किसी को भी स्थावर संपत्ति से जबरन बेदखल नहीं किया जा सकता।
समस्या-
गोलू साहू ने पंडुका, छत्तीसगढ़ से समस्या भेजी है कि-
मेरे पिता ने पैतृक संपत्ति को बिना हमारे जानकारी व सहमति तथा बिना हमारा हिस्सा अलग किये बिना ही 1/2 एकड़ जमीन को अज्ञात महिला व्यक्ति के नाम पर रजिस्ट्री कर दी है। तथा उस व्यक्ति द्वारा नामांतरण व रिकॉर्ड में अपना नाम भी दर्ज करवा लिया है। लेकिन जमीन पर कब्जा हमारा है , सर क्या हम कब्जे पर बने रहे..? क्या वह व्यक्ति जबरदस्ती हमसे कब्जा छीन सकता है….? हमें क्या करना चाहिए…….?
समाधान-
कोई भी व्यक्ति जबरन किसी से स्थावर सम्पत्ति का कब्जा छीन कर वर्तमान में काबिज व्यक्ति को बेदखल नहीं कर सकता। यदि कोई ऐसी कोशिश करता है या बेदखल करता है तो तुरन्त पुलिस को रिपोर्ट करें तथा एसडीएम के न्यायालय में धारा 145-146 दंड प्रक्रिया संहिता के अंतर्गत आवेदन प्रस्तुत करें। यदि किसी को ऐसा आवेदन प्रस्तुत करने के पहले के 60 दिनों में बेदखल भी कर दिया गया है तो उसे संपत्ति का कब्जा वापस दिलाया जाएगा।
पैतृक/ सहदायिक संपत्ति का बंटवारा हुए बिना कोई भी पिता अपनी संतानों को पैतृक संपत्ति से अलग नहीं कर सकता। इस तरह संपत्ति का उक्त हस्तान्तरण वैध नहीं है। लेकिन उस जमीन में पिता अपने हिस्से की जमीन को बिना बंटवारा किए भी हस्तांतरित कर सकता है, उस हस्तान्तरण के आधार पर नामान्तरण भी खोला जा सकता है। लेकिन जिस व्यक्ति को संपत्ति का हिस्सा हस्तांतरित किया गया है वह व्यक्ति संपत्ति पर कब्जा केवल बंटवारे के माध्यम से ही प्राप्त कर सकता है। आप रजिस्ट्री को निरस्त कराने के लिए दीवानी वाद प्रस्तुत कर सकते हैं तथा संपत्ति से बेदखली के विरुद्ध इसी न्यायालय से अस्थाई निषेधाज्ञा प्राप्त कर सकते हैं। इस मामले में दस्तावेजों को किसी स्थानीय वकील को दिखा कर सलाह लें और आगे की कार्यवाही करें।
सर मेरे जवाब को कृपया मेरी मेल pr भेजे
पलज़्ज़ज़्ज़ज़्ज़ज़्ज़ सर मेल पर हे भेजे
मेरे पति की हत्या एक साल पहले क्र दी गयी जिसमे परिवार के लोग भी इन्वॉल्व लेकिन मुख्य दोसीओ पैर ऍफ़ आइए आर दर्ज हो चूका लेकिन मेरे तीन देवर ने कुछ गन्दगी सुरु कर दी है वो है ये है की
जब में और मेरे बचे इस दुःख में में थे तो मेरे तीन देवरो ने टाउन एरिया में यानि नगर पंचायत कार्यालय में पारिवारिक बटवारे में मिली दूकान में अपना भी नाम चोरी से दर्ज करा लिया वो बी मेरे पति की हत्या के बाद
मेरे देवरो ने एप्लीकेशन दिया नगर पंचायत में की वो लोग भी हिस्सेदार है ,,,,
जानकारी मिलते हे हमने कार्यालय में संपर्क किया और तो हमने अप्पति लगायी और उन लोगो द्वारा दिए एप्लीकेशन की फोटो कॉपी जनसूचना से मांगी तो नहीं दिया गया
फिर हमने अपने पति के नाम के बाद अपना नाम के नामांतरण क लिए जनसूचना पुनः दिया तो षुल्क और बकाये टैक्स की सुचना मिली तो हमने
टैक्स और नामांतरण शुल्क डिमांड ड्राफ्ट के जरिये भेजा तो जवाब आया की मेरे देबर भी हिस्सेदार है और शुल्क आप कॅश जमा करिये
जब की उक्त दूकान हमें पति को पारिवारिक बटवारे में मिली थी और और उनका कब्ज़ा रहा आजीवन
२०१५ में उन्होंने उस दूकान को पुनः नव निर्माण कराया तब तक और पति रहने तक मेरे पति का ही नाम नगर पंचायत कार्यालय में दर्ज रहालेकिन
उनकी हत्या के बाद मेरे देवर लोग अब उस दूकान में नाम दर्ज करवा कर अपनी हिस्सेदारी की बात कर रहे है
जबकि उक्त दूकान अभी मेरे और मेरे बच्चो के द्वारा संचालित हो रहा है और कब्ज़ा है …..
मेरे देवरो ने दूकान हड़पने की तैयारी क्र चुके है
और अक्सर सब हे बात कहते रहते है की दूकान तो लेकर रहेंगे
मुझे क्या करना चाहिए
ताकि हमारा हक़ उसी दूकान में बना रहे
दुकान पैतृक है और बिना किसी लिखित बटवारे वो दुकान आपसी पारिवारिक बटवारे में मिलीथी
क्या मेरे देवर उस दूकान से हमारा कब्ज़ा और अधिकार चीन सकते है हम उस दूकान में पैसा लगाकर पुनः २०१५ में बनवाया है
और यदि हम उस दुकान को बंद करते है तो क्या वो जब्री पुलिस को पैसा खिला भविस्य में टाला तोर घुस क्र कब्ज़ा कर सकते है ?
आप को यह प्रश्न कानूनी सलाह फार्म में भेजना चाहिए। आप ने खुद सार्वजनिक रूप से यह प्रश्न भेजा है। हम जवाब यहाँ नहीं दे रहे हैं। आप अपना प्रश्न कानूनी सलाह फार्म में ही भेंजें।
सलाह बिल्कुल उचित है, आप बिना समय गँवाएं कार्यवाही आरम्भ कर दें.