अपराध का प्रायश्चित करें या दण्ड भुगतें
|समस्या
मैं एक फोटोकॉपी की दुकान पर चार वर्ष से काम करता हूँ। दुकान की एक फोटोकॉपी मशीन एक निजी टेलीकॉम कंपनी में लगी हुई है जहाँ पर मैं काम करने जाता हूँ। पिछले दो सालों से मैं रोज दुकान से फोटोकॉपी का पेपर और मशीन का टोनर ले कर आता था और मैं ने धीरे-धीरे पेपर और टोनर चुराना आरंभ कर दिया। मैं चुराया हुआ पेपर और टोनर घर ले जा कर रख देता था। करीब 30,000/- रुपए का माल इकट्ठा हो गया था मैं ने उसे बेच दिया। इस काम में मेरी दो दोस्तों ने मदद की। अब दोनों दोस्त मुझ से आधा हिस्सा मांग रहे हैं। मना करने पर वे मेरे घर और दुकान पर बताने की धमकी देते हैं। आप बताएँ मुझे क्या करना चाहिए?
-नीतेश नन्दवाल, इन्दौर
सलाह-
आप अच्छी तरह जान रहे हैं कि आप ने चोरी की है। चोरी एक अपराध है जिस के लिए आप को कानून द्वारा दंडित किया जा सकता है। आप बाजार में नौकरी करते हैं और आप ने सम्मान अर्जित किया है। चोरी की वारदात खुलते ही आप का सम्मान मिट्टी में मिलना तय है। फिर आप को कोई नौकरी भी न देगा। जिन लोगों ने आप को चोरी में सहयोग किया है वे भी आप के समान ही दंड के भागीदार हैं। निश्चित रुप से उन्हों ने आप के काम में सहायता की है तो उस के लाभ में वे हिस्सा भी मांगेंगे। यदि आप उन्हें हिस्सा दे देंगे तब भी वे आप के राज को जान गए हैं और आप को भविष्य में भी ब्लेकमेल करते रहेंगे। इस तरह आप उन्हें हि्स्सा दे कर भी बच नहीं सकेंगे। धीरे-धीरे आप स्थाई रूप से अपराध जगत का हिस्सा बन जाएंगे और फिर हो सकता है आप की आधा जीवन जेल जाने और आने में ही बीत जाए। निश्चित ही आप बहुत बड़ी मुसीबत में हैं। इस मुसीबत से निकलने का सिर्फ और सिर्फ एक मार्ग है। आप प्रायश्चित करने को खुद को तैयार करें। इस के लिए आप को बहुत साहस की आवश्यकता होगी। लेकिन एक बार आप ने प्रायश्चित किया तो आप खरा सोना बन सकते हैं।
आप का नियोजक/दुकान मालिक आप पर भरोसा करता है। आप अपना पूरा साहस एकत्र कर उसे सारी बात बता दें कि किस तरह आप ने उस के यहाँ चोरी की और मुसीबत में आ गए हैं। आप उसे विश्वास दिलाएँ कि आप आगे से चोरी नहीं करेंगे और नियोजक के साथ कोई धोखा नहीं करेंगे। आप ने जिस माल की चोरी की है उस से प्राप्त रुपया आप ने खर्च कर दिया है और आप एक साथ नहीं लौटा सकते। लेकिन आप उसे वापस लौटाने का इरादा रखते हैं। उसे चुकाने का एक ही तरीका है कि वह आप की नौकरी को बरकरार रखे और आप के वेतन में से एक चौथाई या एक तिहाई प्रतिमाह कटौती कर अपने नुकसान की पूर्ति कर ले। मेरा अनुमान है कि आप यदि पूरी सचाई और ईमानदारी के साथ अपना गुनाह अपने मालिक के सामने स्वीकार कर लेंगे तो वह आप पर विश्वास करेगा और आप को नौकरी से नहीं निकालेगा। हो सकता है कि वह आप पर कुछ समय तक विश्वास न करे। लेकिन समय के साथ आप यह प्रमाणित कर सकते हैं कि आप पूरी ईमानदारी के साथ उस के यहाँ काम कर रहे हैं। तब हो सकता है वह भविष्य में पहले अधिक विश्वास आप पर करने लगे। यदि आप अपने मालिक के सामने सारी बात कहने की हिम्मत न जुटा सकें तो आप अपने मालिक के विश्वास के किसी व्यक्ति से संपर्क कर सकते हैं जिस की बात आप का मालिक ठुकराता न हो। आप उस व्यक्ति को सारी बात बताएँऔर वह व्यक्ति आप के और आप के मालिक के बीच मध्यस्थता करे। लेकिन आप स्वयं ही अपने मालिक को यह सब बताएँ तो अधिक अच्छा है। इस से आप के और आप के मालिक के बीच विश्वास कम होने के स्थान पर और बढ़ेगा।
यह हो सकता है कि वह आप पर आगे विश्वास न करे, आप को नौकरी से निकाल दे। लेकिन आप को इस के लिए तैयार रहना होगा। क्यों कि इस परीक्षा से गुजर कर ही आप इस मुसीबत से छुटकारा प्राप्त कर सकते हैं और भविष्य को अंधकारमय होने से बचा सकते हैं। आप के द्वारा स्वयं अपने अपराध की स्वीकारोक्ति ही आप के उज्जवल भविष्य की नींव बन सकती है।
vah sir gunah kabool karne ka bahut hi achha tarika