ठोस आधार और काउंसलिंग के बिना तलाक की कार्यवाही ठीक नहीं।
|समस्या-
शिखर आकाश ने मथुरा, उ.प्र. से पूछा है-
मेरा साला हरियाणा के फरीदाबाद शहर में रहता है और एक प्राईवेट फर्म में काम करता है। उस की शादी गत दो वर्ष पूर्व हुई थी,एक पुत्र भी है। घर में साले के साथ माता पिता और छोटा भाई है, दो बहने हैं जिन की शादी हो चुकी है। साले की पत्नी सब कुछ होते हुए भी लापरवाही बरात रही है। यहाँ तक की अपने पुत्र की देखभाल से भी बचना चाहती है। खुद साफ़ नहीं रहती है ना अपने पुत्र और पति पर ध्यान देना चाहती है। सुन कर अनसुना करना आदत है। मेरे साले ने समझाने के सारे जतन कर लिए। किन्तु उसके व्यवहार में कोई परिवर्तन नहीं है साला हर तरीके से उसे समझा चुका है। वह उसकी भी बात नहीं सुनती है और सुधरना नहीं चाहती है। साला बहुत खुश मिजाज़ है और वह अपनी पत्नी पर हाथ नहीं उठाना चाहता है। प्यार से समझा कर थक चुका है सास, ससुर और साले की परवाह साले की पत्नी को नहीं है। बावजूद इस के कि साले की माँ स्वयं वद्धावस्था की होते हुए घर का सारा काम करती है साले की राय और सोच यह है कि वह अपनी पत्नी को किसी मानसिक चिकित्सक को दिखाने की योजना बना रहा है। पत्नी के घर वाले कुछ भी सुनने को तैयार नहीं है साला तलाक लेना चाहता है कानून क्या कहता है इस बारे में जानना चाहूंगा।
समाधान-
आप ने जो परिस्थितियाँ बताई हैं, उन से लगता है कि साले की पत्नी को कोई मानसिक रोग हो भी सकता है, या फिर वह अल्पविकसित मस्तिष्क की हो सकती है। दोनों ही स्थितियों में उस के साथ पति और ससुराल वालों को मानवीय व्यवहार करना चाहिए। यदि इन स्थितियों का कारण रोग है तो उस की चिकित्सा कराई जानी चाहिए। एक रोगी के प्रति द्वेष पाल लेना तो अमानवीय है। यदि आप की बहिन को विवाह के बाद ऐसी ही कोई बीमारी हो जाए और उस का पति तलाक लेने के लिए कहे तो आप क्या करेंगे?
पुत्र की देखभाल ठीक से नहीं करना और ऐसी लापरवाही करना जिस से बच्चे को चोट पहुँचे अपराधिक हो सकता है। लेकिन वैसा कुछ तो आप ने नहीं बताया। आजकल अधिकांश लड़कियाँ एक एकल परिवार का सपना पाले रहती हैं, उन में से कई संयुक्त परिवार को जीवन भर स्वीकार नहीं कर पातीं। पर सास, ससुर की बात और है पर जब स्त्री अपने पति व बच्चे का ध्यान न रखे या परवाह न करे तो या तो वह बीमार है या फिर जानबूझ कर ऐसा व्यवहार करती है। यदि वह जानबूझ कर ऐसा व्यवहार करती है तो यह पति के प्रति क्रूरता है
जो तथ्य आप ने बताए हैं, वे जीवन के प्रति नजरिये से संबंधित भी हो सकती हैं। ऐसा हो सकता है कि साले की पत्नी का बचपन ऐसी परिस्थितियों में गुजरा हो जिस से उस का व्यवहार ऐसा हो। लेकिन ये बातें तो विवाह के पहले सोची और देखी जानी चाहिए थी। अब तो वह बच्चे की माँ भी है। साला पत्नी पर हाथ नहीं उठाना चाहता, यह तो सामान्य व्यवहार की बात है। किसी भी परिस्थिति में किसी के साथ मारपीट करना तो समस्या का हल नहीं हो सकता। इस से तो स्थितियाँ और खराब हो जाएंगी। वह तो पत्नी के साथ क्रूरता होगी जो कि धारा 498-ए आईपीसी में अपराध है।
उस के और उस के माता, पिता, भाई, बहन के सामने सारी बात स्पष्ट रूप से रखनी चाहिए और उन से कहा जाना चाहिए कि वे उस की चिकित्सा कराने को उसे मनाएँ। हो सकता है इस से काम बन जाए। आप का साला तलाक लेना चाहता है। लेकिन आप के द्वारा प्रस्तुत तथ्यों में कोई ऐसी बात नहीं है जिस से लगे कि आप के साले के पास तलाक के लिए कोई आधार है। यदि तलाक के लिए कोई मजबूत आधार हो तो ही कार्यवाही करनी चाहिए अन्यथा नहीं।
बिना किसी आधार के और बिना न्यायालय पूर्व काउंसलिंग के कोई कार्यवाही करना उचित नहीं होगा। वैसी स्थिति में यदि साले की पत्नी अपने मायके चली जाए। वहाँ जा कर वह स्वयं अपने साथ पति और उस के रिश्तेदारों के विरुद्ध क्रूरता व अन्य आरोप लगाए तो आप का साला व सभी रिश्तेदार किसी अपराधिक मुकदमे में अभियुक्त बनाए जा सकते हैं। इस बात का ध्यान भी आप को रखना चाहिए।
सुलभ जानकारी मुहैया कराने के लिए आभार |