सीक्योरिटी के बतौर दिए गए चैक के मामले में दण्डित नहीं किया जा सकता।
समस्या-
डिण्डोरी, मध्यप्रदेश से नीरज तिवारी ने पूछा है-
मेरे पिताजी ने सीमेंट का व्यापार करते समय अपने जिल के व्यापारी को सब डीलर बनाते समय चार चैक सीक्योरिटी के बतौर दिए थे जिस में केवल हस्ताक्षर उन्हों ने किए थे। परन्तु एक साल बाद हम ने उन से सीमेंट का व्यापार बन्द करने को कहा और हम ने एक नया सीमेंट का ब्राण्ड ले लिया। जिस कारण उस ने हमारी छवि खराब करने और द्वेषता के कारण उन चैकों में रकम भर कर उन को बाउंस करा कर हमारे ऊपर आठ लाख का कर्ज बता रहा है। हमें क्या करना चाहिए?
समाधान-
आप के पिता और परिवादी के बीच व्यापारिक संबंध रहे हैं। माल भेजने आदि के हर लेन देन का हिसाब रहा होगा। यदि आप अपने हिसाब से यह साबित कर सकते हों कि आप के पिता ने उक्त चैक केवल सीक्योरिटी के बतौर दिए थे तथा कोई लेन-देन शेष नहीं है तो आप के पिता उक्त मुकदमों में अपना बचाव कर सकते हैं।
चैक बाउंस के मुकदमों में मुख्य बात यह है कि यदि चैक बाउंस हुआ है और उस पर चैक दाता के हस्ताक्षर हैं तो यह माना जाएगा कि चैक किसी दायित्व के अधीन दिया गया होगा। अब यह साबित करना कि चैक किसी दायित्व के अधीन नहीं दिया गया था बल्कि किसी अन्य उद्देश्य से दिया गया था, मसलन इस लिए दिया गया हो कि व्यापार बंद करने की स्थिति में कोई धनराशि बकाया हो तो उसे चैक के माध्यम से वसूल कर लिया जाए तो इस मामले में बचाव किया जा सकता है। उच्चतम न्यायालय ने 11 जनवरी 2008 को Krishna Janardhan Bhat vs Dattatraya G. Hegde के प्रकरण में अपने निर्णय में कहा है कि बिना किसी दायित्व के सीक्योरिटी के बतौर दिया गए चैक के आधार पर यदि दोनों के बीच कोई लेन देन शेष नहीं है तो धारा 138 परक्राम्य विलेख अधिनियम में दण्डित नहीं किया जा सकता।
सर मेने किसी से ५ साल पहले कुछ पैसे उधार लिए थे और वो हर दिन मुझ से ५०० रुपए ले जाता था जब मेने उसे सारे पैसे दे दिए तो उसने मेरा ब्लेंक चेक बैंक में बाउंस करा दिया और कोर्ट में लगा दिया हे सर प्लीज मेरी कुछ हेल्प kare
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मेने कुछ समय पहले अपने दोस्त से पैसे लिए थे जिसके लिए । मेने अपनी मम्मी के साइन किया हुआ चेक उसे दिया था। कुछ टाइम बाद में पैसे न चूका पाया तो । सिक्यूरिटी क तोर पर उसने मझसे मेरे साइन वाले ४ चेक लिए । और मम्मी वाला चेक वापस करने को कहा । पर बाद में उसने मम्मी का साइन किया हुआ चेक वापस ना दिया और मेरा चेक बैंक में लगा दिया मुझसे बिना पूछे । जो की बाउंस हो गया। तो क्या वो मम्मी वाला चेक लगा क्र उन पर बी केस कर सकता है।। वो ब्लेंक चेक है। इसके लिए क्या किया जाए। ।
नीरज जी आपके पिताजी द्वारा उक्त कम्पनी के कुछ नियम व शर्तों के अधीन ही व्यापारिक संबंध कायम किए गए होंगे। अक्सर कम्पनी ऐसे दस्तावेजों पर हस्ताक्षर तो ले लेती हैं किन्तु उसकी प्रतिलिपि नहीं देतीं। यदि आपके पास उस अनुबन्ध की कापी हो जिसपर लिखा हो कि बतौर सिक्योरिटी हस्ताक्षरित ब्लैंक चैक जमा करना होगा तो भी आप अपनी बात सहजता से न्यायालय में सिद्ध कर सकते हैं कि ये रकम बाद में भरी गई है। दूसरी बात हस्ताक्षर और भरी गई रकम के स्याही में भी फर्क होगा। जो ये साबित करेगा की ये आपके ब्लैंक चैक पर रकम बाद में लिखी गई है। सबसे महत्त्वपूर्ण बात द्विवेदी सर ने आपको बता ही दी है। उम्मीद आप विजयी होंगे।
-रवि श्रीवास्तव, इलाहाबाद।
भूल-सुधार
कम्पनी के स्थान पर कृपया डीलर पढें।
रवि श्रीवास्तव का पिछला आलेख है:–.ब्याज सहित वापस की भूखण्ड की धनराशि वापस करने का आदेश