न्यायालयों में विवरण व दस्तावेज प्रस्तुत करवाने के प्रावधान
|मेरी पत्नी एक एल.टी.डी फार्मेसी में काम करती है और उस ने मेरे विरुद्ध अनेक मुकदमे किये है, कृपयामुझे ये बताने का कष्ट करें कि उसका वेतन खाता कोटक महिंद्रा बैंक में है जिसका नम्बर मेरे पास है। मुझे उसके खाते कि जानकारी केसे मिल सकती है? जहाँ वह नोकरी करती है उस फार्मेसी से मुझे उसके बारे में कि वह वहां नोकरी करती है जानकारी कैसे ले सकता हूँ?
-कमल हिन्दुस्तानी, हिसार, हरियाणा
आप की पत्नी ने आप के विरुद्ध अनेक मुकदमे किए हैं और आप को उक्त मुकदमों मे अपनी प्रतिरक्षा प्रस्तुत करने के लिए अपनी पत्नी के कोटक महिन्द्रा बैंक के उस के खाते का विवरण तथा उस के नियोजक के यहाँ से उस के वेतन और कब से वह नौकरी कर रही है इस का विवरण चाहिए। कोटक महिन्द्रा बैंक और आप की पत्नी की नियोजक कंपनी दोनों ही निजि क्षेत्र के संस्थान हैं और वहाँ सूचना का अधिकार कानून प्रभावी नहीं है इस कारण आप इस कानून के अंतर्गत वहाँ से सूचनाएँ प्राप्त नहीं कर सकते।
लेकिन आप की पत्नी ने जो मुकदमे आप के विरुद्ध न्यायालय में कर रखे हैं वे सभी अभी लंबित हैं उन में से कुछ दीवानी प्रकृति के हैं तो कुछ अपराधिक प्रकृति के। धारा 125 दंड प्रक्रिया संहिता और धारा 498क तथा 406 भा.दं.संहिता के प्रकरण दंड प्रक्रिया संहिता से शासित होते हैं अन्य प्रकरण दीवानी प्रक्रिया संहिता से शासित होते हैं। दोनों ही प्रक्रिया संहिताओं में यह प्रावधान हैं जिन के अंतर्गत प्रतिपक्षी से सूचनाएँ और दस्तावेज प्राप्त करने के लिए न्यायालय के समक्ष आवेदन प्रस्तुत किए जा सकते हैं और न्यायालय प्रतिवादी व अभियोजक या किसी अन्य व्यक्ति को यह आदेश दे सकता है कि वे सूचनाएँ और दस्तावेज न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करें।
दीवानी प्रक्रिया संहिता का आदेश के नियम 1 से 11 तक परिप्रश्नों के संबंध में है। नियम 1 अंतर्गत आप किसी भी दीवानी मुकदमे में परिप्रश्न संलग्न करते हुए एक आवेदन न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत कर सकते हैं कि वह विपक्षी पक्षकार को आदेश दे कि वह संलग्न परिप्रश्नों का उत्तर न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करे। इन परिप्रश्नों में आप यह पूछ सकते हैं कि प्रतिपक्षी कहाँ नौकरी कर रहा है? कब से नौकरी कर रहा है? और संपूर्ण सेवा काल में उस का वेतन क्या रहा है? और वेतन के अतिरिक्त उसे क्या क्या वित्तीय लाभ जैसे बोनस आदि प्राप्त हुए हैं। आप परिप्रश्नों में यह भी पूछ सकते है कि उसे वेतन किस बैंक के माध्यम से मिलता है? उस का खाता संख्या क्या है और उस की विगत एक वर्ष का विवरण क्या है? दीवानी प्रक्रिया संहिता के ही आदेश 11 नियम 12 व 14 में उपबंध है जिस के अंतर्गत विपक्षी पक्षकार से किसी दस्तावेज को प्रकट करने और उसे न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत कराए जाने का आदेश दिए जाने के लिए न्यायालय को आदेश देने के लिए आवेदन प्रस्तुत किया जा सकता है।
इसी तरह दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 91 में यह प्रावधान है कि न्यायालय या किसी धाने का भार साधक अधिकारी यह समझे कि किसी अन्वेषण, जाँच, विचारण या अन्य कार्यवाही के प्रयोजन से किसी दस्तावेज या अन्य चीज का प्रस्तुत किया जाना आवश्यक है तो वह अधिकारी या न्यायालय जिस व्यक्ति के कब्जे या या शक्ति में ऐसा दस्तावेज या चीज होने का विश्वास है उश के नाम समन या लिखित आदेश जारी कर सकता है। इस तरह आप दंड न्यायालय जहाँ आप की धारा 125 दंड प्रक्रियी संहिता की अथवा धारा 498क और धारा 406 भा.दं.संहिता का विचारण चल रहा है को आवेदन प्रस्तुत कर ऐसा समन या आदेश जारी करने के लिए आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं। न्यायालय कथित बैंक और कथित नियोजक के नाम समन या आदेश जारी कर वांछित दस्तावेज ( आप की पत्नी के खाते का विवरण तथा आप की पत्नी के नियोजन व वेतन का विवरण) प्रस्तुत करवा सकता है।