जरूरी सलाह – वाहन बेचने पर खरीददार से पक्की रसीद जरूर लें।
|जीप, कार, ट्रक, बस, बाईक या सायकिल वाहन कैसा ही क्यों न हो जब उसे बेचें उस के बेचे जाने और कब्जा संभलाने की रसीद खरीददार से जरूर ले लें और संभव हो तो दो गवाहों के हस्ताक्षर भी जरूर करा लें।
ऐसे बहुत मामले मेरे सामने आए हैं कि वाहन विक्रय कर दिया गया। सब कागजातों पर हस्ताक्षर हो गए। आप बरी-जुम्मा। पर खरीददार आलस्य में उस के रजिस्ट्रेशन का हस्तांतरण अपने नाम नहीं कराता। बीमा भी नहीं कराता। दुर्घटना कर देता है। दुर्घटना में किसी को गंभीर चोट लगती है या किसी की मृत्यु हो जाती है या फिर संपत्ति की क्षतियाँ होती हैं। मुआवजे के लिए मुकदमा होता है। सारा दायित्व आप पर आ जाएगा क्यों कि रिकार्ड में आप ही उस के पंजीकृत स्वामी हैं।
इस के आगे, आप का वाहन किसी संदिग्ध गतिविधि में लिप्त पाया जाता है जैसे चोरी, अपहरण, हत्या या आतंकवादी गतिविधि। पुलिस वाहन के पंजीयन के आधार पर आप पर हाथ डालती है। आप के पास कोई सबूत नहीं कि आप ने वह वाहन किसे बेचा था। आप बेकसूर हो कर भी परेशान हो रहे हैं हो सकता है परिस्थितिजन्य साक्ष्य के आधार पर सजा भी भुगतनी पड़े।
हाँ, मैं एक काम करता हूँ जब भी ऐसा कोई सौदा होता है और मुझ से सलाह ली जाती है तो यही सलाह देता हूँ कि विक्रय के अनुबंध की दो प्रतियाँ स्टाम्प पेपर पर निकाली जाएँ। एक पूरी राशि के स्टाम्प पेपर पर और दूसरी दस रुपए के स्टाम्प पेपर पर प्रतिलिपि के लिए। अनुबंध के एक पक्षकार पर मूल रहे तथा दूसरी प्रति दूसरे पक्षकार के पास रहे। दोनों प्रतियों पर सभी पक्षकारों और गवाहों के हस्ताक्षर रहें। दो से अधिक पक्षकार होने पर एक से अधिक दस रुपए के स्टाम्प पेपरों पर इस तरह की प्रतियाँ की जा सकती हैं और सब पर सब पक्षकारों के उसी प्रकार हस्ताखक्षर कराए जा सकते हैं। इस तरह आप अनेक मुसीबतों से बचते रहेंगे।
मैने तथा मेरी बहन ने नोयडा के एक बिल्डर के पास ४-४ लाख रुपये १-१ प्लॉट के लिए २००६ मे जमा करवाए थे
आज तक प्लॉट ना मिलने के कारण हम उस से अपने पैसे वापिस चाहते हैं .मेरा वकील कहता है की कमपॅनी वायेंड अप करने के लिए दो अलग अलग मुक़दमा डालनी पड़ेगी .
मैं हम दोनो की तरफ से इकठ्ठा मुक़दमा डालना चाहता हून .वकील कहता है 433 धारा मे केस एक साथ नही चल सकते .
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very nice info
दीपावली पर आप को और आप के परिवार के लिए
हार्दिक शुभकामनाएँ!
धन्यवाद
वाहन की रकम मिल जाने के बाद विक्रेता पलट कर भी नहीं देखता – यह सामान्य चलन बना हुआ है । ‘जब कुछ होगा, तब देखा जाएगा’ कहने वाले मेरे एक मित्र ने, लाख समझाने के बाद भी क्रेता पर जोर डालकर, पंजीयन में परिवर्तन नहीं कराया । उस वाहन से दुर्घटना हो गई । वाहन का स्वत्वाधिकारी मजे से घूम रहा है और मेरे मित्र ‘देखा जाएगा’ के नाम पर अब कचहरी के चक्कर काट रहे हैं ।
आपने नेक सलाह दी है ।
ये तो वाहन की बात पर अपने एक प्रिय कवि ने अपना एकमात्र प्लाट एक प्रापर्टी डीलर के जाल में आकर एक घर के बदले में दिया है।जरूरी कागज लिए नहीं हैं-मामला यकीन पर है। शायद यहां आपकी सलाह की दरकार पड़े।
..आज का विषय काफ़ी लोगो के काम आएगा ,ऐसे विषयों पर जानकारी देते रहिये …….दीपावली की हार्दिक शुभकामनाये .
अच्छी पोस्ट…।
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दीपावली की शुभकामनाएं।
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सही सलाह!!
दीपावली के इस शुभ अवसर पर आप और आपके परिवार को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाऐं.
बहुत जरूरी सलाह। धन्यवाद।
बहुत अच्छी जानकारी दी आपने ! असल में हम यहीं आलस्य वश या अज्ञान- वश ग़लती कर जाते हैं और उसके परिणाम भी भुगतने पड़ते हैं ! आप हमेशा ही जनोपयोगी जानकारियां इस ब्लॉग पर देते रहते हैं ! आपको बहुत धन्यवाद और दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं !
शुक्रिया द्विवेदी जी ! यह मुफ्त सलाहें देकर आप बहुत लोगों पर उपकार कर रहे हैं ! सार्थक पोस्ट के लिए आपका धन्यवाद !
दीप मल्लिका दीपावली – आपके परिवारजनों, मित्रों, स्नेहीजनों व शुभ चिंतकों के लिये सुख, समृद्धि, शांति व धन-वैभव दायक हो॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰ इसी कामना के साथ॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰ दीपावली एवं नव वर्ष की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं
मैंने अपना वाहन कुछ माह पहले ही बेचा है। यह एलएमएल स्कूटर है, एमपी ०९ ६२३५। मैं इसकी रसीद लेता हूं और कोशिश करता हूं बाकी कागजी कार्रवाइयां भी पूरी कर लूं।
धन्यवाद।
सही सलाह है।
दीप पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ।
बेहतरीन तहरीर है…अच्छी जानकारी मिली…
दीपावली की हार्दिक मंगलकामनाएं…