जबरन विवाह को भी तलाक से ही समाप्त किया जा सकता है
| कुशीनगर, उत्तरप्रदेश से कुसुम पूछती हैं –
मेरी शादी को तीन माह हुए हैं। ये शादी मेरे घर वालों ने बिना मेरी मरजी के जबरदस्ती कर दी ह। मैं कवार लेना चाहती हूँ। क्या ये मुमकिन है? है तो कैसे?
उत्तर –
कुसुम जी,
आप ने नहीं बताया कि आप की उम्र कितनी है? यदि आप की उम्र विवाह के समय 18 वर्ष से अधिक थी तो यह कदापि नहीं माना जा सकता कि विवाह आप की इच्छा के बिना हुआ है। इच्छा के बिना हुआ विवाह भी अकृत नहीं होता है। इस विवाह को समाप्त करने का एक ही तरीका, विवाह विच्छेद अर्थात तलाक है। विवाह विच्छेद न्यायालय की डिक्री के माध्यम से ही संभव है। वर्तमान में आप के पास कोई भी आधार तलाक के लिए उपलब्ध नहीं है। वैसे भी विवाह के बाद एक वर्ष पूर्ण होने के पूर्व तलाक का आवेदन न्यायालय में कोई विशिष्ठ और मजबूत आधार होने पर न्यायालय की अनुमति से ही प्रस्तुत किया जा सकता है।
मेरी राय में आप का विवाह के तीन माह बाद ही तलाक लेने का निर्णय उचित नहीं है। यदि आप को यह विवाह पसंद नहीं था तो आप को विवाह के पूर्व ही दृढ़ता दिखानी चाहिए थी। अब तो मार्ग इतना आसान नहीं है। विवाह आप की नहीं तो आप के माता-पिता की पसंद से हुआ होगा। जब आप पहले दृढ़ता नहीं दिखा सकी हैं तो अब कैसे दिखा पाएंगी? यह किसी भी व्यक्ति की समझ से परे है। किसी को भी अपने जीवन में अपनी इच्छा के मुताबिक जीवन साथी प्राप्त नहीं होता है। यदि प्राप्त होता भी है तो वह वैसा नहीं निकलता जैसा व्यक्ति पहले से सोच कर चलता है। जीवन साथी में कुछ गुण आप की पसंद के होते हैं तो कुछ आप की पसंद से भिन्न। दुनिया में सभी स्त्री-पुरुषों को अपने जीवन साथी के साथ एडजस्ट कर के चलना पड़ता है। आप जिस से विवाह की इच्छा रखे बैठी हों, हो सकता है वह अब आप से विवाह के लिए तैयार ही न हो। यदि तैयार भी हो और आप से विवाह कर भी ले, तब भी आप चूंकि तलाक ले कर उस से विवाह करेंगी, इसलिए सारे जीवन आप के इस दूसरे जीवन-साथी का पलड़ा आप पर भारी रहेगा। मेरी राय में तो आप अपने पति को जानने परखने में कुछ समय लगाएँ। सोचें कि क्या इन के साथ जीवन बिताया जा सकता है। जीवन के अन्य पहलुओं पर भी गंभीरता से विचार करें। इस के बाद भी आप को लगता है कि आप अपने पति के साथ नहीं रह सकतीं हैं तो बेशक तलाक के लिए आगे कदम बढ़ाएँ। हिन्दू विवाह अधिनियम में इसीलिए यह प्रावधान रखा गया है कि विवाह के एक वर्ष के भीतर तलाक का आवेदन प्रस्तुत नहीं किया जा सकता।
यदि आप इस विवाह को समाप्त करना ही चाहती हैं तो सही तरीका यही है कि आप अपने पति को बता दें कि विवाह आप की इच्छा के बिना हुआ है और आप को इस विवाह के लिए विवश किया गया था। आप उन से कहें कि आप उन के साथ विवाह में नहीं रह सकतीं। इस लिए यह उत्तम होगा क
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4 Comments
आप की बात से सहमत, सुंदर सलाह, धन्यवाद
गुरुवर जी, आपने उपरोक्त लड़की को बहुत सही राय दी है. मगर कभी-कभी दूषित मानसिकता और नासमझ लड़कियां बदली हुई परस्थितियाँ को समझना नहीं चाहती है और अपने पति और सुसराल वालों को तंग करने लग जाती हैं. झूठे आधारों का निर्माण करती हैं. जब उसके माता-पिता को बेटी को तंग करने का पता चलता है. तब उसके माता-पिता अपनी बेटी को वेकसुर मानते हुए बिना किसी प्रकार की खोजबीन किये ही उसके सुसराल वालों को फर्जी केसों में फंसा देते हैं. कई बार ऐसी(दोनों हाथों में लड्डू रखने वाली) लड़की कभी-कभी न घर की रहती हैं और न सुसराल की रहती हैं. आज समाज में नैतिकता का बहुत ज्यादा गिरावट के कारण ही वैवाहिक संबंध ज्यादा टूट रहे हैं. मेरी पत्रकारिता हमेशा आम-आदमी की परेशानियों को लेकर रही है और विज्ञापन बुकिंग का कार्य होने के कारण ही बहुत से अनुभव है, क्योंकि अक्सर लड़के के माता-पिता मेरे पास अपने लड़के को संपत्ति से "बेदखल" करने के लिए दैनिक समाचार पत्रों में विज्ञापन प्रकाशित करवाने के लिए आते थें.
मेरी ऐसे(जिनकी लड़की के किसी से प्रेम संबंध हो) माता-पिता को सुझाव है कि-आप धर्म और जाति से ऊपर उठकर अपनी बेटी का विवाह कर दीजिये और फिर उसकी वैवाहिक जीवन को सुखमय बनाने के लिए अपने अनुभवों द्वारा मदद करें. इससे हमारे देश में समाज में चली आ रही दहेज प्रथा को रोक लगाने में उनका योगदान होगा. उनकी कभी भी शादी जबरदस्ती न करें. एक गलत की गई शादी दो परिवारों को नष्ट कर देती हैं.
अगर आप चाहे तो मेरे इस संकल्प को पूरा करने में अपना सहयोग कर सकते हैं. आप द्वारा दी दो आँखों से दो व्यक्तियों को रोशनी मिलती हैं. क्या आप किन्ही दो व्यक्तियों को रोशनी देना चाहेंगे? नेत्रदान आप करें और दूसरों को भी प्रेरित करें क्या है आपकी नेत्रदान पर विचारधारा?
ाच्छी सलाह के साथ अच्छी जानकारी भी। धन्यवाद।
सही सलाह.
वैसे तलाक की जगह ताल-मेल के लिए सोंचे तो अधिक व्यवहारिक होगा.