अपनी उपस्थिति से स्वतंत्र सहमति को दूषित करने वाले तीसरे कारक ‘कपट’ अर्थात् (fraud) को भारतीय कंट्रेक्ट कानून में परिभाषित किया गया है। उस की परिभाषा इस तरह
आज हम बात कर रहे हैं, प्रस्तावों के निरसन की, कि प्रस्ताव किन किन हालात में निरसित माने जायेंगे? एक प्रस्ताव निम्न परिस्थितियों में निरसित हो जाएगा….. प्रस्तावक
पिछली पोस्ट पर आई टिप्पणियों ने मुझे उत्साहित किया। मुझे लगा कि कॉन्ट्रेक्ट या संविदा या (contract) एक ऐसा विषय है जिस से प्रत्येक व्यक्ति पग-पग पर प्रभावित