मायके वाले बहन-बेटी के गहनों पर कब्जा कर लें तो वह अमानत में खयानत की रिपोर्ट दर्ज करवाए।
|माँगी लाल चौहान ने ग्राम-पोस्ट गोयली, जिला सिरोही, राजस्थान से समस्या भेजी है कि-
मेरी पत्नी ने मुझ पर अपने घरवालों के बहकावे मे आ कर हम से पैसे ऐंठने के मक़सद से मुझ पर और मेरे माता-पिता पर जूठा 498 ए का मुक़ुदमा किया था। लेकिन गुजरते वक़्त (2-3 साल) के साथ मेरी पत्नी को अपनी ग़लती का एहसास हो गया और उस ने पेशी के दौरान चुप-चाप अपने घर से बिना बताए अदालत के समक्ष आ कर मेरे साथ जाने का निवेदन किया। मैं भी अपनी बेटी के खातिर उस को अपनाने को राज़ी हो गया और उसे घर ले आया। लेकिन मेरी पत्नी के इस कदम से उसके घर वालों ने सारा रिश्ता उनसे तोड़ दिया और कहा कि आज से तू मेरे लिए मर गई। मैं आप से ये पूछना चाहता हूँ कि हमारे घर से जो भी चीज़ें बनाई गई थीं (सोने,चाँदी की वस्तुएँ) वो मेरे ससुराल वालों के पास हैं और वो देने के लिए मना कर रहे हैं तो मैं उन को कैसे प्राप्त कर सकता हूँ? हमारे फ़ैसले की तारीख 22-01-2015 है. और फ़ैसले के बाद उस फ़ैसले की प्रमाणित कॉपी कैसे प्राप्त कर सकता हूँ?
समाधान-
आप को बहुत बधाई कि आप की पत्नी को समझ आ गई और वह खुद आप के पास चली आई। एक बार 498 ए का मुकदमा समाप्त हो जाने दीजिए। उस के बाद आप अपने वकील के माध्यम से या स्वयं फैसले की प्रमाणित प्रतिलिपि के लिए आवेदन कर सकते हैं, उस के लिए आवेदन व प्रतिलिपि शुल्क के कुछ रुपये के टिकट आप को लगाने होंगे।
आप ने जो गहने अपनी पत्नी के लिए बनवाए थे वे तो आप तभी अपनी पत्नी को उपहार स्वरूप दे चुके थे। इस कारण से वे आप की संपत्ति नहीं हैं। वे अब आप की पत्नी की संपत्ति हैं और उस का स्त्री-धन है। उन गहनों के लिए आप को कार्यवाही करने का कोई अधिकार नहीं है।
लेकिन वे गहने आप की पत्नी का स्त्री-धन होने के कारण वे उन गहनों के लिए कार्यवाही कर सकती हैं। आप की पत्नी के मायके वालों के पास वे गहने अमानत थे। इस तरह उन गहनों को देने से इन्कार करने के कारण उस के मायके वालों ने अमानत में खयानत का धारा 406 आईपीसी के अन्तर्गत दण्डनीय अपराध किया है। आप की पत्नी उक्त अपराध के लिए उस के मायके वालों के विरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करवा सकती है। पुलिस इस प्रथम सूचना रिपोर्ट पर अन्वेषण के दौरान उन गहनों को बरामद कर जब्त कर सकती है। तथा इस अपराध को करने वालों को गिरफ्तार भी कर सकती है। बाद में आप की पत्नी उक्त गहनों को अदालत में आवेदन कर उन का कब्जा प्राप्त कर सकती है। यदि पुलिस इस तरह की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने या उस पर कार्यवाही करने से इन्कार करे तो वह सीधे न्यायालय के समक्ष परिवाद प्रस्तुत कर अदालत से निवेदन कर सकती है कि पुलिस को मामला दर्ज कर अनुसंधान करने का आदेश प्रदान किया जाए।
यदि पुलिस उक्त सारे गहनों को या कुछ को बरामद न कर सके तो आप की पत्नी उक्त गहनों को प्राप्त करने के लिए दीवानी वाद भी प्रस्तुत कर सकती है।
आप पत्नी बच्ची ओर मा पापा ओर पुरे परिवार को प्यार दो सब ठीक हो जायेगा वक्त के साथ. बस सबको प्यार से रखना.
श्री माँगी लाल चौहान जी, आप को बहुत बहुत बधाई कि आप की पत्नी को समझ आ गई और वह खुद आप के पास चली आई। मेरी पत्नी ने भी मुझ पर अपने घरवालों के बहकावे मे आकर हमारी संपत्ति पैसे ऐंठने के मक़सद से मुझ पर और मेरे परिजनों पर झूठा 498 ए और 406 का मुक़ुदमा किया था। लेकिन मेरे मामले में इस विवाद का अन्त “तलाक” के रूप में हुआ था. ऐसी बहुत कम ही महिलाएं होती हैं. जो संपत्ति के लालच में अपने पति व सुसराल वालों के ऊपर झूठे केस करने के बाद उसी घर में आ पाती है और फिर बाद में वो ऐसी लडकियाँ न घर की रहती है और न सुसराल की. एक विश्वास टूटने के बाद फिर जल्दी से नहीं हो पाता है.
पत्रकार रमेश कुमार जैन उर्फ़ निर्भीक g maine apne gharwalo ki baat naa mante hue usko ghar le aaya hu, iska natija ye hai ki mere gharwale usko apni bhu nhi mante hai aur mere se bhi shi tarike se baat nhi karte hai, talaq se pehle me mere mata-pita ke saath khana khata tha lekin ukse aane ke bad wo mere bade bhai saheb ke ghar khana khate hai. aur main meri biwi aur meri beti teeno alg khana bana ke khate hai par sabse achchhi baat ye hai ki woh meri beti ko bhut pyaar karte hai.
श्री माँगी लाल चौहान जी, अभी आपके माता-पिता आपकी पत्नी के उठाये अनैतिक कार्य आहत है. थोडा समय दीजिये सबकुछ ठीक हो जायेगा. समय के साथ काफी कुछ ठीक हो जाता है.
बहुत बहुत बधाइया. आने वाले वक्त के लिये शुभ कामना.