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गलती को खुले मन से स्वीकार कर माफी मांग लेना सामने वाले को भी अपनी गलती मानने के लिए प्रेरित करेगा।

alimonyसमस्या-

रवितोष ने दिल्ली से समस्या भेजी है कि-

मैं एक सीए (सरकारी कंपनी गैल की सेवा में) हूँ और मेरी पत्नी फीजियोथेरेपिस्ट डाक्टर है और जीबी पंत अस्पताल में सेवा में है। मेरा विवाह 22 फरवरी 2014 को हुआ था, जिसके बाद हम थाइलेंड ,हनीमून पर गये, और ह्मारे बीच पर्सनल रिलेशन्स (एक्स-अफेयर) को ले कर विवाद हो गया। उस के बाद मेरी पत्नी अगले माह प्रिग्नेंट हो गई। प्रेग्नेंट हो गई। आप सी मिसअंडरस्टेंडिंग के कारण वह घर से अपने मायके( जून मे) चली गयी और वापस नहीं आई। डिलिवरी 2 दिसंबर 2014 को हुई और ह्म एक बेटी के माता पिता बन गये।, मैं डेलिवरी मे नहीं गया, क्योंकि मेरे लाख बुलाने के बावजूद वो नहीं आई थी। अब डिलिवरी के बाद मैं उसे ले आया हूँ, पर उसके दिमाग से ये नहीं गया कि में डिलीवरी मायके मे हुई है, और में और मेरे पेरेंट्स कभीं देखने या मिलने नहीं गये, यहाँ तक कि डिलीवरी में भी नहीं आए। अब वो लड़कर दुबारा अपने घर चली गई है। अब उस के घर वाले धमकी दे रहे हैं कि एफआईआर करा देंगे और फेक डाइवोर्स केस मे फँसा कर जॉब से निकलवा देंगे। जिस से में सड़क पर आ जाउंगा। वो आने को माना करती है और उसकी माँ का हस्तक्षेप इतना ज़्यादा है, कि वो वही करती है जो उस की माँ कहती है। उस के भाई, पिता जी से मैं मिला। पर वो कहते हैं,. कि उस का आने का मन नहीं है, ना वो उससे भेज रहे र्हे, ना तलाक़ दे रहे। बहुत अजीब दुविधा में हूँ। मेरी बेटी भी उसी के पास है। नौकरी में भी मन नहीं लगता, दाम्पत्य जीवन बिखर गया है। 1 साल भी नहीं हुआ शादी को।

समाधान-

प की दुविधा का कारण आप खुद हैं। यह समस्या को रखने के आप के तरीके से पता लग रहा है। हालांकि आप की पत्नी का पक्ष हमारे पास नहीं है और आप ने भी बहुत बातें छुपा ली हैं। आप का पुराने संबंधों के मामले में विवाद हुआ। जो नहीं होना चाहिए था। लगता है इस मामले में आप गलती पर थे और आप उसे गलती मान नहीं रहे थे। अपनी गलती मान लेते तो वह विवाद आगे नहीं बढ़ता।

किसी बात को ले कर पत्नी नाराज हो कर मायके चली जाए तो उसे मनाया जाता है। उस के सामने हेकड़ी नहीं दिखाई जाती है कि खुद वापस आ जाओ। फिर वापस न आने पर गुस्सा हो कर नहीं बैठा जाता है। आप की पत्नी की जचगी मायके में हुई तो क्या? आखिर वह अपनी संतान को जन्म दे रही थी तो वह आप की भी संतान थी। पत्नी की छोड़िए अपनी संतान के जन्म के समय आप को वहाँ होना चाहिए था। आप अपनी बेटी से भविष्य में क्या कहेंगे? यही न कि तुम्हारी माँ गुस्सा हो कर चली गई थी इस कारण उस के जन्म पर आप नहीं गए और बाद में भी काफी समय तक नहीं गए। क्या आप की बेटी इसे उस के जन्म के समय आप के पास न होने की सही वजह मान लेगी? फिर आप कहते हैं कि आप की बेटी भी उस के पास रह गई है। तो वह आप की ही बेटी है आप की पत्नी की नहीं।

तना होने पर भी पत्नी आप के साथ आ कर रहने लगी। आप के बीच फिर से विवाद हो गया। हमें लगता है इस विवाद का कारण भी आप की हेकड़ी रही है। आज का युग स्त्री-पुरुष की बराबरी का युग है। आप दोनों आत्मनिर्भर हैं। आप को एक दूसरे के साथ बराबरी का व्यवहार करना चाहिए।

स के भाई और पिता ने यही तो कहा है कि उस का मन नहीं है। सही भी है यदि बेटी बहन का ससुराल जाने का मन नहीं है तो क्या माता पिता व भाई जबरन उसे ससुराल भेज दें? क्या मायका बेटी का घर नहीं है?

प का मन काम में नहीं लग रहा है इस का कारण आप के मन के भीतर छुपा हुआ आप का दोष है जो आप को बराबर कचोटता है। आप इन स्थितियों को बदलना चाहते हैं और दाम्पत्य को सुधारना चाहते हैं तो आप को ही आगे बढ़ना पड़ेगा। अदालतें आप की कोई मदद नहीं कर सकेंगी और समय के साथ साथ आप के जीवन को भी नष्ट करेंगी।

प को चाहिए कि आप अपने दोषों को खुले मन के साथ केवल अपनी के साथ ही नहीं अपितु आप की सास सहित आप के सब मायके वालों के सामने स्वीकार करना चाहिए। उन के लिए माफी भी मांग लेना चाहिए। हन नहीं कहते कि आप की पत्नी का कोई दोष नहीं है। हो सकता है उस के भी दोष हों। लेकिन आप द्वारा अपने दोषों को स्वीकार कर उन के लिए माफी मांगना आप की पत्नी को अपने दोष देखने पर मजबूर करेगा। हमें लगता है कि यदि आप ने अपने अहंकार को त्याग कर विनम्रता का रुख अपनाया तो आप का दाम्पत्य फिर से सुधर सकता है।

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