अनुकंपा नियुक्ति के आवेदन पर कोई कार्यवाही न होने या नियुक्ति न देने पर उच्च न्यायालय के समक्ष रिट याचिका प्रस्तुत करें
|समस्या-
मेरी माता जी 1997 को अपने घर से गुम हो गई थी। मैं उस समय नाबालिग था, इसलिए अनुकम्पा के आधार पर नौकरी के लिए आवेदन नहीं कर सकता था। लेकिन मैंने माताजी के विभाग में लिखित रूप मैं यह आवेदन दे दिया था कि मेरे बालिग होने तक मेरी माँ की नौकरी को सुरक्षित रखा जाए सन। 2005 तक चली पुलिस कार्यवाही में पुलिस ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। बालिग होने क बाद मैंने 2009 में इस नौकरी के लिए आवेदन दिया। किन्तु अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है बल्कि यह कहा गया है की आपकी वार्षिक आय ज्यादा है। यह आय मुझे पेंशन के माध्यम से मिलती है। आप मुझे बताएँ कि मुझे इस संदर्भ में क्या करना चाहिए?
-संजय कुमार, पावँटा साहिब, हिमाचल प्रदेश
समाधान-
आप की माता जी लापता हो गई थीं। इस आधार पर तो आप को अनुकम्पा नियुक्ति उन के विभाग में नहीं मिल सकती थी। गायब होने के सात वर्ष के उपरान्त ही उन्हें मृत माना जा सकता था। इस कारण से 2005 में उन्हें मृत घोषित किया गया। आप ने वयस्क होने पर 2009 में आवेदन किया वह बिलकुल सही था।
आप ने कहा है कि कोई कार्यवाही अभी नहीं हुई है केवल यह कहा गया है कि आप की आय अधिक है। यदि यह मौखिक रूप से कहा गया है तो उस का कोई मूल्य नहीं है।आप को मिलने वाली पेंशन के आधार पर आप को विभाग द्वारा अनुकम्पा नियुक्ति देने से मना करना उचित नहीं है।
यदि आप के द्वारा 2009 में प्रस्तुत किए गए अनुकम्पा नियुक्ति के आवेदन पर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है तो आप को चाहिए कि आप अपने आवेदन के संबंध में नियुक्ति अधिकारी को एक स्मरण पत्र प्रेषित करें और स्वयं भी व्यक्तिगत रूप से मिलें। उस के बाद भी यदि कोई पत्र विभाग से आप को न मिले तो किसी वकील से मिल कर एक लीगल नोटिस दिलवाएँ कि आप के आवेदन पर तुरन्त कार्यवाही की जाए यदि दो माह की अवधि में कोई कार्यवाही नहीं की जाती है तो आप को उच्च न्यायालय के समक्षव रिट याचिका दाखिल करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा। इस अवधि में भी आप को नियुक्ति नहीं दी जाती है तो आप अनुकंपा नियुक्ति प्राप्त करने के लिए उच्च न्यायालय के समक्ष रिट याचिका दाखिल कर सकते हैं।
धन्यावाद श्रीमान जी ,उन्होंने मुझे मोखिक रूप से तो नै कहा है किन्तु मैंने सुचना के अधिकार का सहारा लिया था जिसके कारण मुझे यह पता चला की उस केस मैं आय अधिक होने का ओब्जेक्शन लगाया गया है किन्तु वो आय तो मुझे पेंशन के द्वारा मिलती है ..|