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वसीयत असली है तो अदालत में साबित कीजिए।

courtroom indiaसमस्या-

सोमेश शर्मा ने चूरू, राजस्थान से समस्या भेजी है कि-

म तीन भाई-बहन हैं! मेरे पिताजी ने अपनी कमाई से घर बनवाया! भाई के गलत आचरण के कारण उन्होंने घर की वसीयत मेरे नाम से कर दी! जिस समय वसीयत हुई पिताजी अस्वस्थ थे लेकिन लिखने-पढने बोलने समझने में सक्षम थे और अपनी मर्जी से वसीयत की थी। अब वसीयत को भाई ने उनके देहांत के बाद कोर्ट में यह कहते हुए चेलेंज कर दी कि वो सोचने-समझने में असमर्थ थे अतः यह फर्जी दस्तावेज है। जब कि पिताजी अंतिम समय तक बैंक से अपना लेनदेन खुद करते थे! मेरी माताजी का देहांत पहले ही हो चुका था व भाई पिताजी के समय से ही अलग रहता था! क्या वसीयत को चेलेंज किया जा सकता है व कोर्ट उसे फर्जी करार दे सकता है? कृपया स्पष्ट करें!

समाधान-

सीयत को चुनौती देना सामान्य बात है। इस से परेशान होने की जरूरत नहीं है। आम तौर पर किसी के देहान्त के बाद उस की संपत्ति का अधिकार उत्तराधिकार के अनुसार होता है। इस वसीयत ने आप के भाई के उत्तराधिकार को समाप्त किया है तो वह तो चुनौती देगा ही। कम से कम इस बात की रिस्क तो लेगा कि किसी तरह से वसीयत फर्जी सिद्ध हो जाए तो उसे संपत्ति का आधा भाग मिल जाएगा। वसीयत को चुनौती देना भाई का अधिकार है उसे इस का उपयोग करने दें।

प की वसीयत फर्जी नहीं है असली है तो उसे न्यायालय में साबित कीजिए। वसीयत को साबित करने के लिए वसीयत के गवाहों के बयान कराए जाने जरूरी हैं। जिन गवाहों ने वसीयत पर गवाह के रूप में हस्ताक्षर किए हैं वे बयान देंगे कि उन के सामने वसीयत कर्ता ने हस्ताक्षर किए थे और वे तब सोचने समझने लायक थे। उन के द्वारा वसीयत निष्पादन की तिथि के आसपास किए गए बैंक ट्रांजेक्शन्स और अन्य गतिविधियों के सबूत आप को उन्हें स्वस्थ चित्त साबित करने में मदद करेंगे। आप अपने लिए अनुभवी और मेहनती वकील नियुक्त कीजिए। वसीयत असली है तो असली ही साबित होगी।