वाहन पार्क कर के रास्ता रोकना न्यूसेंस है, न्यायालय से निषेधाज्ञा जारी कराएँ और पुलिस को रिपोर्ट करें
|समस्या-
नवरतन सागर, गुड़गाँव, हरियाणा ने पूछा है-
मेरा पड़ौसी कार गलत पार्किंग करता है जिस से हमारा रास्ता रुक जाता है। पड़ौसी से मना करने पर झगड़ा करता है। कृपया उपाय सुझाएँ।
समाधान-
एक तो किसी वाहन को सड़क पर पार्क करना उचित नहीं है। इस के लिए नगर पालिका अधिनियम के अंतर्गत नगर पालिकाएँ उप नियम बना सकती हैं और ऐसे लोगों के विरुद्ध कार्यवाही कर सकती हैं। आप की नगरपालिका ने इस संबंध में कोई उप नियम बना रखा हो तो आप को पता करना चाहिए और नगरपालिका में शिकायत करनी चाहिए। पर हो सकता है कि अन्य नगरपालिकाओं की तरह आप के नगर की नगरपालिका ने भी इस तरह का कोई उपनियम नहीं बना रखा हो।
किसी भी व्यक्ति का मार्ग रोकना न केवल कंटक (न्यूसेंस) करने का दुष्कृत्य है अपितु एक अपराध भी है। इस तरह के कंटक को रोकने के लिए आप दीवानी न्यायालय में यह कहते हुए निषेधाज्ञा प्राप्त करने के लिए दीवानी वाद प्रस्तुत कर सकते हैं कि आप का पड़ौसी सड़क पर गलत रीति से कार पार्क करता है जिस से आप का मार्ग अवरुद्ध होता है और सड़क पर यातायात को भी खतरा उत्पन्न होता है जिस से दुर्घटनाएं घट सकती हैं इस तरह वह न्यूसेंस उत्पन्न करता है। इस वाद में न्यायालय आप के पडौसी के विरुद्ध इस आशय की निषेधाज्ञा प्रदान कर सकता है कि वह वाहन को सड़क पर इस तरह पार्क न करे कि आप का या किसी अन्य का मार्ग अवरुद्ध हो और सड़क पर यातायात को खतरा उत्पन्न हो।
आप का पड़ौसी इस निषेधाज्ञा के कारण फिर उस का वाहन आप के घर के सामने पार्क नहीं करेगा। यदि वह निषेधाज्ञा के उपरान्त भी वाहन पार्क करता है तो यह एक संज्ञेय अपराध होगा जिस पर पुलिस उस के विरुद्ध दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 291 के अंतर्गत मामला दर्ज कर के न्यायालय में आरोप पत्र प्रस्तुत करेगी जिस में आप के पड़ौसी को छह माह के साधारण कारावास या अर्थदंड या दोनों प्रकार की सजाएँ दी जा सकती हैं।
यह सब करने के पूर्व आप पुनः विनम्रता से अपने पड़ौसी से कहें कि वह अपनी कार आप के रास्ते में पार्क नहीं करे। यदि आप के कहने पर पड़ौसी झगड़ा करता है तो आप तुरंत पुलिस में रिपोर्ट करें और निषेधाजा के लिए दीवानी वाद प्रस्तुत करें।
गुरुदेव जी, ऐसे मामलों दिल्ली पुलिस कोई कार्यवाही नहीं करती है और सौ नं. पर फोन करने पर आती भी नहीं है. थाने में प्रार्थना पत्र (कूडेदान में डाल देती है) देकर देख चूका हूँ. अब अदालतों के लिए समय और धन कहाँ लेकर आए और फिर पता नहीं कितने साल में आदेश मिलेगा.
रमेश कुमार जैन उर्फ सिरफिरा का पिछला आलेख है:–.हम कौन है ?
सही है, इस तरह के मामलों में पुलिस पहली बार में कोई कार्यवाही नहीं करती। क्यों कि उसे इस तरह की कार्यवाही करने का अधिकार नहीं है। लेकिन यदि कोई न्यूसेंस पर निषेधाज्ञा प्राप्त कर ले और फिर भी कोई व्यक्ति न्यूसेंस करे तो पुलिस को कार्यवाही का अधिकार मिल जाता है। गलत पार्किंग के मामले में नगर पालिकाएं कार्यवाही कर सकती हैं लेकिन न तो उन के पास इस के लिए कोई स्टाफ है और न ही उन में कुछ करने की इच्छा शक्ति।
दिनेशराय द्विवेदी का पिछला आलेख है:–.वाहन पार्क कर के रास्ता रोकना न्यूसेंस है, न्यायालय से निषेधाज्ञा जारी कराएँ और पुलिस को रिपोर्ट करें