स्त्री (18) और पुरुष (37) के विवाह में उन की उम्र का यह बड़ा अंतर बाधक है?
|फीरोज अहमद पूछते हैं –
18 वर्ष से अधिक की एक लड़की 37 वर्ष से अधिक के पुरुष के साथ प्यार करती है और उस के साथ विवाह करना चाहती है और उस के पास उम्र का हाईस्कूल प्रमाण पत्र जैसा कोई आधिकारिक प्रमाण पत्र नहीं है, तो-
- क्या वह उम्र के इस बड़े अंतर के बावजूद न्यायालय में विवाह कर सकती है?
- क्या जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा प्रदत्त उम्र का प्रमाण-पत्र आधिकारिक है?
- यदि यह अंतर्जातीय विवाह हो तो सरकारी नौकरी पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
- इस मामले में जिला न्यायालय बेहतर है या उच्चन्यायालय?
उत्तर –
फीरोज़ जी,
आप का यह प्रश्न किसी दूसरे के लिए पूछा गया प्रतीत होता है और पूरे तथ्य सामने नहीं रखे गए हैं। जिस से यह हो सकता है कि आप की समस्या का हल सही और सटीक न हो। लेकिन ये सभी सामान्य प्रश्न हैं जिन का उत्तर दिया जा रहा है जिस से इस मामले में अन्य पाठकों को भी जानकारी हो सके।
- आप के पहले प्रश्न का उत्तर यह है कि स्त्री-पुरुष की उम्र का अंतर विवाह में कानूनी रूप से बाधक नहीं हो। यदि विवाह करने वाले स्त्री-पुरुष दोनों ही व्यक्तिगत कानून के अनुसार विवाह योग्य उम्र के हो चुके हों। हिन्दू विधि के अनुसार स्त्री का 18 वर्ष और पुरुष का 21 वर्ष या उस से अधिक का होना आवश्यक है। दोनों के बीच विवाह के लिए निषिद्ध संबंध जैसे सगोत्रीयता आदि नहीं होना चाहिए। उम्र का अंतर विवाह में बाधक नहीं है। लेकिन आज समाज में पाँच वर्ष से अधिक का अंतर के विवाहों को बेमेल विवाह ही कहा जाएगा।
- दूसरे प्रश्न का उत्तर यह है कि जब उम्र का कोई प्रमाण ही नहीं है तो जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी के आदेश से गठित मेडीकल बोर्ड द्वारा चिकित्सकीय जाँच के उपरांत प्रदत्त किया गया प्रमाण पत्र कानूनी रूप से उम्र के प्रमाण पत्र के रूप में मान्यता प्राप्त और आधिकारिक होगा।
- तीसरे, कोई विवाह अंतर्जातीय होने से नौकरी पर कोई अंतर नहीं पड़ेगा।
- आप का चौथा प्रश्न स्पष्ट नहीं है। जिला अदालत का काम जिला अदालत करेगी और उच्चन्यायालय का काम उच्च न्यायालय करेगा। दोनों की अधिकारिताएँ स्पष्ट हैं। पहले यह बताएँ कि काम क्या है? यदि आप को विवाह न्यायालय के माध्यम से कराना है तो इस के लिए दोनों ही अदालतों की आवश्यकता नहीं है। विशेष विवाह अधिनियम के अंतर्गत जिला कलेक्टर को विवाह कराने और उन का पंजीकरण करने का अधिकार है। आप को विवाह हेतु जिला कलेक्टर जो कि विवाह पंजीयक भी होता है के यहाँ आवेदन करना होगा। हो सकता है किसी राज्य या बड़े नगर में कलेक्टर के अतिरिक्त किसी अन्य अधिकारी को विवाह पंजीयक नियुक्त किया हो। यदि ऐसा है तो आप को यह आवेदन विवाह पंजीयक के सामने प्रस्तुत करना होगा।
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7 Comments
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पूरी (बराबरी की) छोड़ आधी को धावे,
पूरी मिले न आधी पावे!
नयी जानकारी के लिये धन्यवाद ।
एक अच्छी जानकारी
धन्यवाद
काम की बात के लिये साधुवाद स्वीकारें…
अच्छी जानकारी है धन्यवाद्