विवाह का उपभोग न होने की स्थिति में न्यायालय विवाह को शू्न्य घोषित कर सकता है।
|गौरव ने सूरतगढ़, राजस्थान से समस्या भेजी है कि-
मेरी एक सहपाठी, (सूरतगढ, श्रीगंगानगर) की शादी 10 मार्च को बीकानेर हुई है। शादी के बाद उसे पता चला की उसका पति एक किन्नर है। ये बात उस लड़के को और उसके परिवार वालों को पहले से पता थी, लेकिन उन्हों ने ये बात इन लोगों से छिपाकर शादी करवा दी। अब लडकी वालों को किस प्रकार की कार्यवाही करनी चाहिए। जिस से कि उन लोगों पर कडी से कडी कार्यवाही हो सके।
समाधान-
आप की सहपाठी का कहना है कि लड़का शारीरिक कारणों से पुरुष नहीं है या नपुंसक है जिस के कारण विवाह का उपभोग (Consummation of Marriage) नहीं हुआ, न हो सकता है। हिन्दू विवाह अधिनियम की धारा 12 (1) (ए) के अन्तर्गत यह एक शून्यकरणीय विवाह है। इस विवाह को आप की सहपाठी के आवेदन पर न्यायालय अकृत घोषित करने की डिक्री पारित कर सकता है। आप की सहपाठी को इस के लिए तुरन्त आवेदन कर देना चाहिए।
यदि आप के सहपाठी के पति और उस के परिवार वालों को यह पहले से पता था कि आप की सहपाठी का पति शारीरिक कारणों से पुरुष नहीं है अथवा विवाह का उपभोग करने में सक्षम नहीं है तो यह छल है जो कि भारतीय दंड संहिता की धारा 417, 418, 419 के अन्तर्गत अपराध है। आप की सहपाठी इस अपराध के लिए विवाह संपन्न होने वाले स्थान पर अधिकारिता रखने वाले मजिस्ट्रेट के न्यायालय को परिवाद प्रस्तुत कर सकती है जिस पर मजिस्ट्रेट प्रसंज्ञान ले कर अभियोग की सुनवाई कर सकता है और अभियोग साबित होने पर छल के लिए दोषी सभी व्यक्तियों को दंडित कर सकता है।
क्या राजसस्थानी लड़की राजस्थान से बहार शादी कर के राजस्थान की मूल निवासी रह सकती ह? या क्या वो हरयाणा या पंजाब में शादी क बाद राजस्थान का मूल निवास बना सकती ह?
अभिलाषा जी
मेर्री बेबात से किसी को दुःख हुआ हो तो माफ़ी दीजियेगा.
मेरी सोच छोटी नही है मैंने पहले है कहा है बुरा न मने और अगर अफेयर नहीं है तो बी us लड़की की शादी में दिकत होगी और kya वो शादी कर लेंगे. और maine ये बी देखा हा की एक कपल में लड़का कसी लड़की से और लड़की कीसी लड़के से नार्मल बी बात करे तो उनके रिश्ते में दुरी आ जाती hai. कल कहि और शादी करके बी भावनात्मक रिश्ता कह कर अपनी अतरंग बाटे किसी से बी share करना मई सही नहीं समझता.
अभिलाषा जी
मेर्री बेबात से किसी को दुःख हुआ हो तो माफ़ी दीजियेगा.
मेरी सोच छोटी नही है मैंने पहले है कहा है बुरा न मने और अगर अफेयर नहीं है तो बी us लड़की की शादी में दिकत होगी और kya वो शादी कर लेंगे.
जुगराज जी अगर मैं किसी की विधिक सहायता इस वेब साइट के जरिये करवा सकता हूँ तो इसमें क्या गलत है. जरूरी नही की अगर कोई अपनी प्रॉब्लम शेयर करे तो उनमे अफेयर ही हो.
जुगराज जी आपने जो सलाह दी है व्ही अपनी जगह सही है पर उन्हें विवाह की सलाह देने में आप कुछ संकीर्ण मानसिकता के लग रहे।हो सकता है भुक्त भोगी और उसके मित्र में ऐसे भावनात्मक सम्बन्ध हो पर यदि ऐसा न होगा तो आप पुब्लिक्ली उनदोनो को शर्मिंदगी महसूस करा रहे। यह जरुरी नहीं की किसी से हम अपनी अंतरंग बाटे बाते करे तो उसके प्रति भी व्ही भावना रखे
thnx sir..
u r ryt..
We r just nrml frnds
नमस्कार द्विवेदी जी
गौरव जी सख्त करवाई करवा कर सिर्फ एक बार गुस्सा निकल जायगा पर कल को आपकी सहपाठी की शादी में दिक्कत होगी. इससे अच्छा है की चार लोग बैठ कर शादी को प्यार और मिलजुल कर कोर्ट से शुन्य करवाय. राजीनामे के तलाक से दोनों परिवार धक्के खाने से बचेंगे.
और बुरा न मानना अगर आपका उससे अफेयर है तो आप अब हिमत दिखाओ और खुद शादी करने की बात उसके घरवालो से कह दो .
बुरा न मान जाना आप मैंने इतनी बड़ी बात इस ले कही है कियूंकि आपकी सहपाठी ने आपसे पर्सनल बाटे शायर की hai
jugraj dhamija esa kuch nhi.. we are nrml frnds