सुरक्षा मिलने तक अपनी सुरक्षा की व्यवस्था स्वयं करें
| संतोष दास ने पूछा है –
मेरी शादी वन्दना से 14 फरवरी 2009 को आर्य समाज मंदिर में संपन्न हुई थी। हम दोनों अलग-अलग अपने अपने परिवारों के साथ रह रहे हैं। हम चाहते हैं कि हम दोनों साथ-साथ रहें। पर वंदना के परिवार वाले मानने वाले नहीं है औऱ वंदना का फैसला है कि वह अपना घर छोड़ आएगी। वंदना के घर वाले बहुत रसूख वाले हैं। अगर उन्हें पता चल जाए कि हमारी शादी हो चुकी है तो वे तुरंत ही उस की शादी अन्यत्र करवा देंगे। उन का घर ऐसी जगह है कि वहाँ की पुलिस भी उने के घर नहीं जाती। यदि कोई उन के नाम की रिपोर्ट लिखवाता है तो पुलिस वाले रिपोर्ट भी नहीं लिखते हैं। आप बताए कि हमें क्या करना चाहिए?
उत्तर –
संतोष जी,
काम तो आपने बड़े जिगर वाला किया है कि एक रसूख वाले परिवार की लड़की से प्रेम किया और छिप कर विवाह कर लिया। निश्चित रूप से विवाह करने से पहले आप ने उस के परिणामों के बारे में भी विचार किया ही होगा। तब फिर अब परिणामों से क्या डरना? फिर भी आप के प्रश्न से लगता है कि आप की पत्नी वंदना आप से अधिक साहसी है जो घर छोड़ कर आने को तैयार है। आप ही या तो संकोच कर रहे हैं या फिर अपने रसूख वाले ससुरालियों से भयभीत हैं।
अब आप ने जब ऊखल में सर दे ही दिया है, तो मूसल से क्या डरना। आप अपनी पत्नी को साथ लाने की तैयारी कीजिए। यदि आप का इरादा उसे अपने परिवार के साथ रखने का है, तो आप सब से पहले उन्हें बताइए और उन्हें विश्वास में लीजिए। यदि आप का परिवार आप की पत्नी का अपने परिवार में स्वागत करने को तैयार हैं तौ आप की आधी मुसीबत तो समाप्त हो गई। यदि वे तैयार नहीं हैं तो आप को अपने लिए एक घर अलग से बसाना होगा। जो खर्चीला भी होगा और असुरक्षित भी। इस कारण से यह अधिक आवश्यक है कि आप वंदना को अपने पास रखने के लिए अपने परिवार वालों की अनुमति, सहमति हासिल करें और हर मुसीबत में साथ देने के लिए तैयार करें। अपने विश्वसनीय और मुसीबत में साथ देने वाले मित्रों को भी बताएँ। वंदना अपना गृह त्याग कर आए तो उस के लिए घर तैयार रहना चाहिए।
वंदना को उस के घर से स्वयं आने दीजिए समारोह पूर्वक उस का गृह प्रवेश वैसे ही कराइए जैसे एक नवविवाहिता का होता है। मेरा अर्थ है कि आप के मित्र, परिजन और मुहल्ले के कुछ लोग इस संक्षिप्त समारोह में सम्मिलित हों। जो इस बात की गवाही दे सकें। इस गृह प्रवेश के तुरंत बाद अपने कुछ मित्रों पड़ौसियों और परिजनों के साथ अपने क्षेत्र के पुलिस थाने में जा कर आवेदन कीजिए और कहिए कि आप लोग विवाहित हैं लेकिन आप की पत्नी के परिवार वाले आप के विरुद्ध अपहरण वगैरा की रिपोर्ट लिखा सकते हैं अथवा बलपूर्वक आप की पत्नी को आप से अलग कर सकते हैं। आप के साथ मारपीट कर सकते हैं। आप मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान कराना चाहते हैं। अपनी सुरक्षा के लिए पुलिस की मदद चाहते हैं। पुलिस को आजकल वैसे ही बहुत काम होते हैं, वे इस तरह के मामलों में आसानी से हाथ नहीं डालते। इस के लिए आप अपने किसी रसूख वाले व्यक्ति से पुलिस को कहलवा भी सकते हैं। आप यदि आशंका हो कि आप के पुलिस थाना द्वारा आप की मद
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4 Comments
जब मियां-बीबी राजी तब क्या करेगा काजी. श्री संतोष दास व वन्दना जी आप जल्दी से जल्दी वैवाहिक जीवन शुरू करें. शुरुयात में थोड़ी-सी परेशानी(वन्दना के परिवार वालों से) आ सकती हैं अगर दोनों के एक-दूसरे के प्रति ईमानदारी और समपर्ण भाव से साथ दोंगे. तब आपके सुखद:वैवाहिक जीवन में कोई आडें नहीं आएगा. आपका दांपत्य जीवन सुखमय हो इन्ही कामनाओं के साथ………….
अगर आप चाहे तो मेरे इस संकल्प को पूरा करने में अपना सहयोग कर सकते हैं. आप द्वारा दी दो आँखों से दो व्यक्तियों को रोशनी मिलती हैं. क्या आप किन्ही दो व्यक्तियों को रोशनी देना चाहेंगे? नेत्रदान आप करें और दूसरों को भी प्रेरित करें क्या है आपकी नेत्रदान पर विचारधारा?
जब विवाह किया तो डरना क्या?
एक genuine समस्या का बहुत ही व्यवहारिक हल सुझाया है द्विवेदी जी, आपके दर से कोई निराश नहीं जा सकता.
संतोष जी से भी कहना चाहूँगा कि :
" जब विवाह किया तो डरना क्या?
विवाह किया कोई चोरी नहीं की,
फिर 'तीसरे खंबे' पर चढ़ना क्या?"
http://aatm-manthan.com
जानकारी का आभार….