं कि पैसे नहीं हैं। लेकिन मेरी पत्नी के मांगने पर उसे पाँच-दस हजार रुपए दे देते हैं, लेकिन अपनी पुत्री को समझाने के लिए नहीं आते हैं। मैं बहुत बुरी तरह फँस गया हूँ। मुझे क्या करना चाहिए?
उत्तर –
परविंदर जी,
आप की समस्या पूरी तरह सांस्कृतिक है। वस्तुतः आप की पत्नी की परवरिश जिस वातावरण में हुई है वह बहुत अच्छा नहीं रहा है। उस वातावरण में गंदा गाली-गलौच आम बात रही होगी, जिस के कारण आप की पत्नी की आदत ऐसी पड़ गई है। आप की पत्नी के माता पिता ने धन को ही महत्व दिया, संस्कारों को नहीं। पर इस में आप की पत्नी का कोई दोष नहीं है। आप भी उसे समझाते हुए क्रोध के शिकार हो कर लड़ने लगते होंगे। यह ठीक नहीं है। आप पत्नी को प्रेम से धीरे-धीरे समझाने का प्रयत्न करें। पहले स्वयं आप की पत्नी को यह अहसास होना आवश्यक है कि उसे सुधार की आवश्यकता है।
आप भी अब पत्नी की ऐसी आदत हो जाने के कारण उसे समाज में अपने साथ कम ले जाते होंगे जिस से आप को शर्म का सामना न करना पड़े। लेकिन यह ठीक नहीं है। आप को अपनी पत्नी को कम से कम अपने मित्रों और परिजनों के परिवारों के बीच साथ लेकर जाना चाहिए। अपने मित्रों और परिजनों को समझा दें कि आप की पत्नी की आदत खराब है। वे उस के साथ प्रेम पूर्वक इस तरह का व्यवहार करें जिस से आप की पत्नी को स्वयं अपने व्यवहार पर लज्जा महसूस होने लगे। यही एक मात्र रीति है जिस से आप की पत्नी में कुछ सांस्कृतिक परिवर्तन हो सकता है। आप के नजदीक यदि अच्छे वैवाहिक काउंसलर उपलब्ध हों तो आप उन की मदद ले सकते हैं।
आप के प्रश्न से लगता है कि आप तलाक के बारे में भी सोचते रहे हैं। लेकिन तलाक इतना आसान नहीं है और केवल आखिरी उपाय है। मुझे लगता है कि प्रयत्न करने पर आप अपनी पत्नी में सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं। तलाक के लिए कोई आधार आप के पास वर्तमान में उपलब्ध भी नहीं है।
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5 Comments
मेरे भाई की बी यही कहानी ह..bv बहुत गलियां देती ह.क्या को रास्ता नई ह.कोई तो मदद करे..मेरे माँ पाप बहुत दुखी hn
हम्म!! आभार जानकारी का.
गाली गलौच पति करे तो आ जाता घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत।
वाह रे मेरे देश के कानून, चोर चोरी भी करे और साथ में सीना जोरी भी।
सौ सुनार की एक लौहार की भी करनी पड जाती है, कभी-कभार,
पूरी जिंदगी भुगत या कोर्ट के द्धारा खर्चा दे अपना जीवन सुधार ले।
साधारण गाली गलौंच तलाक का आधार नहीं हो सकता यह बात सच है। मगर यही आपसी गाली गलौंच ही आगे जाके इतना बढ़ जाता है की तलाक तक बात पहुँच ही जाती है।
Apki bat sach hai pallvi hu mai apke bato par sahmat hu mere bhi bv muze gali gloch karte hai aur muzpe shak bahut karta hai job pe jata to bhi kahi bhi जाऊ par bhi shak karta hai mai bahut hi tang aa gya hu