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ग्रेच्यूटी के लिए पाँच वर्ष की लगातार सेवा पूर्ण कर लेने का क्या अर्थ है?

समस्या-
रमेश कुमार मुराड़े, इन्दौर, मध्य प्रदेश ने पूछा है-

क्या ग्रेच्युटी हेतु 5 वर्ष की सेवा अवधि आवश्यक है, यदी 4 वर्ष 11 माह सेवा अवधि हो तो क्या कर्मचारी ग्रेच्युटी प्राप्त करने का अधिकारी है? क्या पी एफ ६५००/ से काम पर कटवा ना अनिवार्य है?  क्या पी एफ 6500/- उपर वेतन पाने वाले कर्मचारी अनिवार्य नहीं है

समाधान-

ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम, 1972 की धारा 4 में यह उपबंध किया गया है कि न्यूनतम पाँच वर्ष की लगातार सेवा पूर्ण कर लेने के उपरान्त यदि उस की सेवा का समापन होता है तो उसे ग्रेच्युटी भुगतान योग्य होगी। इस तरह यह स्पष्ट है कि ग्रेच्युटी प्राप्त करने का अधिकार एक कर्मचारी तभी होगा जब कि वह पाँच वर्ष की सेवा नियोजन में कर चुका हो। लेकिन यहाँ ‘लगातार सेवा’ का अर्थ क्या है यह समझना आवश्यक है।

सी अधिनियम की  धारा 2 (सी) में लगातार सेवा को परिभाषित किया गया है। इस में कहा गया है कि इस लगातार सेवा में बीमारी, दुर्घटना, अवकाश, बिना अवकाश की अनुपस्थिति, ले-ऑफ, हड़ताल, तालाबंदी तथा कर्मचारी की गलती के बिना काम बंद होने की अवधि भी सम्मिलित होगी। यह भी स्पष्ट किया गया है कि यदि उक्त प्रकार से कोई वर्ष पूरा न हो रहा हो और कर्मचारी भूमि के अंदर काम करता हो तो 190 दिन की सेवा तथा भूमि के ऊपर काम करने पर 240 दिन की सेवा पूर्ण कर लेने पर उसे एक वर्ष की लगातार सेवा माना जाएगा।

स तरह यदि किसी कर्मचारी की सेवा समाप्ति चार वर्ष से अधिक की सेवा पूर्ण होने पर हो जाती है तो पहले चार वर्ष की सेवा पूर्ण कर लेने के बाद यदि वह 240 दिन या अधिक समय नियोजन में रहा है तो उस एक वर्ष से कम की अवधि को भी एक वर्ष ही माना जाएगा। इस तरह यदि चार वर्ष की लगातार सेवा पूर्ण कर लेने के उपरान्त अन्तिम ग्यारह माह में कर्मचारी 240 दिन या उस से अधिक नियोजन में रहा है तो उस अवधि को भी उस की एक वर्ष की लगातार सेवा माना जाएगा और उसे ग्रेच्युटी प्राप्त करने का अधिकार होगा।

जिन कर्मचारियों का मूल वेतन 6500 रुपए तक का है वे कर्मचारी भविष्यनिधि योजना से शासित हैं। जिन कर्मचारियों का मूल वेतन इस से अधिक है तो योजना उन पर प्रभावी नहीं है।

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