DwonloadDownload Point responsive WP Theme for FREE!

Tag: भारत

भारत शासन अधिनियम 1935 और विधि व्यवस्था : भारत में विधि का इतिहास-84

अगस्त 1935 में ब्रिटिश संसद ने भारत शासन अधिनियम 1935 पारित किया। इस अधिनियम ने 1919 के अधिनियम का स्थान लिया। इस अधिनियम के उपबंधों से भारत में
Read More

भारतीय उच्च न्यायालय अधिनियम 1861 : भारत में विधि का इतिहास-77

ब्रिटिश संसद ने 1861 में भारतीय उच्च न्यायालय अधिनियम पारित किया और इसी के साथ भारत में उच्च न्यायालयों के इतिहास का आरंभ हुआ। इस अधिनियम द्वारा ब्रिटिश
Read More

उच्च न्यायालयों की स्थापना के लिए अधिनियम : भारत में विधि का इतिहास-76

ब्रिटिश भारत में 1861 तक जो न्यायिक व्यवस्था विकसित हुई थी वे दो भिन्न प्रकार की थीं। प्रेसीडेंसी नगरों मद्रास, कलकत्ता और मुम्बई में सुप्रीम कोर्ट स्थापित थे
Read More

विलियम बेंटिंक के उपरांत 1861 तक की न्याय व्यवस्था : भारत में विधि का इतिहास-63

विलियम बेंटिंक के बाद के गवर्नर जनरलों ने बेंटिंक की नीति का ही अनुसरण करते हुए न्याय व्यवस्था के मूल ढाँचे को यथावत बनाए रखा। 1836 में जातिगत
Read More

शोएब को आयशा को तलाक क्यूँ देना पड़ा? -एक ठोस वजह

आखिर शोएब ने आयशा को तलाक दे दिया और सानिया के साथ निकाह होने में किसी तरह की बाधा नहीं रही। लेकिन यह प्रश्न अभी भी रहस्य बना
Read More

चार्टर एक्ट 1833 और वैधानिक केंद्रीयकरण : भारत में विधि का इतिहास-62

चार्टर एक्ट-1833 इंग्लेंड औद्योगिक क्रांति से गुजर रहा था। इसी औद्योगिक क्रांति से वहाँ एक नया वर्ग पैदा हो गया था। यह मजदूर वर्ग था। जिस की गांव
Read More

जिला न्यायालयों की अधिकारिता में वृद्धि : भारत में विधि का इतिहास-61

प्रांतीय न्यायालयों का समापन बेंटिंक ने 1831 के पाँचवें विनियम के माध्यम से जिले में स्थित प्रान्तीय न्यायालयों की अपीलीय अधिकारिता को समाप्त कर दिया और उस की
Read More

लॉर्ड बेंटिंक के न्यायिक सुधार : भारत में विधि का इतिहास-60

लॉर्ड एमहर्स्ट के उत्तराधिकारी के रूप में लॉर्ड बेंटिंक ने गवर्नर जनरल का पदभार 1828 में ग्रहण किया। वे 1835 तक केवल सात वर्ष इस पद पर रहे।
Read More

सदर अमीन का पद वैतनिक हुआ : भारत में विधि का इतिहास-59

सदर अमीन को अब तक प्रचलित प्रथा के अनुसार प्रत्येक निर्णीत मामले के मू्ल्य के अनुपात में पारिश्रमिक दिया जाता था। लॉर्ड एमहर्स्ट ने 1824 के 13 वे
Read More

दांडिक न्याय प्रणाली में लॉर्ड हेस्टिंग्स के सुधार : भारत में विधि का इतिहास-58

लॉर्ड हेस्टिंग्स ने प्रारंभ में दांडिक न्याय प्रणाली को छेड़ने के स्थान पर उस का ध्यानपूर्वक अध्ययन किया। सब से पहले उस का ध्यान इस बात पर गया
Read More