जमीन अपने नाम कराने के लिए घोषणा का वाद प्रस्तुत करें।
|समस्या-
मथुरा, उत्तर प्रदेश से सोनू कुमार ने पूछा है –
हमारे पास ½ बीघा जमीन है जो मेरे बाबा ने ली थी और जिस से जमीन ली थी उस की मृत्यु हो चुकी है। जमीन हमारे कब्जे में है। जिस से ली थी उस का पुत्र हमारे संपर्क के बाहर है। हमें उस का ठौर ठिकाना भी पता नहीं है। बाबा ने जिस समय जमीन ली थी उस का कोई सबूत भी हमारे पास नहीं है। अब हम उस जमीन को अपने नाम पर कैसे कराएँ?
समाधान-
आप के बाबा द्वारा खऱीदी गई उक्त भूमि कृषि भूमि है। कृषि भूमि पर कृषक का अधिकार एक किरायेदार की भाँति होता है और उसे सरकार को प्रतिवर्ष लगान के रूप में किराया देना होता है। राज्य सरकार इस भूमि की स्वामी होती है। आप के पास स्वामित्व के दस्तावेज नहीं हैं लेकिन भूमि आप के कब्जे में है।
आप अपने कब्जे के आधार पर उक्त भूमि पर खातेदार कृषक होने के अधिकार की घोषणा का दावा कर सकते हैं। इस दावे में आप को लंबी अवधि से भूमि पर अपना कब्जा साबित करना होगा। सभी राज्यों के कृषि कानूनों में अंतर है। उत्तर प्रदेश में जमींदारी विनाश अधिनियम प्रभावी है। आप को अपने न्याय क्षेत्र में राजस्व मामलों की प्रेक्टिस करने वाले किसी वरिष्ठ वकील से मिल कर सलाह करनी चाहिए। वे आप को उपयुक्त सलाह भी देंगे और राजस्व रिकार्ड में आप का अधिकार दिलाने हेतु आप की ओर से न्यायालय में कार्यवाही संस्थित कर सकेंगे।