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अर्जित अवकाश, बोनस और ग्रेच्युटी कानूनी अधिकार हैं, इन्हें प्राप्त करने के लिए आवेदन न्यायालय को प्रस्तुत करें।

indexसमस्या-
रुड़की, उत्तराखण्ड से दीपक भट्ट ने पूछा है –

मैं ने एक कारखाने में छह वर्ष तक नौकरी की है। मैं ने 06.12.2012 को वहाँ से त्याग पत्र दे दिया। अभी तक मेरा बकाया बोनस और अर्जित अवकाश का धन मुझे नहीं दिया गया है। अन्य कर्मचारियों का दे दिया गया है लेकिन मुझे कहा गया है कि उन्हों ने ये दोनों लाभ देना बंद कर दिए हैं। क्या ये दोनों लाभ दिया जाना नियोजक अपनी मर्जी से बन्द कर सकता है? क्या ये दोनों लाभ मुझे मिल सकते हैं? इस के लिए मुझे क्या करना चाहिए?

समाधान-

र्जित अवकाश और बोनस ये दोनों ही आप के कानूनी अधिकार हैं। इन्हें नियोजक बन्द नहीं कर सकता। अर्जित अवकाश फेक्ट्री अधिनियम और बोनस बोनस अधिनियम के अन्तर्गत आप को प्राप्त होते हैं। इस के अलावा पाँच वर्ष से अधिक समय से कार्य करने के कारण आप को ग्रेच्युटी भी प्राप्त करने का अधिकार है जो कि ग्रेच्युटी अधिनियम के अन्तर्गत आप को प्राप्त होना चाहिए था। यह आप के सेवाकाल के प्रत्येक वर्ष के लिए 15 दिन के वेतन के बराबर होती है।

न में से बोनस तथा अर्जित अवकाश का धन प्राप्त करने के लिए आप वेतन भुगतान अधिनियम के अन्तर्गत गठित प्राधिकारी वेतन भुगतान अधिनियम के न्यायालय को आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं। इस के लिए आप को इसी माह दिसम्बर 2013 में अपना आवेदन प्रस्तुत कर देना चाहिए क्यों कि वेतन भुगतान अधिनियम में बकाया के लिए आवेदन प्रस्तुत करने की समय सीमा एक वर्ष है। हालाँकि देरी से भी आवेदन एक अन्य आवेदन के साथ प्रस्तुत किया जा सकता है जिस में आवेदन प्रस्तुत किए जाने में हुई उचित देरी को क्षमा करने की प्रार्थना अदालत से की गई हो।

ग्रेच्युटी के लिए आप को ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम के अन्तर्गत आवेदन प्रस्तुत करना चाहिए। इस के लिए आप न्यायालय नियंत्रक प्राधिकारी अन्तर्गत ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम को आवेदन कर सकते हैं। आप को तुरन्त श्रम मामलों की पैरवी करने वाले वकील से संपर्क कर के कार्यवाही करनी चाहिए।

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