भूखंड का 70 प्रतिशत मूल्य प्राप्त कर संविदा करने के बाद किसी अन्य को भूखंड विक्रय करना धारा 420 भा.दं.सं. में अपराध है
| आशीश पँवार ने पूछा है –
मेरी माताजी ने एक भूखण्ड खरीदने का सौदा किया और 70 प्रतिशत मूल्य अदा कर दिया। संविदा के अनुसार शेष 30 प्रतिशत राशि का भुगतान छह माह में करना था। इस बीच मेरी माता जी का कैंसर से देहान्त हो गया। हम ने विक्रेता को छह माह की अवधि में कहा कि वह शेष राशि ले कर भूखण्ड की रजिस्ट्री करवा दे। इस पर उस ने कहा कि वह उस भूखण्ड को दूसरे को विक्रय कर चुका है। हम ने उसे भुगतान किया हुआ धन वापस देने को कहा तो वह टालता रहा और अब देने से बिलकुल इन्कार कर रहा है। भूखंड जनवरी 2009 में खरीदा था। कुछ समय पूर्व पिता जी का भी देहान्त हो चुका है। हमें क्या करना चाहिए?
उत्तर –
आशीश जी,
आप के पास उक्त भूखण्ड को खरीदने की संविदा लिखित में नोटेरी द्वारा प्रमाणित की हुई मौजूद है। जब आप संविदा के अनुसार छह माह में शेष धन दे ने को तैयार थे तो उसे धन ले कर उस भूखंड का विक्रय पत्र निष्पादित करना चाहिए था। इस तरह विक्रेता ने आप के साथ हुई संविदा को भंग किया है। इस मामले में आप दोषी नहीं हैं। आप के मामले में उपाय सुझाने के लिए आप की माता जी और विक्रेता के मध्य हुई संविदा का अध्ययन और आप के द्वारा विक्रेता को शेष राशि ले कर भूखण्ड की रजिस्ट्री कराने का प्रस्ताव की स्थिति की जानकारी होना आवश्यक है।
यदि विक्रय संविदा में 70 प्रतिशत राशि प्राप्त कर कब्जा आप की माता जी को सोंपने का उल्लेख कर दिया गया है और शेष 30 प्रतिशत राशि विक्रय पत्र की रजिस्ट्री के समय भुगतान करने के लिए कहा गया है तो समझें कि आप किसी मुसीबत में नहीं हैं। ऐसी स्थिति में यह उस का कर्तव्य था कि वह विक्रयपत्र की रजिस्ट्री कराने के लिए तत्पर रहने तथा समयावधि में आप के द्वारा भुगतान न करने पर संविदा भंग होने की स्थिति में अन्य व्यक्ति को भूखंड विक्रय करने का आप को नोटिस देता। यदि उस ने भूखंड का कब्जा आप को दे दिया था तो आप उस कब्जे को बरकरार रखिए और उस पर निर्माण कार्य आरंभ कर दें। यदि वह आप के विरुद्ध कोई कार्यवाही करता है तो आप के पास संपत्ति अंतरण अधिनियम की धारा 53-क में यह प्रतिवाद उपलब्ध है कि कोई भी व्यक्ति आप से उस भूखंड का कब्जा प्राप्त नहीं कर सकता है।
भूखंड पर निर्माण कर के कब्जा बरकरार रखने के साथ आप को तुरंत विक्रेता को नोटिस देना चाहिए कि वह शेष राशि प्राप्त कर के भूखंड के विक्रय पत्र का पंजीयन नहीं करा रहा है। यदि उस ने एक माह में पंजीयन नहीं कराया तो आप पंजीयन कराने के लिए उस के विरुद्ध दीवानी वाद प्रस्तुत करेंगे। यदि विक्रेता ने किसी अन्य के पक्ष में उस भूखंड के विक्रय पत्र का पंजीयन करवा दिया है तो भी आप अपने कब्जे के आधार पर उस विक्रय पत्र को निरस्त कराने और अपने पक्ष में विक्रय पत्र का पंजीयन कराने का वाद प्रस्तुत कर सकते हैं और न्यायालय से यह मांग कर सकते हैं कि विक्रेता तथा दूसरा खरीददार आप के कब्जे में दखल न दे। ये सभी उपाय तभी उपलब्ध हैं जब कि भूखंड का कब्जा आप को हस्तांतरित करने की बात संविदा में अंकित की गई हो। जनवरी 2009 से तीन वर्ष की अवधि पूर
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सर हमारी एक प्रॉपर्टी का डिस्बुट last २२ ईयर १९९६ से सिविल कोर्ट ma चल रहा है यह property हमारीदादी ने १९७१ में kharidi थे or हमे १९९६ में will के थी property put चाचा का कब्ज़ा है जबकि हमारीदादी ने१९८८ को चाचाको d पर कर दिया , pheley ये प्रोपटी hamarey परदादा के नाम purr थी फ्हिर दादा के नाम दादाने यह प्रॉपर्टी१९५४ में बेच Di फिर दादी ने kharidi चाचा का दावा हैki प्रॉपर्टी फॉर फादर है कही एडवर्स पोजीशन में प्रोपेर्टी चाचा की टू नहीं Ho जाएगी प्लस reply thanks !
गुरुवर जी, आपने आज बहुत अच्छी जानकारी दी है.
आप सभी को आजाद भारत की हर साँस मुबारक हो…
हमारी कामना है कि आप हिंदी की सेवा यूं ही करते रहें। सोमवार को
ब्लॉगर्स मीट वीकली 4 में आप सादर आमंत्रित हैं।
बेहतर है कि ब्लॉगर्स मीट ब्लॉग पर आयोजित हुआ करे ताकि सारी दुनिया के कोने
कोने से ब्लॉगर्स एक मंच पर जमा हो सकें और विश्व को सही दिशा देने के लिए अपने
विचार आपस में साझा कर सकें।