DwonloadDownload Point responsive WP Theme for FREE!

आश्वासन का कोई कानूनी महत्व नहीं …

Termination

समस्या-

प्रदीप पाण्डे ने सागर, मध्य प्रदेश से समस्या भेजी है कि-

ग्रामीण स्व-रोजगार प्रशिक्षण केंद्र (RSETI = RURAL SELF EMPLOYMENT TRAINING INSTITUTE) यह केंद्र भारत में प्रत्येक जिले के लीड बैंक द्वारा संचालित किए जाते हैं l सागर जिले का लीड बैंक सेन्ट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया है l मैं ने सागर आरसेटी में स्थापना के पहले दिन से कार्य किया है जिस में लगातार आश्वासन दिया गया कि आपको आने वाले समय में एक अच्छा स्थान दिया जाएगा। लगातार RM सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया, सागर द्वारा आश्वासन दिया गया। आज 5 बर्ष पूरे करने के बाद मुझे नौकरी से निकाल दिया गया ऐसी स्थिति में मुझे क्या करना चाहिये।

समाधान-

श्वासन देने वाले चाहे राजनेता हों, अफसर हों या कोई मित्र या सम्बन्धी, आश्वासन सिर्फ आश्वासन होते हैं। आश्वासनों की कोई कीमत नहीं होती कोई विधिक आधार नहीं होता। केवल आश्वासन के आधार पर 5 बरस तक किसी कार्य को करते रहने को बुद्धिमत्ता नहीं कहा जा सकता। आप ने भी वह कार्य इस आश्वासन के कारण नहीं किया। हाँ, जो लोग इस तरह के प्रोजेक्ट्स के प्रबंधक होते हैं वे अच्छी तरह जानते हैं कि उन के यहाँ के नियोजन अस्थाई हैं और अच्छा काम करने वाले इस में अधिक दिन नहीं टिकेंगे। लेकिन अच्छे कर्मचारियों के बिना कोई भी प्रोजेक्ट पूरा नहीं हो सकता। इस कारण प्रोजेक्ट के प्रबंधक इस तरह के झूठे आश्वासन देते रहते हैं जिस से अच्छा काम करने वाला प्रोजेक्ट को छोड़ कर न जाए। आज सरकार और स्थानीय निकाय तक स्थाई कर्मचारियों के अधिकांश कार्य अस्थाई और ठेकेदारों द्वारा उपलब्ध कराए गए कर्मचारियों से करा रहे हैं। वैसी स्थिति में किसी आश्वासन का कोई मूल्य नहीं है। इन आश्वासन के आधार पर आप कानून से कोई राहत प्राप्त नहीं कर सकते।

प को काम से हटा दिया गया है। लेकिन आपने अपनी समस्या में नहीं बताया कि आप वहाँ काम क्या करते थे? हटाने के पहले कोई नोटिस दिया या नहीं? हटाने के समय कोई मुआवजा आदि दिया या नहीं? आप ने यह भी नहीं बताया कि आप की नियुक्ति की शर्तें क्या थीं? क्या आप को एक निश्चित समय के लिए नियुक्ति दी गई थी और बाद में उसे लगातार बढ़ाया जा रहा था? इस तमाम विवरण के बिना कोई भी आप की सहायता नहीं कर सकता।

जिस प्रोजेक्ट में आप काम करते थे वह उद्योग हो सकता है और आप उस के कर्मकार हो सकते हैं। आप को नौकरी से हटाने में यदि कोई कानूनी कमी है तो आप को नौकरी से निकालना आप की अवैध छंटनी हो सकती है। यदि ऐसा है तो आप श्रम विभाग को शिकायत कर सकते हैं और 45 दिन में आप की शिकायत का निपटारा न होने पर आप सीधे श्रम न्यायालय के समक्ष अपनी सेवा समाप्ति का विवाद प्रस्तुत कर सकते हैं।

बेहतर है कि आप अपने क्षेत्र के किसी ऐसे वकील से सहायता प्राप्त करें जो सेवा संबंधी मामलों का अच्छा जानकार हो। वही आप को राहत दिलाने में मदद कर सकता है। अच्छी नौकरी के किसी आश्वासन पर भविष्य में काम न करें। भारत में इसी बहाने सर्वाधिक शोषण किया जाता है।

Print Friendly, PDF & Email