अभिभाषक-पत्र या वकालतनामा क्या है?
|समस्या-
गाँव में हमारा एक भूखंड है जिस में एक दूसरा व्यक्ति और मैं 50-50 प्रतिशत के हिस्सेदार हैं। मैं ने बँटवारे के लिए अपना वकील नियुक्त किया। वकील द्वारा टाइप करवाए गए सभी वाद पत्रों पर मैं ने भली भाँति पढ़ कर हस्ताक्षर कर दिये हैं। उन के बाद वकील ने दो हरे रंग के कागजों पर जिन पर अभिभाषक पत्र लिखा हुआ था को बिना भरे ही मेरे हस्ताक्षर करवाए हैं। मैं जानना चाहता हूँ कि भविष्य में इन खाली अभिभाषक पत्रों पर हस्ताक्षर करने से मुझे किसी प्रकार की हानि तो नहीं होगी?
-विनोद कुमाँवत, गुढ़ा गोरजी, राजस्थान
समाधान-
दीवानी प्रक्रिया संहिता के आदेश 3 नियम 4 में यह उपबंध किया गया है कि कोई भी प्लीडर किसी भी न्यायालय में किसी भी व्यक्ति के लिए कार्य नहीं करेगा जब तक कि वह उस व्यक्ति द्वारा ऐसी लिखित दस्तावेज द्वारा इस प्रयोजन के लिए नियुक्त न किया गया हो जो उस व्यक्ति द्वारा या उस के मान्यताप्राप्त अभिकर्ता द्वारा या ऐसी नियुक्ति करने के लिए मुख्तारनामे द्वारा या उस के अधीन सम्यक रूप से प्राधिकृत किसी अन्य व्यक्ति द्वारा हस्ताक्षरित है। ऐसे दस्तावेज को ही हम अभिभाषक-पत्र या वकालत नामा कहते हैं।
आप के वकील ने आप से दो ऐसे अभिभाषक पत्रों पर हस्ताक्षर करवाए हैं जिन्हें भरा नहीं गया है। आप ने वाद पत्र तथा उस के साथ आवश्यक टाइप किए गए जिन कागजों पर हस्ताक्षर किए हैं उन के अलावा अनेक फार्म और भी हैं जिन्हें आप के वाद पत्र के साथ न्यायालय में प्रस्तुत करना पड़ेगा। इन सभी फार्मों को वकील का क्लर्क या मुंशी भरेगा। आप से जिन खाली वकालतनामों या अभिभाषक-पत्रों पर हस्ताक्षर कराए गए हैं उन्हें भी मुंशी ही भरेगा। उन में से एक तो वाद प्रस्तुत करने के साथ ही न्यायालय में प्रस्तुत कर दिया जाएगा। लेकिन दूसरा अभिभाषक-पत्र आप के वकील ने क्यों हस्ताक्षर करवाया है यह आप का वकील ही बता सकता है। हो सकता है उस ने आप की ओर से दो भिन्न न्यायालयों में भिन्न-भिन्न कार्यवाहियाँ दाखिल की हों। यह भी हो सकता है कि एक वकालतनामा इस सबूत के रूप में कि वह आप द्वारा नियुक्त वकील है अपने पास रखना चाहता हो।
जब दो वकालतनामों पर हस्ताक्षर करवाये जा रहे थे तभी आप को वकील या वकील के मुंशी से पूछना चाहिए था कि दो वकालतनामे किस प्रयोजन से हस्ताक्षर करवाए जा रहे हैं। वकील आप की शंका को दूर कर देता। अब भी देरी नहीं हुई है। आप अपने वकील को जब भी मिलें पूछ सकते हैं कि उस ने आप से दूसरा वकालतनामा क्यों हस्ताक्षर करवाया है। वैसे आम तौर पर वकालतनामे पर हस्ताक्षर करने से किसी भी मुवक्किल को कोई हानि होने की संभावना नहीं होती है, फिर भी आप को अपने वकील से बात कर के अपनी शंका दूर कर लेनी चाहिए।
महानरेगा में पंचायत समिति स्तर पर डाटा ऐन्टी ऑपरेटर व कम्प्युटर सहायक मय मशीन एक साथ अनुबन्ध पर लगे थे व वेतन अलग अलग प्रकार का था कार्य आफिस का एक सममान था
सरकार ने करोडो खर्च करके भारत निर्माण राजीव गांधी सेवा केन्द्र खोले है वहा पर आफिस जो हर समय खुला रहे इसलिये सरकार को इन डाटा ऐन्टी ऑपरेटर व कम्प्युटर सहायक मय मशीन व एक रोजगार सहायक को स्थाई करना चाहिऐ
जय पंचायत
जय कांग्रेस
meri biwi ne mujh par 498a aur mahila sarakshan adiniyaam2005 ke case kar diya hai sanrakshan main mujh par 1000p.m mantinance odarer aaya hai mai ek studant hu kya fir bhi mujh 1000p.m dana hoga