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तलाक का आवेदन विवाह का एक वर्ष पूर्ण होने के पूर्व भी प्रस्तुत किया जा सकता है।

समस्या-

विनिता पारीक ने सांगानेर, जयपुर, राजस्थान से पूछा है-

मेरी शादी 25 जनवरी 2019 को हुई थी। मेरे पति आबु धाबी (विदेश) में रहते हैं।  शादी तय होते समय ये बात हुई थी कि मुझे अपने साथ रखेंगे चाहे कहीं भी रहें।  लेकिन शादी होते ही दूसरे दिन ही मना कर दिया कि साथ नही रखूँगा।  शादी के दूसरे दिन ही पति का और सभी घरवालों का व्यवहार बदल गया। पति और सभी ससुराल वाले ये बोलते है कि जयपुर में घर है न, यहीं रह आराम से खा पी काम कर मना थोड़ी कर रहे हैं।  मेरे पति ने भी कह दिया कि यहां (आबु धाबी) अपने साथ नहीं रखूँगा और ना ही 3 साल भारत आउंगा।  (3 साल बाद आने का भी पक्का नहीं है) साल में 1-2 बार मिलने आ सकता हूँ बस।  और शादी के बाद मेरे पति बस एक बार आये हैं और अब आने का पता भी नही है।  मेरे पति (फोन पर) और ससुराल वाले ताने देते रहते हैं।  इन सबसे परेशान होकर मैं अपने पीहर आ गई हूँ। मेरे पति अब बोलते हैं कि मैंने खुद के लिए शादी नहीं की है, मेरे दादा दादी के लिए शादी की है। जयपुर रह और उनकी देखभाल कर। दादा दादी के तीन बेटे बहू हैं।  (मेरे सास ससुर के अलावा) और सभी संयुक्त परिवार में रहते हैं। मेरे सास ससुर का देहांत मेरी शादी से पहले हो चुका है । मैं और मेरे परिवार वाले जब साथ रहने की बात करते हैं तो जवाब आता है पैसे नहीं है।  जबकि 3 लाख रूपए मेरे पति की महीने की इनकम है। मेरी जरूरतों के लिए शादी के बाद 100-200 रूपए मांगे तो देने से मना कर दिया और कहा मैं तो गरीब आदमी हूँ तेरे पापा से ही पैसे ले ले मेरे पास नहीं है। शादी के बाद से मेरे पति ने मेरी जरूरतों के लिए 1 रूपया भी नहीं दिए हैं।  मेरे पति ने ये भी कह दिया है जो करना है कर ले, मैं तुझे साथ नहीं रखूगाँ मेरा यही फैसला है। मुझे और मेरे परिवार द्वारा रिश्ता बचाने की जितनी कोशिश करनी थी।  हम कर चुके हैं। अब दोनों परिवार में और मेरे पति और मुझमे 2 महीने से कोई बात नहीं हो रही है। मैं इन सब बातों से मानसिक रूप से परेशान हूँ। धोखे से झूठ बोलकर शादी करना, और साथ रखने से इंकार करना, आप बताइए अब मुझे क्या करना चाहिए? मैं क्या एक्शन लूँ, और मेरे पति विदेश में हैं। क्या उन पर कोई क़ानूनी कार्यवाही हो सकती है? मेरे पति को भारत बुलाने का कोई तरीका है? क्या 1 साल से पहले तलाक की कार्यवाही की जा सकती है?

समाधान-

आपके पास तलाक के पर्याप्त आधार मौजूद हैं। आप के लिए उपयुक्त उपाय तलाक की अर्जी प्रस्तुत करना ही है। सामान्य रूप से तलाक की अर्जी विवाह की तिथि से एक वर्ष पूर्ण होने के पूर्व प्रस्तुत नहीं की जा सकती है। लेकिन विशिष्ट परिस्थितियों में न्यायालय से अनुमति ले कर तलाक की अर्जी एक वर्ष पूर्ण होने के पूर्व भी प्रस्तुत की जा सकती है। इस के लिए हिन्दू विवाह अधिनियम की धारा 14 में प्रावधान उपलब्ध हैं।  धारा -14 निम्न प्रकार है-

(1) इस अधिनियम में अन्तर्विष्ट किसी बात के होते हुए भी जब तक आज्ञप्ति द्वारा विवाह के भंग के लिए याचिका की तारीख जब तक कि उस विवाह की तारीख से अर्जी के उपस्थापन की तारीख तक एक वर्ष बीत न चुका हो, न्यायालय ऐसी याचिका को ग्रहण न करेगा :

परन्तु न्यायालय ऐसे नियमों के अनुसार जैसे कि उच्च न्यायालय द्वारा इस निमित्त बनाये जायें, अपने से किये गये आवेदन पर याचिका को विवाह की तारीख से एक वर्ष व्यपगत होने से पहले पेश करने के लिये समनुज्ञा इस आधार पर दे सकेगा कि वह मामला याचिकादाता द्वारा असाधारण कष्ट भोगे जाने का या प्रत्युत्तरदाता की असाधारण दुराचारिता का है, किन्तु यदि न्यायालय को याचिका की सुनवाई पर यह प्रतीत होता है कि याचिकादाता ने याचिका पेश करने के लिए इजाजत किसी मिथ्या व्यपदेशन या मामले के प्रकार के सम्बन्ध में किसी मिथ्या व्यपदेशन या किसी छिपावट से अभिप्राप्त की थी तो यदि न्यायालय आज्ञप्ति दे तो इस शर्त के अधीन ऐसा कर सकेगा कि जब तक विवाह की तारीख से एक वर्ष का अवसान न हो जाय, तब तक वह आज्ञप्ति प्रभावशील न होगी या याचिका को ऐसी किसी याचिका पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना खारिज कर सकेगा जो कि उन्हीं या सारत: उन्हीं तथ्यों पर उक्त एक वर्ष के अवसान के पश्चात् दी जाये जैसे कि ऐसे खारिज की गई याचिका के समर्थन में अभिकथित किये गये हों। 

(2) विवाह की तारीख से एक वर्ष के अवसान से पूर्व तलाक के लिए याचिका पेश करने की इजाजत के लिये इस धारा के अधीन किसी आवेदन का निपटारा करने में न्यायालय उस विवाह से हुई किसी संतति के हितों और इस बात को भी कि क्या पक्षकारों के बीच एक वर्ष के अवसान से पूर्व मेल-मिलाप की कोई युक्तियुक्त सम्भाव्यता है या नहीं, ध्यान में रखेगा।

 

इस तरह आप तुरन्त तलाक के लिए आवेदन प्रस्तुत कर सकती हैं। आपके पति भारत के बाहर रहते हैं लेकिन उन्हें व्यक्तिगत रूप से समन की तामील कराने की विधि उपलब्ध है और समन तामील कराया जा सकता है। उसके बाद भी यदि आपके पति न्यायालय के समक्ष उपस्थित नहीं होते हैं तो तलाक की एकतरफा डिक्री पारित की जा सकती है। इस मामले में बेहतर है कि जयपुर में किसी अच्छे वकील से जो तलाक के मामले देखता हो संपर्क करें जिस से वह आपसे बातचीत कर के तलाक के लिए उचित आधार समझ सके और उन के आधार पर आप का तलाक का आवेदन तैयार कर सके।

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