कोई ब्लेकमेल करे तो क्या करें?
|समस्या –
दिल्ली, से अनाम कुमार ने पूछा है-
यदि कोई 30 वर्ष की आयु की महिला अपने पति के कहने पर अपना शरीर अपनी मर्जी से बेचती है। क्या वह बाद में अपने पति या अपने किसी ग्राहक के विरुद्ध केवल इस बात के लिये कोई शिकायत या केस कर सकती है? अगर वह केवल इस बात के लिए ग्राहक को धन के लिये ब्लैकमेल करती हो तो ग्राहक क्या करे?
समाधान –
कोई पुरुष किसी भी स्त्री जो कि विवाहित नहीं है अर्थात अविवाहित, विधवा या तलाकशुदा है, के साथ उस की इच्छा से यौन संबंध स्थापित करता है तो यह न उस के लिए और न ही उस पुरुष के लिए अपराध है। लेकिन यदि यही कार्य वह धन का आदान-प्रदान कर के करता है तो यह THE IMMORAL TRAFFIC (PREVENTION) ACT, 1956 के अन्तर्गत अपराध है। इस तरह ग्राहक ने उस स्त्री को धन दे कर यौन संबंध स्थापित कर के उक्त अधिनियम के अन्तर्गत अपराध तो किया ही है।
यदि कोई पुरुष किसी विवाहित स्त्री के साथ जो किसी की पत्नी है उस के पति की सहमति के बिना यौन संबंध स्थापित करता है तो यह दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 497 के अंतर्गत पाँच वर्ष के कारावास तथा जुर्माने से दंडनीय अपराध है।
इस तरह का ग्राहक सदैव ही अपराध करता है और उसे ब्लेकमेल करने की सदैव ही संभावना बनी रहती है। लेकिन किसी किए गए अपराध की शिकायत कर के कोई व्यक्ति किसी ग्राहक को हानि पहुँचाने की धमकी दे तो उस का यह कृत्य भी भारतीय दंड संहिता की धारा 384 व 385 के अंतर्गत अपराध है। ऐसे ग्राहक को यदि उस के पास इस तरह की ब्लेकमेलिंग के प्रारंभिक सबूत हों तो ब्लेकमेल होने के स्थान पर तुरन्त पुलिस को सूचना देनी चाहिए तथा ब्लेकमेल करने वाले व्यक्ति के विरुद्ध कार्यवाही करनी चाहिए।
संदर्भित जानकारी अधूरी है सर