अपराधिक मामले में आवश्यक होने पर न्यायालय कोई भी दस्तावेज मंगवा सकता है।
|समस्या-
बनारस, उत्तर प्रदेश से अशोक तिवारी ने पूछा है-
किसी भी अपराधिक मुकदमे में जिरह के दौरान गवाह किसी ऐसी घटना से इन्कार करे जिस के दस्तावेज सरकारी रेकार्ड के रूप में सुरक्षित रखे जाते हैं तो क्या उस सरकारी विभाग से जिरह पूर्ण होने के पहले दस्तावेज मंगाए जा सकते हैं?
समाधान-
यदि किसी अपराधिक मामले में जिरह के दौरान गवाह किसी ऐसी घटना से इन्कार करे जिस के दस्तावेज सरकारी रेकार्ड के रूप में सुरक्षित रखे जाते हैं तो क्या उस सरकारी विभाग से संबंधित दस्तावेज मंगाने के लिए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 91 के अंतर्गत आवेदन किया जा सकता है। यदि मजिस्ट्रेट या न्यायाधीश उचित समझता है तो ऐसा दस्तावेज जिरह पूरी होने के पहले मंगवा सकता है। लेकिन यदि आवश्यक न हुआ तो दस्तावेज मंगाए जाने की प्रार्थना को अभियोजन की साक्ष्य पूर्ण होने तक मुल्तवी कर सकता है। लेकिन ऐसी अवस्था में न्यायाधीश से आप यह प्रार्थना कर सकते हैं कि आप उस गवाह को पुनः जिरह के लिए बुलाने का अधिकार सुरक्षित रखना चाहते हैं। यदि इस संबंध में भी आप अपने आवेदन में या अन्य आवेदन प्रस्तुत कर उल्लेख कर दें तो उचित रहेगा।
यदि न्यायालय आप के आवेदन को अभियोजन साक्ष्य पूर्ण होने तक मुल्तवी करता है और आप के गवाह को पुनः जिरह हेतु बुलाए जाने का अधिकार सुरक्षित नहीं रखता है तो आप इस आदेश को पुनरीक्षण याचिका द्वारा चुनौती दे सकते हैं। इस बीच आप गवाह से वे सारे प्रश्न पूछ लें जो कि उस दस्तावेज के संबंध में हैं। शेष तथ्य आप दस्तावेज से साबित कर सकते हैं। यदि दस्तावेज के रिकार्ड पर आने के उपरान्त आप को लगता है कि गवाह को जिरह के लिए बुलाना आवश्यक है तो आप उसे जिरह हेतु पुनः बुलाए जाने हेतु आवेदन न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत कर सकते हैं।
बहुत सटीक जानकारी आपने दी गुरूजी इसके लिए धन्यवाद