जब भी सरकारीअभियान चले कब्जे की भूमि का पट्टा जरूर बनवा लें।
|समस्या-
राधेश्याम गुप्ता ने 6/8 परदेशीपुरा, इंदौर, मध्यप्रदेश से पूछा है-
मेरे पिताजी ने सन 2012 में एक 15 गुणा 30 का मकान खरीदा था। पिताजी ने मकान की पूरी कीमत अदा कर दी थी और उस समय नोटरी करवाकर कब्जा ले लिया था और नोटरी में यह शर्त थी कि पिताजी जब चाहेंगे विक्रेता उसकी रजिस्ट्री करवा देगा। लेकिन अब विक्रेता मना कर रहा है कि हमारे पास रजिस्ट्री करवाने के पूर्ण दस्तावेज उपलब्ध नहीं है। वास्तविकता में सिवाय संपत्ति कर की रसीद के अलावा उनके पास और कुछ भी नहीं है। विक्रेता हमसे पहले वहां पिछले 20 वर्षों से रह रहा था। अब मुझे दूसरी मंजिल बनवानी है क्या उसमें किसी प्रकार का अवरुद्ध उत्पन्न हो सकता है। क्या संविदा के विशिष्ट पालन के द्वारा मकान रजिस्ट्री संभव है और यदि है तो वह कैसे या फिर प्रतिकूल कब्जे के लिए इंतजार करें। कृपया मार्गदर्शन करें।
समाधान-
आप के पिता ने जब मकान खरीदा तो उसी समय उन्हें उस के स्वामित्व के दस्तावेज देखने चाहिए थे। हो सकता है उन्होंने एक लंबे कब्जे के आधार पर ही विक्रेता से मकान खऱीद लिया हो। फिलहाल आप ने एक एग्रीमेंट के आधार पर एक संपत्ति खरीदी और उस का कब्जा ले लिया। विक्रेता या उसके विधिक प्रतिनिधि तो अब उस का कब्जा तो आप से वापस नहीं ले सकते।
यदि कोई तीसरा व्यक्ति उस मकान के स्वामित्व का दावा कर के कोई आपत्ति करे तो वह आपत्ति इस कारण नहीं चलेगी कि आप ने जिस से मकान खऱीदा है उस के कब्जे में बीस साल से था और उस के पास संपत्ति कर की रसीदें थीं। आप को संपत्ति कर की रसीदे विक्रेता से खुद ले कर रखनी चाहिए।
अब मकान बनाने पर आपत्ति करने वाले सिर्फ नगर पालिका या अन्य सरकारी एजेंसी हो सकती है। लेकिन वे तो हमेशा गाफिल रहते हैं जिस मकान पर आप का बरसों से कब्जा है यदि आप उस पर इस तरह से निर्माण करें कि कोई वहाँ जा कर शिकायत न करे तो आप को मकान बनाने से रोकने वाला कोई आएगा उस की संभावना लगभग नहीं के बराबर है। फिर भी आप को चाहिए कि जब भी शहर में कब्जे के आधार पर पट्टे जारी करने का अभियान सरकार चलाए तब मकान के प्लाट का पट्टा जरूर बनवा लें। जिस से यह सारे संकट खत्म हों।