सामान्य आशय और धारा-34 भारतीय दंड संहिता
धर्मेन्द्र बट्ट ने दमोह, मध्य प्रदेश से समस्या भेजी है कि-
भारतीय दण्ड संहिता की धारा ३४ क्या है? इस के अंतर्गत दर्ज अपराध में क्या सजा और क्या जुर्माने का प्रावधान है?
समाधान-
भारतीय दण्ड संहिता की धारा 34 का मूल पाठ निम्न प्रकार है-
34. सामान्य आशय को अग्रसर करने में कई व्यक्तियों द्वारा किए गए कार्य–जबकि कोई आपराधिक कार्य कई व्यक्तियों द्वारा अपने सबके सामान्य आशय को अग्रसर करने में किया जाता है, तब ऐसे व्यक्तियों में से हर व्यक्ति उस कार्य के लिए उसी प्रकार दायित्व के अधीन है, मानो वह कार्य अकेले उसी ने किया हो।
धारा-34 भारतीय दण्ड संहिता के मूल पाठ को पढ़ने के उपरान्त आप को यह तो समझ आ गया होगा कि इस धारा में किसी विशिष्ट अपराध का वर्णन नहीं है और किसी विशेष दण्ड का प्रावधान भी नहीं है। यह धारा सामान्य आशय से एक से अधिक व्यक्तियों द्वारा संपन्न किए गए अपराधों के संबंध में है। यदि दो या दो से अधिक व्यक्ति कोई कार्य संयुक्त रूप से करते हैं तो विधि के अंतर्गत स्थिति वही होगी कि मानो उन में से प्रत्येक के द्वारा वह कार्य स्वयं व्यक्तिगत रूप से किया गया है।
उदाहरण के रूप में चार व्यक्ति मिल कर किसी को चोट पहुँचाना चाहते हैं और इस के लिए वे अपने स्थान से रवाना हो कर वहाँ पहुँचते हैं जहाँ वह व्यक्ति मौजूद है, जैसे ही वह व्यक्ति दिखाई पड़ता है उन चारों में एक व्यक्ति लाठी से उस के सिर पर हमला करता है, वह व्यक्ति लाठी को सिर पर पड़ने से बचाने के लिए हाथ पर झेल लेता है और चार व्यक्तियों को सामने देख कर चिल्लाते हुए भाग लेता है। जब तक हमलावर उसे पकड़ पाएँ आस पास के लोग इकट्ठे हो जाते हैं जिन्हें देख कर चारों हमलावर भाग लेते हैं। यहाँ चोटिल व्यक्ति को चोट पहुँचाने का कार्य एक व्यक्ति ने ही किया है इस कारण केवल उसी ने धारा 323 आईपीसी का अपराध किया है, लेकिन अन्य तीन व्यक्ति उस व्यक्ति को चोट पहुँचाने के उददेश्य से साथ थे इस कारण वे तीनों भी लाठी से हमला करने वाले के समान ही अपराधी हैं क्यों कि उन का सामान्य आशय एक ही था। उन पर जब अभियोग चलाया जाएगा तो धारा 323 के साथ धारा 34 भी आरोपित की जाएगी। यदि उस अभियोग में सभी को दंडित किया गया तो सभी को उसी व्यक्ति के समान दंड मिलेगा जैसा कि लाठी से हमला करने वाले व्यक्ति को दंडित किया जाएगा।
Good information .
Tanks
sr mera name kuldeep h mre father ka hath tode diya gya h jo ki hath ka 1/3 hisa tut gya h aur police ne abhi tk mujrim ko grftar n kiya h jb ki hmne ye v bta diya ki haath ko todne wale4 log the jinme anil s%hukam singh h nd rakesh s%norang singh h fr v police ne koi karwyi n ki esme police wale v mile huye h hme we hmare pariwar ko jaan sr marne ki dhmki mil rahi h pls mri hlp kro mera mobile no 7835880500
महोदय वक्फ की मस्जिद में नमाज़ के दौरान हमला किया गया ….नमाज़ियों ने बचाओ किया …..हमलावरों ने झूठआ आरोप पीड़ितो पर लगाकर ऍफ़ आई आर दर्ज करवादी और पीड़ित पक्ष के आवेदन पर टी आई .इस पी ऍफ़ आई आर दर्ज नही क्रर रहे है बताए किया करे?
अगर संभव हो तो सुखाचार के अधिकार कर बारे में भी अवगत करने की कृपा करे
रास्ते के अधिकार को फोकस करे
सुखाधिकार से संबंधित आप की कोई समस्या हो तो तीसरा खंबा कानूनी सलाह लिंक को प्रेषित करें। इस बहाने उस की चर्चा भी हो लेगी। किसी जीते जागते उदाहरण के आधार पर किसी चीज को समझना आसान है।