दान की शर्त पूरी न होने पर दान की गयी संपत्ति वापस ली जा सकती है।
|समस्या-
रोबिन मरण्डी ने ग्राम-हरकुण्डा,पोस्ट-प्रसंडो,थाना-हवेली, खड़गपुर, जिला-मुगेंर,राज्य-बिहार से पूछा है-
मेरे पिताजी ने अपनी सात कट्ठा जमीन सरकारी प्राथमिक विद्यालय के निर्माण हेतु दान में दी थी।पर उक्त विद्यालय का निर्माण किसी दूसरी जमीन पर कर दिया गया।मेरा सवाल है कि,क्या इस दान की गयी जमीन पर मेरे पिताजी का कुछ अधिकार हैं ?
समाधान-
कोई भी दान संपत्ति का हस्तान्तरण है जो एक विलेख के पंजीकरण के माध्यम से संपन्न किया जा सकता है। इस विलेख में दान की शर्तें भी अंकित होती हैं।
जैसा आपने बताया है कि भूमि का दान उस पर विद्यालय निर्माण के लिए किया गया था। इस का सीधा अर्थ है कि दान पत्र में यह शर्त अवश्य ही अंकित होगी।
किसी भी दान में प्रतिफल सम्मिलित नहीं होता है। जब कि हर संविदा में प्रतिफल होना जरूरी है। लेकिन कोई भी दान (प्रतिफल के सिवा) उन तमाम कारणों से समाप्त किया जा सकता है, जिन कारणों से एक संविदा को समाप्त किया जा सकता है।
आप के मामले में दान की शर्त ही यही थी कि दान की गयी भूमि पर विद्यालय का निर्माण किया जाएगा। विद्यालय का निर्माण दूसरी भूमि पर कर दिया गया है। ऐसी स्थिति में आप के पिताजी उस दान की गई भूमि को वापस ले सकते हैं। इस के लिए वे पहले विधिक नोटिस दें और नोटिस की अवधि के उपरान्त भूमि को वापस लेने के लिए दीवानी वाद संस्थित करें।