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कोई झूठे मुकदमे में फँसा दें तो क्या करें?

rp_courtroom11.jpgसमस्या-

जितेन्द्र ने नई दिल्ली से मध्य प्रदेश राज्य की समस्या भेजी है कि-

मैं देहली में रहता हूँ और पढ़ाई करता हूँ। मेरा गांव मध्य प्रदेश के सीहोर जिले में है। मार्च 31 को गांव में मेरे छोटे भाई का झगड़ा हुआ। उसने FIR करवाया तो सामने वाली पार्टी ने भी क्रॉस FIR में मेरा नाम भी लिखवा दिया। मैंने पुलिस थाने में सूचना भी दी कि मैं मौजूद ही नहीं हूँ, फिर मेरा नाम कैसे दर्ज किया जा सकता है। परन्तु नाम को लिखकर उन्होंने पिताजी से झूठी जमानत भी करवा ली और मेरा नाम कोर्ट में दे दिया। वहाँ कुछ व्यक्ति ने झूठी गवाही भी दे दी कि मैं था। अब कोर्ट से भी मैं ने जमानत ली! आगे मुझे कैसे क्या स्टेप लेना चाहिए क्योंकि इस घटना की जानकारी मैंने SP कार्यालय मे भी दी थी, मेल भी किया था। इसी बीच मेरा एग्जाम था जिसका मेरा लास्ट अटेम्प्ट था। अब इस घटना के कारण मेरा उस में सिलेक्शन नहीं हो पाया! मैं यह चाहता हूँ क्या इसको आधार बनाकर मैं पुलिस और उन गवाहों के ऊपर मानहानि का केस लगाऊँ। क्या मैं ऐसा सकता हूँ, यदि कर सकता हूँ तो कैसे? और नहीं तो फिर ऐसे तो कोई भी कभी भी किसी को कही भी झूटी रिपोर्ट में फसाँ सकता है क्या?

समाधान

ब से पहले तो आप के विरुद्ध जो फौजदारी मुकदमा चल रहा है उस में किसी अच्छे वकील से पैरवी करानी चाहिए। जिस से आप उस प्रकरण में निर्दोष साबित हों। यह बहुत आवश्यक है। आप की इस शिकायत में कुछ दम नहीं नजर आता है कि इस एफआईआर के कारण आप का सलेक्शन नौकरी के लिए नहीं हो पाया आप ने बताया भी नहीं कि आप के विरुद्ध मुकदमा किन धाराओँ में है।

दि आप को उस मुकदमे में निर्दोष पाया जाता है तो उस के निर्णय की प्रमाणित प्रति प्राप्त कीजिए। जब वह प्रमाणित प्रति मिल जाए तब आप रिपोर्ट कराने वाले के विरुद्ध मानहानि का अपराधिक मुकदमा कर सकते हैं। इस के अलावा आप दुर्भावनापूर्ण अभियोजन के लिए क्षतिपूर्ति का दीवानी वाद भी कर सकते हैं जिस में आप आप को हुई क्षतियों के अतिरिक्त मानहानि के लिए भी हर्जाना मांग सकते हैं। इस सम्बन्ध में पूर्व में भी तीसरा खंबा पर बहुत लिखा गया है। आप ऊपर दायीं और दिए गए गहरे नीले रंग के सर्च बाक्स की मदद से मानहानि और दुर्भावना पूर्ण अभियोजन से संबंधित लेख पढ़ सकते हैं।

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