क्या मकान मालिक की अनुमति के बिना दुकान में हो रहा व्यवसाय बदला जा सकता है?
समस्या-
बीकानेर, राजस्थान से विमल शर्मा ने पूछा है-
हमारे पास एक दूकान 35 साल से किराये पर है हम अब अपना काम बदलना चाहते हैं। क्या हमें दुकान मालिक मलिक से अनुमति प्राप्त करनी होगी?
समाधान-
आप ने अपनी समस्या में केवल एक तथ्य बताया है कि आप 35 वर्ष से किसी परिसर (दुकान) में किराए पर हैं और परिसर में व्यवसाय कर रहे हैं। आप ने अन्य तथ्य नहीं बताए हैं, जैसे आप वर्तमान में उक्त परिसर में क्या व्यवसाय कर रहे हैं और उसे बदल कर क्या व्यवसाय करना चाहते हैं? आप ने यह भी नहीं बताया कि 35 वर्ष पहले जब दुकान किराए पर ली गई थी तब या उस के बाद अब तक कोई किरायानामा लिखा गया था या नहीं? यदि कभी कोई किरायानामा लिखा गया था तो उस में या एक से अधिक लिखे गए थे तो अंतिम किराएनामे में इस तरह की कोई शर्त है या नहीं जिस से आप को उस परिसर में केवल मात्र कोई एक विशेष प्रकार का अथवा कुछ विशेष प्रकार के व्यवसाय करने के लिए लिए ही परिसर किराए पर दिया गया हो तथा अन्य किसी प्रकार का व्यवसाय करने पर प्रतिबंध लगाया गया हो? इस तरह इन सूचनाओं के अभाव में आप को कोई मुकम्मल विधिक राय दिया जाना संभव नहीं है।
वर्तमान में राजस्थान में राजस्थान किराया नियंत्रण अधिनियम, 2001 दिनांक 1 अप्रेल 2003 से प्रभावी है। इस अधिनियम में इस तरह का कोई प्रतिबंध किरायेदार पर नहीं लगाया है कि किराए पर लिए गए परिसर का उपयोग वर्तमान उपयोग से भिन्न प्रयोजन के लिए उपयोग नहीं कर सके। लेकिन इस अधिनियम की धारा 9 (घ) में यह उपबंधित किया गया है कि यदि किराएदार ने ऐसा कोई न्यूसेंस पैदा किया हो या ऐसा कोई कार्य किया हो जो उस प्रयोजन से असंगत हो जिस के लिए उस परिसर को किराए पर दिया गया था या जिस के कारण भू-स्वामी के हित पर प्रतिकूलतः और सारतः प्रभाव पड़ता हो तो ऐसे कारण से भू-स्वामी अपना परिसर खाली करवाने का अधिकारी होगा।
यदि आप के व भू-स्वामी के मध्य किसी तरह का कोई किरायानामा लिखा गया हो और उस में यह शर्त हो कि आप उस परिसर में केवल मात्र कोई एक विशेष प्रकार का अथवा कुछ विशेष प्रकार के व्यवसाय ही कर सकते हैं, और आप उस व्यवसाय अथवा उन व्यवसायों के अतिरिक्त कोई अन्य व्यवासाय के लिए उस दुकान का उपयोग करने वाले हैं तो आप को व्यवसाय बदलने के पहले भू-स्वामी से लिखित अनुमति प्राप्त करनी होगी। यदि आप के बीच कोई कोई किरायानामा नहीं लिखा गया है तो आप उस परिसर में कोई भी व्यवसाय करने को स्वतंत्र हैं।
लेकिन किराएनामे पर कोई भी व्यवसाय करने की छूट मिली होने के बाद भी आप उस में कोई ऐसा व्यवसाय या काम नहीं कर सकते जिस से न्यूसेंस उत्पन्न होता हो या उस काम को करने से भू-स्वामी के हितों पर सारतः या प्रतिकूलतः प्रभाव पड़ता हो।
हमारी राय में आप को दुकान में व्यवसाय बदलने के पहले अपने नगर के किसी वरिष्ठ दीवानी मामलों के वकील से राय करनी चाहिए। उस की राय के उपरान्त ही आप को व्यवसाय बदलने के बारे में सोचना और निर्णय करना चाहिए।
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अछि जानकारी