ऑनर किलिंग भारतीय गणराज्य के लिए बहुत बड़ा अभिशाप है।
समस्या-
अज्ञात व्यक्ति ने पटना के निकट किसी गाँव से पूछा है-
कोर्ट मैरिज करने के बाद हम पति पत्नी परिवार के डर से कहीं भाग जाते हैं तो क्या हम पर और हमारे परिवार पर मुकदमा दर्ज हो सकता है। कृपया हमें बताइये क्योंकि लड़की के परिवार वाले दबंग परिवार से हैं। अगर हम लोग घर पर या कहीं लोकल जगह पर रहेंगे तो हम दोनों को मार दिया जायेगा। उनका कहना है कि भाग जाओगे तो अपहरण का मुकदमा दर्ज करके तुम जहाँ रहोगे पैसे के बल पर तुम्हें कोर्ट में हाजिर करके कोर्ट के बाहर तुम दोनों को मार के फांसी पर चढ़ जाएंगे। हम दोनों एक ही कास्ट के हैं और बालिग हैं।
समाधान-
आजादी के बाद हमारे देश ने एक संविधान बनाया जिस में स्त्रियों और पुरुषों को समान अधिकार दिए। बालिगों को विवाह उनकी स्वयं की इच्छा से करने का अधिकार भी दिया। लेकिन हमारे समाज का अधिकांश हिस्सा अभी तक भी बालिगों के इस अधिकार को स्वीकार नहीं कर सका है। वह इसे अपने मान-सम्मान के रूप में देखता है। बिना परिवार की अनुमति के विवाह करने पर उसे परिवार का कोप भाजन बनना पड़ता है। हर साल ऐसी खबरें आती हैं कि स्वैच्छा से विवाह करने वाले लड़के या लड़की या फिर दोनों की हत्या कर दी गयी। हमारी पुलिस और सामान्य प्रशासन ऐसे जोड़ों को सुरक्षा प्रदान करना चाहिए। लेकिन अधिकांश मामलौं में वे सुरक्षा देने में असमर्थ रहे हैं। अनेक मामलों में तो उच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद पुलिस और प्रशासन विवाहित जोड़ों या उनमे से एक की जान नहीं बचा सकी। इस तरह आजादी के 73 वर्ष बाद भी ऑनर किलिंग भारतीय गणराज्य का एक बहुत बड़ा अभिशाप बना हुआ है।
आपके मामले में आपको जो धमकी दी गयी है कि वे कहीं भी आप दोनों को जान से मार देंगे और फाँसी पर चढ़ जाएंगे। जो आपको दंडित करने के लिए खुद मरने को तैयार हो फिदायीन बन चुका हो उसका तो कोई इलाज नहीं है। पुलिस और प्रशासन जब अपराध हो जाएगा अर्थात जब किसी की जान लेली जाएगी तब अपराधी को तलाश करेगी। उसे गिरफ्तार करेगी और आरोप पत्र पेश कर देगी। अधिकांश मामलों में यह आरोप पत्र पर्याप्त सबूतों के अभाव में होता है तो अभियुक्त बरी भी कर दिए जाते हैं।
वास्तव में आपकी समस्या कानून की नहीं है। क्योंकि कानून तो आपके साथ है। लेकिन पुलिस और सामान्य प्रशासन में तो वही जातिवादी सामन्तवादी लोग भरे पड़े हैं। वे आपके अभिभावकों की मदद करेंगे। आप की नहीं। आप की मदद करने वाले लोग भी इन जगहों पर हैं पर गिनती के। वे भी अपनी नौकरी कर रहे होते हैं।
यदि कोई लड़की के अपहरण की रिपोर्ट लिखाएगा और पुरा समाज उस पर दबाव डालेगा तो रिपोर्ट लिख ली जाएगी और फिर मुकदमा बनेगा। लड़की बरामद करली जाएगी। उस वक्त अक्सर लड़कियाँ कमजोर पड़ जाती हैं और माता-पिता के झाँसे में आकर उनके साथ चली जाती हैं। लड़का मुकदमे में फँस जाता है।
आप कोर्ट मेरिज करना चाहते हैं लेकिन कोर्ट मेरिज धारा 5 विशेष विवाह अधिनियम में होती है। जिसमें एक माह पहले नोटिस देना पड़ता है जो दोनों के निवासों पर चस्पा किया जाता है। एक माह में तो दबंग लोग पता नहीं क्या करेंगे। आजकल होता यह है कि लड़का लड़की अदालत जा कर आपस में साथ रहने का शपथ पत्र या एग्रीमेंट लिखते हैं और उसे ही विवाह समझ कर साथ रहने लगते हैं इसे कानून विवाह नहीं मानता बल्कि लिव-इन का एग्रीमेंट मानता है।
आपके पास एक ही रास्ता है। आप पति-पत्नी पूरी तरह आत्मनिर्भर हों और किसी ऐसे नगर में साल-छह माह छिप कर रह सकते हों जहाँ उच्च न्यायालय या उसकी खंड पीठ हो तो आप सीधे उच्च न्यायालय में रिट करें कि आप दोनों वयस्क हैं, आपस में विवाह करना चाहते हैं। दबंग परिजनों की वजह से जान का खतरा है इस कारण आप को सुरक्षा दी जाए, आपके विवाह को पंजीकृत करने में विवाह पंजीयक कोई गैर कानूनी रोड़ा न अटकाए और किसी भी पक्ष द्वारा किसी तरह की कोई मिथ्या रिपोर्ट अपहरण और बलात्कार आदि की दर्ज कराई जाए तो उस पर कार्यवाही नहीं की जाए। यदि उच्च न्यायालय आप को सुरक्षा दे दे तो आप विवाह कर सकते हैं और अपना जीवन आरंभ कर सकते हैं। फिर भी जीवन भर दबंग परिजनों से खतरा तो बना ही रहेगा।
मेरे परदादा के जमाने से जिस रास्ते का उपयोग हम लोग कर रहे है। उस रास्ते का जमीन आधा हमलोगों का है तथा आधा मेरे पड़ोसी का है आज वो लोग उस रास्ते को बन्द करने की धमकी देते है और उस रास्ते मे जब पानी लग जाता है और हम लोग मिट्टी भरने लगते है तो वे लोग मना करने लगते है और गाली गलौज भी करते है तो क्या हमलोग इसी तरह से जिए या फिर कोई कानूनी कार्रवाई है जिसके कारण यह रास्ता को हम लोग पक्की करवा सके।
अधिकांस लोग यह समझते है की कोर्ट विवाह होता है जबकि कोर्ट विवाह नही होता । कोर्ट सिर्फ आपको विवाह के बाद सुरक्षा परदान करती है । विवाह तो आपको खुद किसी पंडित / मोलवी / गुरुद्वारा/ या चर्च मे अपने धर्म की पद्धति अनुसार करना होता है । आपके विवाह को कोई खतरा है तो आप कोर्ट मे सुरक्षा मांग सकते है या आपको विवाह को रजिस्टर करवाना है तो रजिस्ट्रेशन अधिकारी के पास जा सकते है। कोर्ट कभी भी शादी नही करवाती है बस आपकी शादी की हिफाजत करती है आपको जो सुझाव दिया ज्ञ है वो सर्वोत्तम है ।