गिफ्ट डीड के आधार पर कब्जे का वाद संस्थित कर सकते हैं।
|किशन सिंह ने जोधपुर, राजस्थान से समस्या भेजी है कि-
हम दो भाई हैं, शहर में पिता के नाम का एक मकान है। जिस में मेरा छोटा भाई रहता है। मेरे पिता ओर माता जी भी उसके साथ रहते थे। मगर भाई ओर भाई की पत्नी ने माता-पिता को परेशान किया जिस के कारण माता-पिता अपने कमरे में ताला लगाकर गाँव में पेतृक मकान में जाकर रहने लगे। मैं अपने मकान मे अलग रहता हूँ। पिता ने छोटे भाई से परेशान हो कर हमारा शहर वाला मकान मुझे गिफ्ट डीड से गिफ्ट कर दिया है। मगर उस मकान को मेरा भाई खाली नहीं कर रहा है। पहले भी पिता ने उस के ऊपर मकान खाली करने के लिया केस किया था जो खारिज हो गया है, अभी भी अपील में केस चल रहा है। इस बीच मे पिता ने मुझे गिफ्ट कर दिया है। मैं जानना चाहता हूँ कि मैं भाई से मकान को खाली केसे कराऊँ? वह कहता है कि उस ने मकान को बनाने के लिए 2 लाख रुपए भी लगाए थे इस कारण वह कहता है कि यह मकान मेरा है।
समाधान-
आप के शहर वाले मकान में भाई रहता है। यह मकान आप के पिता के नाम था। इस तरह भाई उस मकान में लायसेंसी के रूप में निवास कर रहा है। आप के पिता ने मकान आप को गिफ्ट डीड पंजीकृत करवा कर गिफ्ट कर दिया है। इस तरह मकान पर आप का स्वामित्व स्थापित हो गया है और आप भाई को लायसेंस समाप्त करने का नोटिस दे कर उस का लायसेंस समाप्त कर सकते हैं और लायसेंस समाप्त करने के नोटिस की तिथि के अनुसार लायसेंस समाप्त हो जाने पर मकान का कब्जा प्राप्त करने के लिए दीवानी वाद संस्थित कर सकते हैं। लेकिन यह सब करने में आप के पिताजी ने भाई के विरुद्ध जो मुकदमा किया था वह बाधा बन रहा है।
आप के पिताजी ने वह मुकदमा किस आधार पर किया गया था और उस में क्या राहत मांगी गयी थी यह आप ने नहीं बताया है और न ही यह बताया है कि वह मुकदमा क्यों खारिज हुआ और उस में दीवानी अदालत ने क्या क्या अधिकार निर्धारित किए हैं? उस निर्णय तथा उस मुकदमे में किए गए अभिवचनों व साक्ष्य का अध्ययन किए बिना आगे की राह नहीं निकल सकती है। उस निर्णय की अपील भी अभी लंबित है। इस कारण आप के मामले में कुछ भी उपाय बताना हमारे लिए संभव नहीं है। इस तरह के मामलों में बेहतर हो कि आप के पिता के अपील में जो वकील हैं आप उन से राय करें। यदि आप को लगता है कि वे वकील समस्या को समझ नहीं पा रहे हैं या वे ठीक से मामले को नहीं देख पा रहे हैं तो आप स्थानीय स्तर पर किसी अच्छे वकील को मामले को दिखाएँ और सलाह ले कर उस के अनुरूप कार्य करें।
Mera Nam Saurabh Ha.mere Pita Ji ne 2001me makan liya or usme 3 chacha or 3chachi bhi rhti Ha.Magr tb se lekar Aaj tj 100rupye bhi nhi diye or upr se kahate h ki Hamne Tmhare papa ko 2lakha diya Ha kahate h ki paisa do to khali karege isska Kya upay Ha.
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