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दीवानी वाद का आर्थिक क्षेत्राधिकार उस में किए गए वाद के मूल्यांकन से निर्धारित होगा।

rp_property1.jpgसमस्या-

मानस ने रुद्रपुर, उत्तराखंड से समस्या भेजी है कि-

मेरे नानाजी A ने अपने भाई B को आपसी स्नेह के चलते अपने घर के एक हिस्से में रहने की जगह दी (लाइसेंस दिया बिना किसी लेनदेन के)। B, B की पत्नी और बेटे BS का देहांत हो चुका है, लेकिन अब BS की पत्नी उतने हिस्से को अपने नाम फ्रीहोल्ड कराना चाह रही है। हम उनके लाइसेंस को रद्द करते हुए उनके ऊपर बेदखली का वाद चलाना चाहते हैं, लेकिन डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में। कृपया मार्गदर्शन करें की किन परिस्थितियों और कारणों में बेदखली वाद डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में दायर हो सकता है?

समाधान

कोई भी दीवानी वाद उसी न्यायालय में प्रस्तुत करना होता है जिसे उसे सुनने का क्षेत्राधिकार होता है। संपत्ति से संबंधित वाद का क्षेत्राधिकार उस न्यायालय को होता है जिस न्यायालय के अधिक्षेत्र में वाद से संबंधित संपत्ति स्थित होती है, यदि वाद से संबंधित संपत्तियाँ एकाधिक न्यायालयों के अधि क्षेत्र में स्थित हों तो उन में से किसी भी न्यायालय के समक्ष वाद प्रस्तुत किया जा सकता है।

म तौर पर कम मूल्य के वाद प्रारंभिक दीवानी न्यायालय अर्थात सिविल जज के न्यायालय को प्रस्तुत किए जाते हैं, उस से अधिक मूल्य के वाद वरिष्ठ सिविल जज को, उस से अधिक मूल्य के वाद जिला जज को तथा असीमित मूल्य वाले वाद कहीं जिला जज को और कहीं उच्च न्यायालय को प्रस्तुत किए जाते हैं। हर राज्य में यह क्षेत्राधिकार भिन्न भिन्न प्रकार से निर्धारित किए गए हैं। आप को जानकारी करना चाहिए कि आप के राज्य में दीवानी न्यायालयों की आर्थिक अधिकारिता क्या है। यह आप अपने जिला न्यायालय के कार्यालय से जान सकते हैं।

मान लीजिए आप के जिला जज की अधिकारिता 5 लाख से असीमित मूल्य तक के दीवानी वाद सुनने की है तो जिला जज के यहाँ प्रस्तुत किए गए वाद का मूल्य 5 लाख या उस से अधिक का होना चाहिए। यदि आप अपने वाद का मूल्यांकन 5 लाख से अधिक का करते हैं तो आप का वाद जिला जज के यहाँ प्रस्तुत किया जा सकता है। चूंकि संपत्ति आप की है इस कारण मकान के जिस हिस्से में लायसेंसी निवास कर रहा है उस का मूल्यांकन आप कर सकते हैं। आप जो भी बाजार मूल्य अपने वाद में उस संपत्ति का घोषित करेंगे उसी के आधार पर वाद मूल्य माना जाएगा और उसी आधार पर क्षेत्राधिकार तय होगा और उसी के अनुरूप आप को न्यायालय शुल्क भी अदा करना होगा।