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क्रूरता के आधार पर न्यायिक पृथक्करण के साथ आवास और भरण पोषण प्राप्त किया जा सकता है।

alimonyसमस्या-
नीलम गोयल ने जयपुर, राजस्थान से पूछा है-

मेरे पति में मेरे लिए कोई संवेदनाएँ नही हैं,  मेंटली, एमोशनली, कोई संवेदनाएँ नही हैं। ना कभी टाइम दिया, चाहे में कितना भी कष्ट में रहूँ।  उन्हें सिर्फ़ अपने काम से लगाव है। जब कि मेरी कोई वित्तीय मांग उन से कभी नहीं रही।  ये घर में सब जानते हैं। में सिंपल लिविंग हाइ थिंकिंग में विश्वास रखती हूँ। अगर कभी किसी बात पर कोई मनमुटाव या उदासी हो जाती है तो ये उसे भी नज़रअंदाज करते हैं। चाहे मैं रोती रहूं, सामने बैठ खाना खा लेते हैं। मैं ने इन्हे कई बार बोलकर, लिख कर समझाने की कोशिश की है कि जब भी मेरा चेहरा उदास हो तो तुरंत बात कर लिया करो, लेकिन ये नज़रअंदाज करते हैं। मेरी शादी को 25 साल हो गये हैं। तब से ही मैं ने बहुत आँसू बहाए हैं। अब इन का अटिट्यूड बर्दाश्त नहीं होता। जिंदगी घिसट रही है। मेरे बेटे (22 वर्ष) ने भी कह दिया है कि अब कोई एक्सपेक्टेशन मत रखो।  बेटे ने भी कई बार उन्हे समझाने की कोशिश की है। मैं नोन वर्किंग हूँ, बेटा लास्ट सेमेस्टर बी.टेक में है।

क बात और शादी से पहले ये अपने एक खास दोस्त से ये बात करते थे कि हम अपनी पत्नियों को बदल लेंगे।  ये बात मुझे ग़लत लगी और मैं ने ऐसा करने से मना किया तो इन्हें अच्छा नहीं लगा। हालाँकि इनके दोस्त की पत्नी इस बात के लिए तैयार थी। मैं ने उस परिवार से संबंध विच्छेद कर लिए जो इन्हें (मेरे पति) को अच्छा नहीं लगा।. पहले कहीं घूमने का प्रोग्राम बनता था तो केवल उस परिवार के साथ ही बनता था और प्रोग्राम भी वही परिवार बनाता था।  जब से उस परिवार से संबंध विच्छेद हुए हैं।  तब से ये कोई प्रोग्राम नहीं बनाते ना ही मेरे साथ कोई वैल्युएबल समय बिताते हैं। इन का रूटीन सिर्फ़ सर्विसिंग, फीडिंग, स्लीपिंग है। मेरा संबंध तीन साल से तो बहुत बोझिल हो गया है।  में तो हर संभव बात कर साथ रहने का प्रयास किया है, ये मेरा बेटा भी जानता है।

ब मुझे आप बताएँ कि अलग रहने के लिए मुझे इनसे लीगली क्या मिलेगा?

समाधान-

प की बात बहुत स्पष्ट है जिसे किसी व्याख्या की कोई आवश्यकता नहीं है। आप के साथ क्रूरता पूर्ण व्यवहार हो रहा है और 25 वर्ष से उसे बर्दाश्त करती आ रही हैं और अब बर्दाश्त नहीं हो रहा है। आप के पति स्त्री को अपनी संपत्ति समझते हैं। वे समझते हैं कि उसे पति की हर बात चाहे वह कैसी भी क्यों न हो मान लेनी चाहिए। इसी कारण वे आप से दूर चले गए। उन्हें यौन शुचिता में विश्वास नहीं है और स्त्री के यौन अधिकारों की वे कोई परवाह नहीं करते। आप का अलग होने का निर्णय मुझे पूरी तरह उचित लगता है।

क्रूरता केवल शारीरिक नहीं होती वह मानसिक भी होती है। आप शारीरिक व मानसिक क्रूरता के आधार पर उन से न्यायिक पृथक्करण अथवा विवाह विच्छेद की डिक्री प्राप्त कर सकती हैं। न्यायिक पृथक्करण की डिक्री के बाद आप को आप के परिवार की हैसियत के अनुसार भरण पोषण भत्ता प्राप्त होगा। महिलाओं के प्रति घरेलू हिंसा कानून के अन्तर्गत आप उन के मकान में ही पृथक आवास, भरण पोषण का खर्च प्राप्त सकती हैं और यह आदेश भी प्राप्त कर सकती हैं कि आप के पति आप से किसी तरह का कोई संबंध न रखें और आप के सामान्य जीवन में किसी प्रकार का कोई दखल न दें।

प का पुत्र बीटेक का विद्यार्थी है। आप ने 25 वर्ष क्रूरता सहन की है। आप बेटे के लिए कुछ समय और भी सहन कर सकती हैं। मेरे विचार में बेटे के आत्मनिर्भर होने तक किसी भी तरह की कोई कार्यवाही किया जाना बेटे पर भी विपरीत प्रभाव डाल सकता है। इस कारण तब तक आप कोई कार्यवाही करना मुल्तवी करें तो बेहतर है। संसद द्वारा पत्नी को तलाक के बाद पति की संपत्ति का हिस्सा देने का कानून बनाया जाना शेष है। यदि विवाह विच्छेद उस कानून के आने के बाद होता है तो आप विवाह विच्छेद के बाद पति की संपत्ति का आधा हिस्सा तक प्राप्त कर सकती हैं।

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